मथुरा।वृन्दावन।वाराह घाट/सुनरख रोड़ स्थित श्रीहित वन बिहार कुंज में ठाकुर श्रीहित लाडिली वल्लभ लाल महाराज का सप्त दिवसीय वार्षिक महोत्सव श्रीहित रस रसिक संत श्रीहित पुरुषोत्तम दास महाराज (पुजारीजी) की अध्यक्षता में विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मध्य अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।25 जनवरी से 31 जनवरी पर्यंत चले इस महोत्सव के अंतर्गत संतों व भक्तों के द्वारा दैनिक श्रीराधा सुधा निधि, श्रीहित चतुरासी, हित सेवकवाणी आदि के मूल पाठ किए गए।
31 जनवरी को श्रीहित रस रसिक संत श्रीहित पुरुषोत्तम दास महाराज (पुजारीजी) महाराज के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में हित उत्सव आयोजित किया गया।जिसमें श्रीराधा वल्लभीय समाज गायक डॉ. श्यामबिहारी लाल खंडेलवाल व डॉ. जयेश खंडेलवाल (हित जस अलि शरण) की अगुवाई में मंगल बधाई समाज गायन एवं प्रियालाल और श्रीजी का व्याहूला महोत्सव मनाया गया।जिसमें संगीत की मृदुल स्वर लहरियों के मध्य विवाह के पदों का गायन हुआ।साथ ही खेल-खिलौने, रुपए-कपड़े, मेवा-मिष्ठान्न आदि लुटाए गए।साथ ही आतिस्बाजी चलाई गई।पटाखे भी छोड़े गए।इसके अलावा कुंज की अत्यंत चित्ताकर्षक और मनोहारी सजावट की गई।
इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए ब्रज सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि श्रीहित पुरुषोत्तम दास महाराज (पुजारीजी) श्रीराधावल्लभ संप्रदाय के रस सिद्ध संत हैं।वे पूर्ण समर्पण के साथ अपने सम्प्रदाय के प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं।
प्रख्यात भागवताचार्य पण्डित रामप्रकाश भारद्वाज (मधुरजी) ने कहा कि हमारे सदगुरुदेव श्रीहित पुरुषोत्तम दास (पुजारीजी) महाराज ठाकुर सेवा एवं जीव सेवा की प्रतिमूर्ति हैं।वे अपने पास भक्तों द्वारा आने वाली समस्त धनराशि को संत, ब्रजवासी, वैष्णव एवं निर्धन-निराश्रितों की सेवा में लगा देते हैं।
प्रमुख समाजसेवी गोर्वधन दास अग्रवाल ने कहा कि श्रीहित रस रसिक संत श्रीहित पुरुषोत्तम दास महाराज (पुजारीजी) के रोम-रोम में संतत्व विद्यमान हैं।उन जैसे फक्कड़ संत आज कल प्राय: नही मिलते हैं।
इस अवसर पर खेलन बिहारी शर्मा (बाद ग्राम), नंदन दास, जनक भाईजी (अहमदाबाद), कुलदीप कृष्ण व्यास, हित शरण, मास्टर लालू शर्मा, कृष्णा खंडेलवाल,जीतू भैया, रजनी सखी, कविता सखी, उत्तर प्रदेश बाल आयोग की सदस्य अनीता अग्रवाल(लखनऊ), मयूरी सखी, आशीष श्रीवास्तव, हित सौभाग्यवती, कन्हैया भारद्वाज आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन डॉ. राधाकांत शर्मा ने किया।महोत्सव में पधारे सभी अतिथियों का श्रीहित पुरुषोत्तम दास महाराज (पुजारीजी) ने शॉल ओढ़ाकर एवं प्रसादी भेंट करके सम्मानित किया।महोत्सव का समापन संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।
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