मुख्यमंत्री ने विधान सभा में राज्यपाल जी द्वारा समवेत सदन में दिए गए अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में विचार व्यक्त किए

अयोध्या में भारत के राष्ट्र मन्दिर की पुनप्र्रतिष्ठा तथा देश के गौरव की प्राण प्रतिष्ठा का कार्य सम्पन्न हुआ, भारत की लोक आस्था का सम्मान हुआ, भारत का जनविश्वास सुदृढ़ हुआ: मुख्यमंत्री

गांव-गांव में गई विकसित भारत संकल्प यात्रा ने हर व्यक्ति को प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में देश में हुए विकास, कल्याण तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट कार्यों से अवगत कराया

यह देश राम राज्य की अवधारणा को ही स्वीकार करेगा, बिना भेदभाव सभी को योजनाओं का लाभ देना तथा सबका साथ-सबका विकास, सबका प्रयास-सबका विश्वास, यही रामराज्य की अवधारणा

डबल इंजन सरकार की डबल स्पीड भी, अमृतकाल में इसके डबल से अधिक परिणाम भी मिल रहे

सुशासन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में प्रदेश की कानून व्यवस्था ने बड़ी भूमिका का निर्वहन किया, प्रदेश की कानून व्यवस्था को एक माॅडल के रूप में माना जाता

हमारी सरकार अन्नदाता किसानों के लिए समर्पित

प्रदेश में 06 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से ऊपर उठे

यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के माध्यम से लगभग 40 लाख करोड़ रु0 के निवेश प्रस्ताव मिले, आगामी 19 फरवरी को प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों से इनमें से 10 लाख करोड़ रु0 के निवेश प्रस्ताव की ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी का लखनऊ में आयोजन

वर्ष 2020 में महिला सशक्तीकरण के लिए प्रारम्भ मिशन शक्ति कार्यक्रम देश में एक मॉडल बना

उ0प्र0 अब बिजनेस हब और निवेश का ड्रीम डेस्टिनेशन बना

वर्ष 2016-17 में प्रदेश का कुल विद्युत उत्पादन 5,600 मेगावाॅट था, जो वर्तमान में 8,688 मेगावाॅट हो गया

प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे शीघ्र तैयार हो जाएगा, बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे तथा चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे की कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ रही, प्रयागराज महाकुम्भ के पूर्व ही गंगा एक्सप्रेस-वे को संचालित किए जाने का प्रयास

प्रयागराज महाकुम्भ-2025 में सुरक्षा, स्वच्छता तथा सुव्यवस्था के उसी माॅडल को स्थापित करेंगे, जो वर्ष 2019 के कुम्भ में किया गया था

पिछले पौने सात वर्षों में प्रदेश में 06 लाख सरकारी नौकरी पारदर्शी तरीके से दी गयी, 02 करोड़ से अधिक नौजवानों को नौकरी और रोजगार की सुविधा उपलब्ध करवाई गयी,
01 करोड़ 10 लाख से अधिक युवाओं और उद्यमियों को स्वरोजगार के साथ जोड़ा गया

01 लाख 55 हजार 600 से अधिक पुलिस कार्मिकों की भर्ती सम्पन्न, इनमें 22,670 महिला कार्मिक सम्मिलित, वर्तमान में 68,600 से अधिक पदों पर भर्ती की प्रक्रिया प्रचलित

स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना के अन्तर्गत 17 लाख 61 हजार से अधिक युवाओं को स्मार्टफोन और 7,54,000 युवाओं को टैबलेट से आच्छादित किया गया

16 डोमस्टिक एयरपोर्ट तथा 05 इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के साथ उ0प्र0 शीघ्र 21 एयरपोर्ट वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा

अयोध्या व काशी को सोलर सिटी तथा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे को सोलर एक्सप्रेस-वे के रूप में विकसित करने की कार्यवाही

प्रदेश सरकार ने जनवरी, 2024 तक गन्ना किसानों को 02 लाख 33 हजार 793 करोड़ रु0 गन्ना मूल्य का भुगतान किया, 22 वर्षों में जितना भुगतान हुआ, उससे ज्यादा भुगतान मात्र 07 वर्षों में ही गन्ना किसानों के खातों में किया गया

उ0प्र0 में हम दृढ़संकल्प और लोक मंगल के की अवधारणा को लेकर आगे बढ़े थे, वह संकल्प और दृढ़ता आज हर क्षेत्र में देखने को मिली

उ0प्र0 के स्किल्ड मैनपावर की डिमांड न केवल प्रदेश, देश में है, बल्कि दुनिया में भी

स्वामित्व योजना के अन्तर्गत 90,866 गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण का कार्य पूरा, 75,78,000 से अधिक घरौनी वितरित

06 करोड़ 64 लाख लाभार्थियों की फैमिली आई0डी0 की अब तक सीडिंग

प्रदेश से 02 लाख करोड़ रु0 से अधिक का ओ0डी0ओ0पी0 दुनिया के मार्केट में पहुंच रहा

देश की पहली रैपिड रेल उ0प्र0 में चली

सोलर चरखे से उत्पादित खादी को मान्यता देने वाला उ0प्र0, देश का पहला राज्य

लखनऊ: 07 फरवरी, 2024


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि अयोध्या में भारत के राष्ट्र मन्दिर की पुनप्र्रतिष्ठा तथा देश के गौरव की प्राण प्रतिष्ठा का कार्य सम्पन्न हुआ है। भारत की लोक आस्था का सम्मान हुआ। भारत का जनविश्वास सुदृढ़ हुआ है। लोकतांत्रिक व्यवस्था पर लोगों का विश्वास मजबूत हुआ है। भारत की सनातन आस्था गौरवान्वित हुई है। यह अपने उन सभी पूर्वजों के प्रति तर्पण, अर्पण का एक अवसर था, जिन्होंने स्वयं को इस पूरे आन्दोलन के प्रति होम किया था। 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या ऐसी लग रही थी, जैसा तुलसीदास जी ने कहा है कि ‘अवधपुरी प्रभु आवत जानी, भई सकल सोभा कै खानी।’ अर्थात अवधपुरी पूरी तरह शोभायमान थी।
मुख्यमंत्री जी आज विधान सभा में राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी द्वारा राज्य विधान मण्डल के समवेत सदन में दिए गए अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते हुए अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पक्ष और विपक्ष के 100 से अधिक सदस्यों ने इस पूरी चर्चा में भाग लिया। उन्होंने राज्यपाल जी द्वारा प्रस्तुत अभिभाषण के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त किया तथा चर्चा में भाग लेने वाले सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्यपाल जी ने अपने भाषण में कहा था कि हम राम राज्य की अवधारणा को आज साकार होते हुए देख रहे हैं। यह देश राम राज्य की अवधारणा को ही स्वीकार करेगा। राम राज्य, आर्थिक संपन्नता, विकास उन्मुख समाज तथा राजनीतिक अखण्डता का निर्माण ही हम सभी का उद्देश्य होना चाहिए। हमें अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति भी होनी चाहिए। हमें याद रखना होगा कि अतीत की नींव पर हम एक सुदृढ़ भवन का निर्माण कर ही आगे बढ़ सकते हैं।
हमारा राम राज्य एक सर्वकालिक, सार्वभौमिक, सार्वदेशिक तथा एक शाश्वत व्यवस्था है। बिना भेदभाव के सभी को योजनाओं का लाभ देना तथा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास’ यही राम राज्य की अवधारणा है। 22 जनवरी का कार्यक्रम इसी बात की प्रेरणा हम सभी को दे रहा था। हम सभी इसके लिए निरंतर प्रयास करना होगा। बहुत अच्छे ढंग से हम प्रदेश को आगे बढ़ा सकते हैं। राज्यपाल जी का अभिभाषण एक प्रेरणा तथा मार्गदर्शन है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महर्षि वेदव्यास ने भारत की ज्ञान परम्परा तथा धरोहर को विस्तार देकर संहिताबद्ध करते हुए भावी पीढ़ी के लिए संरक्षित करने का कार्य किया। महर्षि वेदव्यास के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए उनकी जयंती को हम गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं। उन्हें सनातन हिन्दू धर्म के गुरु के रूप में मान्यता देते हैं। हमारे यहां कथा परम्पराओं में व्यास पीठ, ऋषि परम्परा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए होती है। महर्षि वेदव्यास ने महाभारत काल की आठ पीढ़ियों को अपनी आंखों से देखा और घटनाक्रम का संरक्षण किया। उन्होंने उस समय उभरती हुई व्यवस्था और राजवंश को देखा तथा वह महाभारत युद्ध के साक्षी बनें।
महर्षि वेदव्यास ने कहा था कि ‘ऊध्र्वबाहुर्विरौम्येष न च कश्चिच्छृणोति मे। धर्मादर्थश्च कामश्च स किमर्थं न सेव्यते।।’ अर्थात मैं दोनों भुजाएं ऊपर उठा कर पुकार-पुकार कर कह रहा हूं, किन्तु मेरी बात कोई नहीं सुनता। धर्म से मोक्ष तो मिलता ही है, अर्थ और काम भी धर्म से ही सिद्ध होते हैं, फिर भी लोग उसका सेवन नहीं करते। यह केवल महर्षि वेदव्यास की ही पीड़ा नहीं थी, वर्ष 2014 से पूर्व पूरे देश और वर्ष 2017 से पूर्व पूरे उत्तर प्रदेश की भी यही पीड़ा थी। वर्ष 2017 के पूर्व उत्तर प्रदेशवासियों के सामने पहचान का संकट था। प्रदेश का युवा पहचान छुपाने के लिए मजबूर था। प्रदेश में रोजगार के अवसर नहीं थे। बाहर जाने पर नौकरी नहीं मिलती थी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में 22 जनवरी 2024 को प्रभु श्री रामलला अपने स्वयं के भव्य मन्दिर में विराजमान हुए। पूरा देश इस दृश्य से अभिभूत था। सत्य व न्याय का पक्षधर दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति गौरवान्वित था। हर सनातन धर्मावलम्बी की आंखों में हर्ष तथा गौरव के आंसू थे। वह इस आन्दोलन में अपनी पीढ़ियों की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहभागिता के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्होंने इस वातावरण का प्रत्यक्ष अनुभव किया। प्रदेश की आबादी 25 करोड़ है तथा देश की जनसंख्या 140 करोड़ है। आयोजन में कमोवेश देश के प्रत्येक प्रदेश का प्रतिनिधित्व था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, जनप्रतिनिधिगण, पूज्य संतों, आचार्यों के साथ-साथ समाज के प्रत्येक तबके की उपस्थिति थी। ऊर्जा से भरपूर अद्भुत वातावरण था। जिस उत्तर प्रदेश के नागरिकों को देखकर टिप्पणी की जाती थी तथा जिस प्रदेश में कोई आना नहीं चाहता था, आज देश दुनिया का हर व्यक्ति उत्तर प्रदेश आने के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सदन के पहले दिन सर्वदलीय बैठक में प्रत्येक सदस्य के चेहरे पर आत्मसंतोष का भाव था कि जो अयोध्या में हुआ है, अच्छा हुआ है। प्रत्येक व्यक्ति के मन में अयोध्या जाने का भाव था। यह अद्भुत, अलौकिक तथा अविस्मरणीय क्षण था।  हर व्यक्ति गौरव की अनुभूति इसलिए कर रहा था कि लगभग 500 वर्षों तक चले एक लम्बे संघर्ष के पश्चात सर्वानुमति से उसके समाधान का रास्ता निकला तथा पूरे देश की जन भावनाओं के अनुरूप श्रीरामलला के भव्य मन्दिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। श्रीरामलला प्रत्यक्ष रूप से विराजमान हुए। यह दुनिया के अन्दर पहली घटना थी, जहां प्रभु को अपने स्वयं के अस्तित्व के लिए स्वयं प्रमाण जुटाने पड़े। श्रीराम की मर्यादा हमें धैर्य की प्रेरणा देती है। यह धैर्य सनातन धर्मावलम्बियों ने 500 वर्षों तक किया। इस धैर्य का फल दीपोत्सव, प्रसन्नता, आतिशबाजी के रूप में 22 जनवरी 2024 को देश और दुनिया के सनातन धर्मावलम्बियों को प्राप्त हुआ।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रभु श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा तथा भारत के गौरव की पुनस्र्थापना की प्रसन्नता के साथ-साथ इस बात की भी प्रसन्नता थी कि हमने वचन निभाया और मन्दिर वहीं बनाया। जो कहा सो किया। जो संकल्प लिया उसकी सिद्धि हुई। हम केवल बोलते नहीं करते भी हैं। आज नव्य, भव्य और दिव्य अयोध्या को देखकर प्रत्येक व्यक्ति अभिभूत है। यह कार्य बहुत पहले हो जाना चाहिए था। मन्दिर विवाद न्यायालय में लम्बित था, लेकिन वहां की सड़कों को चैड़ा तथा घाटों का पुनरुद्धार किया जा सकता था। अयोध्यावासियों को बिजली की आपूर्ति की जा सकती थी। अयोध्या में स्वच्छता की व्यवस्था की जा सकती थी। स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं दी जा सकती थीं। एयरपोर्ट का निर्माण किया जा सकता था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विकास के इन कार्यों को एक मंशा के साथ रोका गया था। इसी मंशा से अयोध्या, काशी तथा मथुरा-वृन्दावन का विकास अवरुद्ध किया गया था। यह मुद्दा नीयत का था। हमारी आस्था भी नीति और नीयत भी साफ तथा स्पष्ट थी। हम बिना रुके, बिना डिगे तथा बिना झुके अयोध्या सहित प्रदेश के हर जनपद में गए। मैं स्वयं अयोध्या और काशी के साथ ही, नोएडा और बिजनौर भी गया। अयोध्या को इसलिए अभिशिप्त कर दिया गया था कि वहां जाने से वोट बैंक कट जाएगा। नोएडा और बिजनौर लोग इसलिए नहीं जाते थे कि वहां जाने पर कुर्सी चली जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम इन चारों जगह गए। अयोध्या इसलिए गए क्योंकि यह हमारी आस्था का स्थल है। इसी प्रकार, नोएडा और बिजनौर के बारे में उन्हें अवगत कराया गया कि वहां जाने से मुख्यमंत्री की कुर्सी चली जाती है। वह नोएडा और बिजनौर दोनों जगह गए। क्यांेकि नोएडा और बिजनौर, दोनों ही उत्तर प्रदेश का हिस्सा हैं। जब व्यक्ति स्वयं शाश्वत नहीं है, तो फिर कुर्सी किसकी शाश्वत रहेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या का भव्य दीपोत्सव आज राष्ट्रीय आयोजन तथा राष्ट्रीय उत्सव बन गया है। इसे शुरू करने का सौभाग्य हमारी सरकार को प्राप्त हुआ। आज यह नित नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है। अयोध्या को उसकी पहचान दिलायी गई। विवाद एक स्थल विशेष का था, जिसकी न्यायालय में सुनवाई हो रही थी, लेकिन अयोध्या की जनता तथा वहां आने वाले श्रद्धालुओं को वंचित कर दिया गया था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिछली सरकारों के समय अयोध्या नगरी को कफ्र्यू और प्रतिबन्धों के दायरे में लाया गया था। सदियों तक अयोध्या एक सुनियोजित तिरस्कार झेलती रही। अयोध्या के साथ अन्याय हुआ। लोक आस्था और जनभावना के साथ ऐसा खिलवाड़ सम्भवतः दूसरी जगह नहीं देखने को मिलेगा। जब अन्याय की बात होती है तो 5,000 वर्ष पूर्व पाण्डवों के साथ भी अन्याय हुआ था। उस समय कृष्ण ने कौरवों से कहा था ‘बस दे दो केवल 05 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम। हम वहीं खुशी से खाएंगे, परिजन पर असि न उठाएंगे। लेकिन दुर्योधन वह भी दे न सका, आशीष समाज की ले न सका।’ दुर्योधन ने भगवान श्रीकृष्ण को भी बन्धक बनाने का प्रयास किया। ‘उल्टे हरि को बांधने चला, जो था असाध्य, साधने चला।’ यही अयोध्या, काशी और मथुरा के साथ हुआ।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सैकड़ों वर्षों से हमारी आस्था केवल 03 स्थलों की बात कर रही है। क्योंकि यह सामान्य स्थल नहीं हैं, बल्कि विशिष्ट स्थल हैं। यह ईश्वर के अवतरण की धरती है। लेकिन एक जिद तथा वोट बैंक की राजनीति से विवाद की स्थिति बनी है। विदेशी आक्रान्ताओं ने देश की धन-दौलत लूटने के साथ ही, इस देश की आस्था को भी रौंदने का कार्य किया था। आजादी के बाद अपने वोट बैंक के लिए उन आक्रान्ताओं को महिमा मण्डित करने के कुत्सित प्रयास हुए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जन्म से हम सनातनी भारतीय हैं। यह बोलने में संकोच नहीं होना चाहिए। भारत के महापुरुषों, वीर सेनानियों तथा आराध्य देवों को सम्मानित करने के बजाए हम उन आक्रान्ताओं का महिमा मण्डन करें, जिन्होंने भारत की लोक आस्था पर प्रहार किया और जन विश्वास को रौंदा, यह देश अब बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करेगा। उस समय दुर्योधन ने कहा था ‘सूच्याग्रं नैव दास्यामि बिना युद्धेन केशव।’ अर्थात हे कृष्ण, बिना युद्ध के सूई की नोक के बराबर भी जमीन नहीं दूंगा। परिणाम हुआ कि सभी कौरव समाप्त हो गए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज अयोध्या में सदियों की प्रतीक्षा दूर हुई है। अयोध्या में आज इण्टरनेशनल एयरपोर्ट है, जहां से 14-15 फ्लाइट्स देश के अलग-अलग स्थानों के लिए जा रही हैं। आज उत्तर प्रदेश 04 इण्टरनेशनल एयरपोट्र्स के साथ 09 एयरपोट्र्स को क्रियाशील कर चुका है। 10 अन्य एयरपोट्र्स को क्रियाशील करने जा रहे हैं। अयोध्या में माता शबरी केे नाम पर रसोई घर तथा निषादराज के नाम पर रैनबसेरा बन गया है। अयोध्या में भरत कुण्ड सहित प्राचीन कुण्डों का पुनरुद्धार हो रहा है। आज अयोध्या का वैदिक रामायण सिटी के रूप में विकास हो रहा है। साथ ही, भौतिक विकास के रूप में एक भव्य और दिव्य अयोध्या दिख रही है। वर्तमान में अयोध्या एवं अयोध्या से जुड़े अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर कार्यों के लिए 31,000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रोजेक्ट या चल रहे हैं या तो पूरे हो चुके हैं। इनमें धर्म पथ, राम पथ, भक्ति पथ तथा जन्मभूमि पथ का निर्माण हो चुका है। अयोध्या की सिंगल लेन की सड़कें 4-लेन हो गई हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या में गुप्तार घाट, राम घाट तथा नया घाट एक नए स्वरूप में आ गए हैं। रामजी की पैड़ी पर दीपोत्सव का भव्य आयोजन हो रहा है। अयोध्या में 6-6 मल्टीलेवल पार्किंग बनी हैं। वहां रैनबसेरे बन रहे हैं। नई अयोध्या बसाने के लिए टाउनशिप की नई स्कीम आ रही है। अयोध्या में सभी राज्यों के स्टेट गेस्ट हाउस बनाने तथा भारत के सनातन धर्म से जुड़े हर पंथ और सम्प्रदाय को धर्मशाला निर्माण के लिए भूमि आवंटन की कार्यवाही चल रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ी गई। वर्ष 2019 में मा0 उच्चतम न्यायालय से सर्वसम्मत फैसला आया। आज भव्य मन्दिर का निर्माण हमें देखने को मिला है। वर्तमान पीढ़ी सौभाग्यशाली है कि 500 वर्षों के लम्बे अन्तराल के बाद अवधपुरी में प्रभु के भव्य, दिव्य और नव्य मन्दिर निर्माण के हम साक्षी बने हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 16 दिनों में 36 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने अयोध्या धाम में दर्शन किए हैं। कल अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री, वहां की कैबिनेट तथा पूरी विधान सभा अयोध्या में दर्शन करने आयी थी। कल ही नेपाल के सांसदगण भी अयोध्या दर्शन के लिए गए थे। आज फिजी और कल सूरीनाम के राष्ट्र प्रमुख अयोध्या जा रहे हैं। जो भी अयोध्यापुरी में जा रहा है, उनके मुख से तुलसीदास जी की यह पंक्तियां निकल रही हैं कि ‘अवधपुरी अति रुचिर बनाई।’
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले अयोध्या की गलियों में गोलियां चलती थीं, परिक्रमाएं प्रतिबन्धित होती थीं और कफ्र्यू लगता था। आज भव्य, दिव्य और नव्य अयोध्या हर सनातन धर्मावलम्बी सहित प्रत्येक भारतवासी को आकर्षित करेगी। साथ ही, यह देश-दुनिया में सबसे बड़े टूरिस्ट डेस्टिनेशन तथा दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी बनने की ओर अग्रसर होगी। अयोध्या को इस रूप में विकसित करने की तैयारी सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई है। राज्यपाल जी ने भी इस ओर सभी का ध्यान आकर्षित किया है। अयोध्या में पंचकोसी, चैदहकोसी तथा चैरासीकोसी परिक्रमा मार्ग को भव्य स्वरूप देने जा रहे हैं। अब अयोध्या की गलियों में ‘मंगल भवन अमंगल हारी’ की गूंज सुनाई देगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने अयोध्या से सम्बन्धित संकल्प सदन में रखा, जिस पर कुछ सदस्यों ने अपना विरोध व्यक्त करने का प्रयास किया। यह कृत्य जनभावनाओं के विपरीत है। जनभावनाएं कहती हैं कि ‘जाके प्रिय न राम बैदेही, तजिये ताहि कोटि बैरी सम, जदपि परम सनेही।’ आज हम से पूरा भारत एक नई अपेक्षा रखता है। इसी अपेक्षा के साथ आज अयोध्या प्रभु के दर्शन करने के लिए सभी को आमंत्रित करती है। प्रभु श्रीराम सबके हैं। वह भक्तवत्सल हैं। हम सभी को वहां जाना चाहिए। पूरा देश और पूरी दुनिया अयोध्या आना चाहती है। राज्यपाल जी ने अपने अभिभाषण की शुरुआत यहीं से की थी, लेकिन नेता प्रतिपक्ष ने इस पर एक भी शब्द नहीं बोला। पूरे सदन को राज्यपाल जी के शब्दों के प्रति समवेत स्वर से समर्थन करना चाहिए था, लेकिन वह नहीं हो पाया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्यपाल जी ने अभिभाषण में कहा कि इस वर्ष के माघ मेले का वर्ष 2025 के प्रयागराज महाकुम्भ के रिहर्सल के रूप में लेकर, उसके अनुसार रणनीति बनायी जा रही है। वर्ष 2019 के प्रयागराज कुम्भ के आयोजन का सौभाग्य हमारी सरकार को मिला था। 15 जनवरी से 04 मार्च, 2019 तक यह आयोजन हुआ था। पहली बार 24 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन से प्रयागराज कुम्भ में एक नया कीर्तिमान स्थापित हुआ। प्रयागराज कुम्भ में सुरक्षा, स्वच्छता तथा सुव्यवस्था का माॅडल देखने को मिला था। दुनिया के 100 से अधिक देशों के एम्बेसडर, हाई कमिश्नर तथा कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष वहां आए थे। सभी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में की गई प्रयागराज कुम्भ की व्यवस्था की सराहना की थी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मौनी अमावस्या के दिन 05 करोड़ श्रद्धालुओं ने प्रयागराज में संगम तट पर स्नान किया था। आजादी के बाद पहली बार प्रयागराज में अक्षयवट को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोला गया था। सरस्वती कूप के भी दर्शन श्रद्धालुओं ने किए। हमारी सरकार ने अभी से यह प्रयास प्रारम्भ कर दिए हैं कि प्रयागराज महाकुम्भ-2025 में सुरक्षा, स्वच्छता तथा सुव्यवस्था के उसी माॅडल को स्थापित करेंगे, जो वर्ष 2019 के कुम्भ में किया गया था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज कुम्भ-2019 के आयोजन के समय श्री काशी विश्वनाथ धाम, माँ विन्ध्यवासिनी धाम, अयोध्या धाम सहित चित्रकूट तथा नैमिषारण्य आज के रूप में नहीं थे। डबल इंजन की सरकार का सौभाग्य है कि आज एक नई काशी का दर्शन श्री काशी विश्वनाथ धाम से कर सकते हैं। बड़ी संख्या में लोग काशी आए हैं। इससे उत्तर प्रदेश को बहुत लाभ हो रहा है। हमारा अनुमान है कि वर्ष 2025 के प्रयागराज महाकुम्भ में वर्ष 2019 के कुम्भ की तुलना में डेढ़ से दोगुना अधिक श्रद्धालु वहां आएंगे। उन्हें उसी प्रकार की अवस्थापना सुविधाएं प्रदान करने तथा उनके विस्तार करने की तैयारियां चल रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज में 09 आर0ओ0बी0 बनाने तथा नया सिविल टर्मिनल का कार्य किया गया है। 250 से अधिक सड़कों के चैड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण का कार्य भी सम्पन्न हुआ है। 01 लाख 14 हजार 500 से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया। इस वर्ष माघ मेले में पहला स्नान मकर संक्रान्ति को हुआ। अब तक लगभग 40 लाख श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज भारत ने जिस सांस्कृतिक पुनर्जागरण के नए दौर में प्रवेश किया है, इसमें अयोध्या का दीपोत्सव, ब्रज का रंगोत्सव तथा काशी की देव दीपावली पूरे देश में अपनी पहचान बना रही है। अयोध्या तीर्थ विकास परिषद, देवीपाटन तीर्थ विकास परिषद, ब्रज तीर्थ विकास परिषद, विन्ध्यधाम तीर्थ विकास परिषद, शुकतीर्थ विकास परिषद, चित्रकूट धाम तीर्थ विकास परिषद, नैमिषधाम तीर्थ विकास परिषद गठित करके, इन सभी धार्मिक व आध्यात्मिक केन्द्रों का भौतिक, आध्यात्मिक तथा धार्मिक नियोजित विकास किया जा रहा है। श्री काशी विश्वनाथ धाम काॅरिडोर का कार्य पूरा हो चुका है। 100 वर्षों के बाद यहां माँ अन्नपूर्णा की प्रतिमा पुनःस्थापित हो चुकी है। सोरो के विकास का कार्य सरकार ने प्रारम्भ किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में रामायण परिपथ, बौद्ध परिपथ, आध्यात्मिक परिपथ, शक्ति परिपथ, ब्रज परिपथ, बुन्देलखण्ड परिपथ तथा महाभारत परिपथ के कार्य किए जा रहे हैं। प्रदेश की सम्भावनाओं पर सरकार व्यवस्थित तरीके से कार्य कर रही है। इसका परिणाम हुआ है कि विगत वर्ष काशी विश्वनाथ धाम में लगभग साढ़े 06 करोड़, मथुरा-वृन्दावन में 06 करोड़ से अधिक तथा नैमिषारण्य में 10 लाख श्रद्धालु आए। बुन्देलखण्ड में 02 करोड़ 55 लाख, बौद्ध सर्किट में लगभग 30 लाख तथा शुकतीर्थ में लगभग 10 लाख पर्यटक एवं श्रद्धालु अलग-अलग समय में आए। पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं ने नए भारत के नए उत्तर प्रदेश में नया अनुभव किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरकार बुन्देलखण्ड के किलों सहित उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से जुड़े स्थलों को हेरिटेज टूरिज्म के नए डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के कार्यों को तेजी से आगे बढ़ा रही है। वर्ष 2017 से पूर्व, उत्तर प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में देश में कहीं नहीं था। आज प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर है। यहां पर्यटन के विकास के साथ ही, लाखों लोगों को नौकरी व रोजगार के अवसर भी मिले हैं। यह सर्विस सेक्टर है। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन के माध्यम से बढ़ोत्तरी हो रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने सुशासन के लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास किया है। राज्यपाल जी ने अभिभाषण में इसका उल्लेख किया है। डबल इंजन सरकार की स्वाभाविक रूप से डबल स्पीड भी है। अमृतकाल में इसके डबल से अधिक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री जी ने आजादी के अमृत महोत्सव के मुख्य समारोह के अवसर पर देशवासियों से पंचप्रण का आह्वान किया था। हमारी सरकार इन्हें जमीनी धरातल पर उतारने का कार्य कर रही है। डिजिटल इण्डिया के माध्यम से सुशासन के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में प्रयास प्रारम्भ हुए हैं। टेक्नोलाॅजी का उपयोग कर शासन की कार्यपद्धति में पारदर्शिता लाने के लिए शासन स्तर पर संवाद स्थापित किया गया है। प्रदेश के हर जनपद में होने वाली प्रत्येक कार्यवाही तथा गतिविधि की सतत निगरानी करने के लिए सी0एम0 कमाण्ड सेण्टर, सी0एम0 हेल्पडेस्क की स्थापना की गई है। सम्पूर्ण समाधान दिवस, थाना दिवस, सी0एम0 हेल्पलाइन, आई0जी0आर0एस0 पोर्टल पर 04 करोड़ 77 लाख 90 हजार से मामले दर्ज होते हैं। इनमें मेरिट के आधार पर 04 करोड़ 75 लाख से अधिक मामलों का निस्तारण भी सम्पन्न हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सुशासन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में प्रदेश की कानून व्यवस्था ने बड़ी भूमिका का निर्वहन किया है। इसके लिए जीरो टाॅलरेंस की नीति अपनायी गई। पुलिस में रिफाॅर्म किए गए, भर्ती तथा टेªनिंग की प्रक्रिया आगे बढ़ायी गई। लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, कानपुर, वाराणसी, आगरा, प्रयागराज सहित 07 पुलिस कमिश्नरेट की व्यवस्था लागू की गई। सभी जनपदों में साइबर थाने स्थापित करने की कार्यवाही को अन्तिम रूप दिया गया। साइबर क्राइम मुख्यालय लखनऊ में एडवांस साइबर फाॅरेंसिक लैब, 18 क्षेत्रीय थानों में बेसिक साइबर फाॅरेंसिक लैब और 75 जनपदों में साइबर क्राइम थानों की स्थापना की कार्यवाही प्रारम्भ की गई। लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य फाॅरेंसिक विज्ञान संस्थान की स्थापना की गई है। इसका प्रथम सत्र इसी वर्ष प्रारम्भ हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 01 लाख 55 हजार 600 से अधिक पुलिस कार्मिकों की भर्ती सम्पन्न की गई है। इनमें 22,670 महिला कार्मिक सम्मिलित हैं। वर्तमान में 68,600 से अधिक पदों पर भर्ती की प्रक्रिया प्रचलित है। इस दौरान पुलिस प्रशिक्षण केन्द्रों की क्षमता को लगभग 03 गुना बढ़ाया गया है। प्रदेश में 124 नए थाने, 88 नई चैकियां, 07 नए महिला पुलिस थाने, 04 नई आर्थिक अपराध इकाई थाने तथा 16 नए साइबर क्राइम थाने स्थापित किए गए हैं। एस0डी0आर0एफ0 का गठन कर इसकी 03 कम्पनियों को क्रियाशील किया गया। 03 अतिरिक्त कम्पनियों के सृजन की प्रक्रिया शुरू की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वीरांगना झलकारीबाई महिला पी0ए0सी0 बटालियन गोरखपुर, वीरांगना अवन्तीबाई महिला पी0ए0सी0 बटालियन बदायूं तथा वीरांगना ऊदादेवी महिला पी0ए0सी0 बटालियन लखनऊ की स्थापना की कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया। पहली बार महिला पुलिस कार्मिकों को भी फील्ड की ड्यूटी देने का कार्य प्रारम्भ हुआ। 10,000 से अधिक महिला बीट पुलिस अधिकारी की तैनाती की गई है। प्रदेश में एण्टी नारकोटिक्स फोर्स का गठन किया गया। प्रदेश के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स का गठन किया गया। अयोध्या धाम में भगवान श्रीराम के भव्य एवं दिव्य मन्दिर की सुरक्षा में स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स भी लगायी गई है। देवबन्द, सहारनपुर, बहराइच, अलीगढ़, कानपुर तथा अन्य जनपदों में ए0टी0एस0 की नई फील्ड यूनिट का गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था को एक माॅडल के रूप में माना जाता है। एन0सी0आर0बी0 के आकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2023 में डकैती के मामलों में लगभग 87 प्रतिशत, लूट के मामलों में लगभग 76 प्रतिशत, हत्या के मामलों में 43 प्रतिशत, बलवा के मामलों में 64 प्रतिशत, फिरौती व अपहरण के मामलों में 72 प्रतिशत तथा दुष्कर्म के मामलों में 46 प्रतिशत की कमी हुई है। वर्ष 2017 से पूर्व, डायल-100 का रिस्पाॅन्स टाइम 25 मिनट 42 सेकेण्ड था, आज यह 09 मिनट 50 सेकेण्ड है। 446 महिला पी0आर0वी0 कार्यरत हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 25 लाख काॅल हैण्डलिंग की सुविधा को बढ़ाकर 60 लाख किया गया है। पूर्व में 60,000 काॅल ट्रैकिंग की क्षमता को लगभग 01 लाख 25 हजार किया जा रहा है। पहले हमारे पास 32,000 पी0आर0वी0 थीं, इनमें 4,278 की वृद्धि की जा रही है। दो-पहिया वाहनों की संख्या 1,600 से बढ़ाकर 2,000 की जा रही है। टेक्नोलाॅजी अपग्रेडेशन तथा अन्य कार्यवाही को प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में 14 प्रतिशत से कम महिला वर्क फोर्स थी। आज इनकी संख्या 33 प्रतिशत से अधिक है। हमारी सरकार ने प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन के लिए मिशन शक्ति का विशेष अभियान प्रारम्भ किया। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से वर्तमान में 17 लाख 82 हजार बालिकाएं आच्छादित हैं। इसके अन्तर्गत दी जाने वाली राशि को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया है। 31 लाख 50 हजार से अधिक निराश्रित महिलाओं को 1,000 रुपये प्रतिमाह पेंशन की सुविधा दी जा रही है। प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना से 55 लाख माताएं लाभान्वित हुई हैं। 57,000 ग्राम पंचायतों में बी0सी0 सखी का गठन किया गया है। इसके माध्यम से उत्तर प्रदेश ने गांव-गांव में बैंकिंग सुविधा का एक अच्छा माॅडल दिया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पुलिस भर्ती में 20 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित करने की व्यवस्था बनायी गई है। महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लगभग 01 करोड़ महिलाएं स्वावलम्बन की ओर अग्रसर हुई हैं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत अब तक 03 लाख बेटियों की शादी सम्पन्न हो चुकी है। इसके अन्तर्गत हर विवाह के लिए 51,000 रुपये उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 07 वर्षों में उत्तर प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी वृद्धि हुई है। यह जल, थल तथा नभ के क्षेत्र में हुआ है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे तथा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे क्रियाशील हो चुके हैं। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे भी शीघ्र ही बनकर तैयार हो जाएगा। बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे तथा चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे की कार्यवाही तेजी के साथ आगे बढ़ रही है। हमारा प्रयास है कि प्रयागराज महाकुम्भ के पूर्व ही गंगा एक्सप्रेस-वे को संचालित किया जा सके। लखनऊ-कानपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे भारत सरकार के सहयोग से बन रहा है। यह एलीवेटेड एक्सप्रेस-वे है। विगत 07 वर्षों में लगभग 1,235 4-लेन के प्रोजेक्ट आगे बढ़ाए गए हैं, जिससे प्रदेश में बेहतर कनेक्टिविटी सम्पन्न हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 16 डोमस्टिक एयरपोर्ट तथा 05 इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के साथ उत्तर प्रदेश शीघ्र ही 21 एयरपोर्ट वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। वर्ष 2017 के पहले लखनऊ एवं वाराणसी 02 एयरपोर्ट पूर्ण रूप से क्रियाशील थे। शेष आंशिक क्रियाशील थे, जहां कभी-कभी एक फ्लाइट आ जाती थी। आज प्रदेश में 09 एयरपोर्ट पूरी तरह क्रियाशील हो चुके हैं। 10 से 11 एयरपोर्ट की स्वीकृति मिल चुकी है। शीघ्र ही, उन्हें प्रारम्भ करने जा रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश के एयरपोट्र्स से 75 से अधिक गंतव्यों पर 150 फ्लाइट्स की सेवाएं उपलब्ध हैं। वर्ष 2016-17 की तुलना में हवाई यात्रियों की संख्या में लगभग 100 गुना से अधिक वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक लैण्ड लाॅक्ड स्टेट है। यहां की नदियों में वर्ष भर पानी रहता है। इन्हें चैनलाइज तथा इनकी डिसिल्टिंग करते हुए इनलैण्ड वाॅटर-वे की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जा रहा है। जनपद वाराणसी में मल्टीमोडल टर्मिनल का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। प्रदेश में इनलैण्ड वाॅटर-वे के गठन की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जा रहा है। देश का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क प्रदेश में है। डेडिकेटेड फ्रेट काॅरिडोर का सर्वाधिक लाभ उत्तर प्रदेश को प्राप्त होने जा रहा है। लखनऊ तथा हरदोई के मध्य 1,000 एकड़ क्षेत्रफल में पी0एम0 मेगा टेक्सटाइल पार्क के निर्माण की कार्यवाही की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब बिजनेस हब और निवेश का ड्रीम डेस्टिनेशन बन चुका है। प्रदेश की अच्छी कानून व्यवस्था, सरकार की साफ नीयत तथा पारदर्शी नीतियों से देश व दुनिया का हर व्यक्ति यहां आना चाहता है। यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के माध्यम से लगभग 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। आगामी 19 फरवरी को प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों से इनमें से 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव की ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी लखनऊ में आयोजित की जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इकोनाॅमिक टाइम्स की 03 फरवरी की रिपोर्ट के अनुसार तमिलनाडु के त्रिपुर जिले में उत्तर प्रदेश के 02 लाख से अधिक लोग कार्य करते थे। विगत 07 वर्षों में उत्तर प्रदेश में निवेश के माहौल तथा नए उद्योगों के आने से उनमें से 60,000 से अधिक लोग राज्य में वापस आ चुके हैं। उन्हें यहीं काम मिल चुका है। यह नया उत्तर प्रदेश है। यह राज्य सरकार की बेहतर कानून व्यवस्था के माहौल से हुआ है। ईज़ आॅफ डुईंग बिजनेस, निवेश मित्र पोर्टल तथा सिंगल विण्डो सिस्टम के साथ प्रदेश की इन्वेस्टमेण्ट फ्रैण्डली पाॅलिसी का परिणाम है कि आज हर निवेशक यहां आना चाहता है। इनमें हर एक व्यक्ति की जवाबदेही है और नीतियों में पारदर्शिता भी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा के क्षेत्र में भी व्यापक कार्य हुए हैं। वर्ष 2016-17 में प्रदेश का कुल विद्युत उत्पादन 5,600 मेगावाॅट था। वर्तमान में प्रदेश का कुल विद्युत उत्पादन 8,688 मेगावाॅट हो गया है। इस वर्ष के अन्त तक यह क्षमता 12,800 मेगावाॅट तक बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। वर्ष 1947 से लेकर वर्ष 2017 तक प्रदेश के 01 लाख 28 हजार मजरों तक विद्युत पहुंच पायी थी। वर्ष 2017 से वर्ष 2023-24 तक लगभग 07 वर्षों में 02 लाख 49 हजार 818 मजरों का विद्युतीकरण करते हुए 100 प्रतिशत सेचुरेशन के लक्ष्य को प्राप्त किया गया है। वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के मध्य केवल 08 लाख 44 हजार विद्युत कनेक्शन दिए गए। वर्ष 2017 से अब तक 01 करोड़ 65 लाख विद्युत कनेक्शन उपलब्ध करवाए गए हैं। यह पहले से 20 गुना अधिक है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घण्टे, तहसील मुख्यालयों पर 21 से 22 घण्टे तथा जनपद मुख्यालयों पर 23 से 24 घण्टे की विद्युत आपूर्ति की जा रही है। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में 288 मेगावाॅट सोलर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता थी। वर्तमान में यह लगभग 2,600 मेगावाॅट हो गई है। केवल सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में ही 10 गुना से अधिक की वृद्धि की गई है। अयोध्या व काशी को सोलर सिटी तथा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे को सोलर एक्सप्रेस-वे के रूप में विकसित करने की कार्यवाही की जा रही है। अयोध्या में 10 किलोमीटर लम्बे मार्ग को सोलर स्ट्रीट लाइट से प्रकाशित करने का कार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारी सरकार अन्नदाता किसानों के लिए समर्पित रही है। मार्च, 2017 में सरकार के गठन के साथ ही पहली कैबिनेट में ही प्रदेश के 86 लाख लघु व सीमान्त किसानों का 36,000 करोड़ रुपये के फसली ऋण माफी के कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। विगत 07 वर्षों में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से प्रदेश की लगभग 23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी गई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से 02 करोड़ 62 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की वर्ष 2016-17 की 6.6 प्रतिशत कृषि विकास दर, वर्ष 2022-23 में बढ़कर 18.2 प्रतिशत हो गई है, जो लगभग 03 गुना है। प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा दिए गए प्रोत्साहन के परिणाम सभी के सामने हैं। चालू पेराई सत्र में प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों के गन्ना मूल्य को 350 रुपये से बढ़ाकर 370 रुपये प्रति कुन्तल किया है। वर्ष 2016-17 में गन्ने का क्षेत्रफल मात्र 20 लाख हेक्टेयर था। वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर लगभग 29.66 लाख हेक्टेयर हुआ है। गन्ने का उत्पादन 1,486 लाख टन से बढ़कर 2,492 लाख टन हो गया है। वर्ष 1995 से वर्ष 2017 तक 22 वर्षों में 02 लाख 13 हजार करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान हुआ था। हमारी सरकार ने जनवरी, 2024 तक गन्ना किसानों को 02 लाख 33 हजार 793 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान किया है। 22 वर्षों में जितना भुगतान हुआ, उससे ज्यादा मात्र 07 वर्षों में ही गन्ना किसानों के खातों में भुगतान किया जा चुका है। वर्तमान में प्रदेश में 120 चीनी मिलें क्रियाशील हैं। लगातार इस क्षमता को बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 के पहले खेती-किसानी को बिचैलियों के भरोसे छोड़ दिया गया था। हमारी सरकार ने किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए अनेक प्रयास प्रारम्भ किए। प्रदेश में वर्ष 2017 से पूर्व प्रोक्योरमेण्ट की पाॅलिसी नहीं थी। बिचैलियों के माध्यम से खरीद की जाती थी। वर्ष 2018 से डबल इंजन सरकार लागत का डेढ़ गुना एम0एस0पी0 अन्नदाता किसानों को दे रही है। वर्ष 2017-18 से वर्ष 2023 तक 47 लाख 90 हजार किसानों से 225 लाख मीट्रिक टन गेहूं क्रय कर 41,300 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान उनके खातों में किया जा चुका है। इसी प्रकार वर्ष 2017-18 से वर्ष 2023-24 तक 61 लाख 54 हजार किसानों से 397 लाख मीट्रिक टन धान खरीद कर उन्हें 74,751 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के साथ-साथ पी0एम0 कुसुम योजना में प्रदेश सरकार ने अभी तक 50,000 से अधिक किसानों को उनके ट्यूबवेल को सोलराइज करने की कार्रवाई को सम्पन्न किया है। यह प्रदेश सरकार द्वारा कृषि के क्षेत्र में किए गए प्रयासों का परिणाम है। इसमें नई मण्डियों का गठन, नेचुरल फार्मिंग और ऑर्गेनिक फार्मिंग को भी बढ़ावा देने का कार्य हुआ है। नई सिंचाई की सुविधाओं और अन्य प्रकार की सुविधाएं विकसित करने के लिए भी कार्य हुआ है।
नगर निकाय के क्षेत्र में भी अनेक कार्य हुए हैं। तीन नगर निगम अयोध्या मथुरा-वृन्दावन और शाहजहांपुर नगर निगम का गठन हुआ। कल 113 नयी नगर निकायों का गठन किया गया। 17 स्मार्ट सिटी को सेफ सिटी में बदलने की कार्यवाही युद्धस्तर पर आगे बढ़ी है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में पहली बार प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से पूरे देश और प्रदेश में स्वनिधि योजना में स्ट्रीट वेण्डर चाहे वह ठेला, खोमचा, रेहड़ी लगाने वालों को व्यवस्थित पुनर्वास और ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाने का कार्य हुआ है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के माध्यम से प्रदेश में 17 लाख 34 हजार से अधिक पटरी व्यावसायियों ने 2,317 करोड़ रुपये का ऋण प्राप्त किया है।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में ओ0डी0एफ0 प्लस के लक्ष्य को प्राप्त किया गया है। चिकित्सा स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बेहतरीन कार्य हुआ है। वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज को एक नई गति प्राप्त हुई है। मलेरिया, इंसेफेलाइटिस, डेंगू, कालाजार, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण करने में भी सरकार ने सफलता प्राप्त की है। प्रदेश में प्रत्येक रविवार को मुख्यमंत्री आरोग्य मेले लग रहे हैं। अब तक इससे लगभग 12.50 करोड़ से अधिक रोगी लाभान्वित हुए हैं। हर जिले में आज डायलिसिस सेण्टर स्थापित हुए हैं। वहां से उनको बेहतरीन सुविधा प्राप्त हुई है और उसी का परिणाम है कि वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के बीच मातृ मृत्यु दर 285 थी, आज वह घटकर लगभग 165 से 167 के बीच में है। शिशु मृत्यु दर जो 48 प्रति हजार थी, आज वह घटकर 38 प्रति हजार हो गई है। प्रदेश में अभी यूनियन बजट आया है और केन्द्र के इस बजट में आयुष्मान भारत योजना में आंगनबाड़ी और आशा बहनों को शामिल किए जाने का निर्णय हुआ है। प्रदेश की लाखों आंगनबाड़ी और आशा बहनें इससे लाभान्वित होने जा रही हैं।
स्कूली शिक्षा का भी कायाकल्प हुआ है। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 में स्कूल चलो अभियान प्रारम्भ किया। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को यूनिफॉर्म, बैग, पाठ्य-पुस्तकें, स्वेटर, जूता-मोजा आदि उपलब्ध कराए गए हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में आज 01 करोड़ 92 लाख बच्चे अध्ययन कर रहे हैं। वर्ष 2017 से पहले की तुलना में 40 लाख से अधिक बच्चों के नामांकन में वृद्धि हुई है। ऑपरेशन कायाकल्प में कोरोना काल के दौरान एक 1,32,500 से अधिक विद्यालयों का कायाकल्प हुआ है। हर बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय में 02-02 टैबलेट भी उपलब्ध करवाए गए हैं। साथ ही, वहां पर स्मार्ट क्लास लगाने की प्रक्रिया भी प्रचलित है। 925 परिषदीय विद्यालय को पी0एम0श्री योजना से आच्छादित किया गया है। 57 मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालय स्वीकृत किए गए हैं। शीघ्र ही, अटल आवासीय विद्यालय के तर्ज पर इन विद्यालयों को चलाने की कार्रवाई को हम आगे बढ़ाने जा रहे हैं।
माध्यमिक शिक्षा में भी प्रोजेक्ट अलंकार योजना के अन्तर्गत राजकीय विद्यालयों में वृहद निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि स्वीकृत की गई है। यह पुराने तथा जर्जर इन्फ्रास्ट्रक्चर वाले गवर्नमेण्ट इण्टर कॉलेज तथा गवर्नमेण्ट गल्र्स इण्टर कॉलेज हैं, इन सभी के लिए भी धनराशि दी गई है। 1,349 विद्यालयों के लिए धनराशि अभी तक उपलब्ध करवाई गई है। इसके अलावा, जो गवर्नमेण्ट एडेड विद्यालय जिनका इंफ्रास्ट्रक्चर कमजोर था, सरकार ने एक पॉलिसी बना करके उन्हें भी इस योजना के साथ जोड़ा है। इसमें कुछ शेयर उनका होगा, शेष सरकार देगी। यह कार्य भी वहां पर प्रारंभ हुआ है।
हर मण्डल मुख्यालय पर पहली बार श्रमिकों के बच्चों के लिए एक अटल आवासीय विद्यालय की स्थापना की जा रही है। रजिस्टर्ड श्रमिकों और कोरोना कालखण्ड में निराश्रित हो चुके बच्चे को अटल आवासीय विद्यालय में प्रवेश दिया गया है। इसी तर्ज पर प्रदेश सरकार पहले चरण में 57 जनपदों में मुख्यमंत्री कम्पोजिट विद्यालय की स्थापना करना चाहती है। इसे सभी 826 विकास खण्डों तक लेकर जाएंगे। इससे हर विधानसभा में कम से कम 02 विद्यालय हो जाएंगे। यह आने वाले समय में शिक्षा का एक मॉडल होगा। इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। सरकार ने अटल आवासीय विद्यालय को मॉडल बनाया है। आज पूरा देश इस मॉडल को लागू कर रहा है
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में माँ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय सहारनपुर, राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय अलीगढ़ और महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ की शुरुआत की गयी है। माँ विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय मिर्जापुर, माँ पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय देवीपाटन और मुरादाबाद में भी एक नए विश्वविद्यालय तथा कुशीनगर में महात्मा बुद्ध कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की स्थापना की कार्रवाई वर्तमान में गतिमान है। गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय तथा लखनऊ में मेडिकल यूनिवर्सिटी का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरणों में चल रहा है। इन्होंने अपने रेगुलर कार्यक्रम को प्रारंभ कर दिया है। जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट को भी राज्य सरकार ने राज्य विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित करने करने के कार्य को आगे बढ़ा दिया है।
निजी क्षेत्र में भी 15 विश्वविद्यालय को लेटर ऑफ परफॉर्मेंस तथा 15 को लेटर ऑफ इण्टेण्ड जारी किए गए हैं। एक दर्जन से अधिक अन्य आवेदन हमारे पास आए हैं। नए निजी विश्वविद्यालयों के लिए सरकार ने एक पॉलिसी बनाई है। शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और सभी मानकों को अनुरूप उन्हें विश्वविद्यालय के गठन की अनुमति दी जा रही है। 26 नए पॉलिटेक्निक की स्थापना जिसमें से 15 क्रियाशील हो चुके हैं, 35 आई0टी0आई0 जिसमें से आठ क्रियाशील हो चुके हैं। 150 आई0टी0आई0 को टाटा टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर न्यू एज कोर्सेज को जोड़ने के साथ उनके अपग्रेडेशन की कार्रवाई युद्ध स्तर पर आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना के अन्तर्गत 17 लाख 61 हजार से अधिक युवाओं को स्मार्टफोन से और 7,54,000 युवाओं को टैबलेट से आच्छादित किया जा चुका है। प्रदेश सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का ही परिणाम है कि पिछले पौने सात वर्षों में प्रदेश में 06 लाख सरकारी नौकरी पारदर्शी तरीके से दी गयी है। प्रदेश में 02 करोड़ से अधिक नौजवानों को नौकरी और रोजगार की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गयी है। 01 करोड़ 10 लाख से अधिक युवाओं और उद्यमियों को प्रदेश में स्वरोजगार के साथ जोड़ने का अवसर भी प्रदान किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज प्रदेश में शिक्षा में टेक्निकल एजुकेशन तथा व्यावसायिक शिक्षा में जो प्रयास से प्रारम्भ हुए हैं, उसके परिणाम सामने आए हैं। उत्तर प्रदेश के स्किल्ड मैनपावर की डिमाण्ड न केवल प्रदेश, देश में है, बल्कि दुनिया में भी हो रही है। उत्तर प्रदेश के 5000 युवा अभी इज़राइल गए हैं। इन 5000 युवाओं ने आई0टी0आई0 की है। वहां उन्हें लॉजिंग-बोर्डिंग फ्री और उसके बाद भी सवा लाख से डेढ़ लाख रुपए हर महीने प्राप्त होंगे। अन्य अनेक देशों में इस प्रकार की मांग प्रदेश से हो चुकी है। यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हम दृढ़संकल्प और लोक मंगल के की अवधारणा को लेकर आगे बढ़े थे। वह संकल्प और दृढ़ता आज हर क्षेत्र में देखने को मिली है। नीति आयोग के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में 06 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से ऊपर उठे हैं। देश में 24 से 25 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से ऊपर उठे हैं। प्रदेश में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में वर्ष 2017 से अब तक 55 लाख 83 हजार से अधिक गरीबों को बिना भेदभाव के आवास की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।
55 लाख वृद्ध जनों को वृद्धावस्था पेंशन की सुविधा दी जा रही है। 11 लाख दिव्यांग जनों को 1000 रुपये प्रतिमाह पेंशन की सुविधा का लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा एक करोड़ 75 लाख से अधिक परिवार उज्ज्वला योजना से आच्छादित हुए हैं। इनको दीपावली और होली पर प्रदेश सरकार फ्री में रसोई गैस का सिलेण्डर भी उपलब्ध करवा रही है। प्रदेश ने ओ0डी0एफ0 प्लस के लक्ष्य को सफलतापूर्वक प्राप्त करते हुए देश में एक स्थान बनाया है। स्वामित्व योजना के तहत जहां पर जिसका आवास है, उसी गांव में उसी जमीन का स्वामित्व मिलेगा, इस कार्रवाई को प्रदेश में आगे बढ़ाया गया है। इसके तहत 90,866 गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो चुका हैं। 75,78,000 से अधिक घरौनी वितरित की जा चुकी है। आवास, शौचालय, बिजली, स्वास्थ्य, राशन और अन्य बुनियादी सुविधाएं गरीबों को उपलब्ध करवाने का कार्य किया गया है। यह ईज ऑफ लिविंग के लक्ष्य को प्राप्त करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरकार शीघ्र ही फैमिली आई0डी0 कार्यक्रम लागू करने जा रही है। हर परिवार का अपना एक फैमिली आई0डी0 कार्ड होगा। कल्याणकारी योजनाओं के सैचुरेशन के 100 प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में विकसित भारत संकल्प यात्रा गांव-गांव में गई थी। यह नए भारत की यात्रा है। इसने हर व्यक्ति को प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में देश में हुए विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कार्य, वेलफेयर स्कीम से अवगत कराया है। साथ ही, जो लोग अभी तक उन योजनाओं से वंचित रहे हैं, उन्हें भी योजनाओं का हिस्सा बनाने के लिए व्यवस्थित रूप से कार्य प्रदेश में प्रारंभ किया गया है। हम लोगों ने 60 योजनाओं पर फोकस किया है, जिसमें 06 करोड़ 64 लाख लाभार्थियों की फैमिली आई0डी0 अब तक हम सीडिंग कर चुके हैं। हर परिवार के एक व्यक्ति को रोजगार प्रदान करने की दिशा में सरकार फैमिली आई0डी0 के माध्यम से करेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की विरासत पर हम सभी को गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। 24 जनवरी 1950 को उत्तर प्रदेश वर्तमान नामकरण हुआ। इससे पूर्व, इसे यूनाइटेड प्रोविंस, संयुक्त प्रांत सहित अलग-अलग नामों से जाना जाता था। यह हमारा सौभाग्य है कि वर्ष 2018 में तत्कालीन राज्यपाल श्री राम नाईक जी की पहल पर प्रदेश ने 24 जनवरी 2018 को अपने पहले स्थापना दिवस का आयोजन किया था। हमने अपने पहले स्थापना दिवस के अवसर पर वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की योजना लागू की थी। हमने ओ0डी0ओ0पी0 को मार्केट, टेक्नोलॉजी, पैकेजिंग तथा एक्सपोर्ट के साथ जोड़ा। आज प्रदेश से 02 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ओ0डी0ओ0पी0 दुनिया के मार्केट में पहुंच रहा है।
उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज तथा आत्मनिर्भर गांव की परिकल्पना को साकार करने के लिए वर्ष 2019 से विश्वकर्मा श्रम योजना संचालित है। इसके अन्तर्गत हस्तशिल्पियों तथा कारीगरों का प्रशिक्षण, उन्हें टूलकिट उपलब्ध करवाना तथा बैंक से सस्ते में लोन उपलब्ध कराया जाता है। इस वर्ष के बजट में एम0एस0एम0ई0 विभाग के माध्यम से उन्हें ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने की नयी योजना की घोषणा की गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2020 में महिला सशक्तीकरण के लिए मिशन शक्ति का कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया। यह देश में एक मॉडल बना। वर्ष 2021 में प्रदेश में आजादी के अमृत महोत्सव के कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया था। वर्ष 2022 में युवाओं के सशक्तीकरण, उन्हें तकनीकी दृष्टि से सक्षम बनाने के कार्यक्रम प्रारंभ किए गए थे। आज उत्तर प्रदेश की कई योजनाओं को देश में मॉडल के रूप देखा जाता है। इनमें ओ0डी0ओ0पी0, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा अटल आवासीय विद्यालय शामिल हैं। 75000 से अधिक पारंपरिक हस्तशिल्पियों और कारीगरों को प्रशिक्षण से जोड़ा गया और टूल किट उपलब्ध कराए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हर वर्ष उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर हम अपनी विभूतियों को सम्मानित करते हैं। इस वर्ष उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर हमने चंद्रयान मिशन के साथ जुड़ी लखनऊ की बेटी, इसरो की वैज्ञानिक श्रीमती रितु करिधान श्रीवास्तव और भारत का पहला यूनिकॉर्न देने वाले कानपुर निवासी श्री नवीन तिवारी को सम्मानित किया था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार अनेक कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से देश के 11 करोड़ किसान लाभ प्राप्त कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के 02 करोड़ 62 लाख किसान इस सुविधा का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। अभी तक 63,000 करोड़ रुपए की राशि प्रदेश के किसानों के खातों में हस्तांतरित की गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना से देश के 04 करोड़ परिवारों लाभ प्राप्त हुआ है। प्रदेश के 55 लाख 83 हजार गरीबों को इस योजना का लाभ मिला है। देश में 10 करोड़ गरीबों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ मिला है, तो प्रदेश के एक करोड़ 75 लाख गरीबों को इस सुविधा का लाभ प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन में 11 करोड़ शौचालय देश के अंदर बने हैं, तो प्रदेश में भी 2 करोड़ 63 लाख से अधिक शौचालय बने हैं। देश में भारत सरकार के ई-श्रम पोर्टल में 28 करोड़ 62 लाख श्रमिकों ने पंजीकरण किया है तो प्रदेश में 08 करोड़ 32 लाख श्रमिकों ने पंजीकरण कराया है। यह देश में प्रथम है। प्रधानमंत्री जन धन योजना में उत्तर प्रदेश प्रथम है। देश में जितने अकाउंट खुले हैं उनमें से 8 करोड़ 56 लाख उत्तर प्रदेश में खुले हैं। सौभाग्य योजना में उत्तर प्रदेश नंबर एक पर है। यहां 01 करोड़ 58 लाख निःशुल्क विद्युत कनेक्शन दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अन्तर्गत प्रदेश प्रथम है। प्रदेश के 01 करोड़ 09 लाख गरीबों को इस योजना से लाभान्वित किया गया है। पी0एम0 स्वनिधि योजना में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम है। प्रदेश के 17,33,132 स्ट्रीट वेंडर को इस योजना से आच्छादित किया गया है। प्रदेश में कुल पर्यटकों का फुटफाॅल 43 करोड़ 42 लाख है। यह देश में नंबर एक स्थान पर है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, नेशनल हाईवे, एक्सप्रेस वे में उत्तर प्रदेश देश में नंबर एक पर है। कैनाल नेटवर्क में उत्तर प्रदेश देश में नंबर एक पर है।
डोमेस्टिक इंटरनेशनल एयरपोर्ट में उत्तर प्रदेश देश में नंबर एक पर है। डिजिटल लेनदेन तथा गन्ना, चीनी, खाद्यान्न, आलू, हरी मटर, आम, दूध और तिलहन उत्पादन में भी उत्तर प्रदेश देश में नंबर एक पर है। डी0बी0टी0 के तहत भुगतान में प्रदेश देश में नंबर एक पर है। एम0एस0एम0ई0 उद्यम प्रोत्साहन और उनकी स्थापना में भी प्रदेश नंबर एक पर है। अटल पेंशन योजना, ई-टेंडरिंग प्रणाली, जेम  पोर्टल से खरीदारी करने, ई-संजीवनी पोर्टल से मरीजों के इलाज में उत्तर प्रदेश नंबर एक पर है। उत्तर प्रदेश को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में अचीवर स्टेट तथा सहकारिता विभाग का स्काफ आॅर्डर आॅफ मेरिट गोल्ड अवार्ड प्राप्त हुआ है। ग्राम विकास विभाग के कन्वर्जन में प्रथम पुरस्कार, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में लॉजिस्टिक की सुलभता रैंकिंग में उत्तर प्रदेश को अचीवर श्रेणी में स्थान मिला है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश की पहली रैपिड रेल भी उत्तर प्रदेश में चली है। उत्तर प्रदेश देश में ऐसा पहला राज्य है, जहां पर सोलर चरखे से उत्पादित खादी को भी मान्यता दी गयी है। सोलर चरखा बुनकरों को निःशुल्क उपलब्ध करवाने का कार्य हुआ है। नदियों के पुनरुद्धार और वॉटर कंजर्वेशन के लिए भी उत्तर प्रदेश देश में नंबर एक पर है। वृक्षारोपण में भी देश में उत्तर प्रदेश ही नंबर एक पर है। यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है जिसकी पहचान आज देश के ग्रोथ इंजन के रूप में हो रही है। आज उत्तर प्रदेश, देश के विकास को ब्रेक थ्रू दे रहा है। राज्यपाल जी ने अपने अभिभाषण में इन सभी मुद्दों का उल्लेख करके वर्ष 2017 से प्रदेश की उपलब्धियां का दस्तावेज प्रस्तुत किया है।
मुख्यमंत्री जी ने राज्यपाल जी को समवेत सदन के प्रति दिए गए उनके मार्गदर्शन और अभिभाषण के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष जी ने 11 फरवरी की तिथि हम सभी को अयोध्या में जाने के लिए तय की है। मुख्यमंत्री जी ने सभी से 11 फरवरी को अयोध्या जाने का आह्वान किया।
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