एम० एल० के० पी०जी० कालेज, बलरामपुर के वनस्पति विज्ञान विभाग के शैक्षणिक भ्रमण के अन्तर्गत छात्र छात्राओं के एक दल ने विभागाध्यक्ष डॉ राजीव रंजन, डॉ मोहम्मद अकमल एंव डॉ वीर प्रताप सिंह के नेतृत्व में डचेस फाल का भ्रमण किया। डचेस फाल मध्य प्रदेश के पंचमढ़ी शहर का एक सुंदर जल प्रपात है। इसकी ऊँचाई लगभग 100 मीटर है । इस प्रपात तक पहुँचने के लिए 4 कि.मी. (850 सीढ़ियाँ) की यात्रा पैदल करनी पड़ती है । यह जल प्रपात बारहमासी धारा है और गिरते हुए सुन्दर कल-कल आवाज़ करता है । यहाँ पर छात्र छात्राओं ने गाइड राकेश कश्यप के साथ विभिन्न दुर्लभ प्रजातियों की वनस्पति जिसमें साईलोटम, सायथिया, सिलेजिनेला, नोस्टोक, लाइकोपोडियम एंव विभिन्न प्रकार के फ़र्नो जिसमें सिल्वर फ़र्न मुख्य है, का अध्ययन किया। साईलोटम एक अत्यंत दुर्लभ संवहनी पौधा है। जो बहुत ऊँचाई पर लगा होता है। यहाँ से छात्र छात्राएँ रीछगड़ गुफ़ा भी गये जहां पर गाइड राकेश ने पंचमढ़ी की जैव विविधता के बारे में जानकारी दी। अंत में सभी लोगों ने धूपगड़ का दौरा किया। धूपगड़ महादेव की पहाड़ियों पर स्थित है और मध्य प्रदेश का सबसे उच्चतम बिन्दु है जिसकी ऊँचाई 1350 मीटर है। सभी लोगों ने यहाँ सबसे छोटे खजूर के पौधे का अवलोकन करते हुए यहाँ पर स्थित म्यूज़ियम के विभिन्न हिस्सों पर लिखी हुई जानकारी प्राप्त की। धूपगड़ पर्यटन केन्द्र म्यूज़ियम का निर्माण ब्रिटिश सरकार द्वारा सन् 1885 में सीमेंट की उपलब्धि से बहुत पहले मात्र 2024 ₹ की लागत से किया था । रोचक बात यह है कि इसके पत्थर की जुड़ाई के लिए चूना, उड़द की दाल, गुड़ व गोद का इस्तेमाल किया गया था । छात्रों ने यहाँ पर सूर्यास्त के भौगोलिक दृष्य को भी देखा।

     हिन्दी संवाद न्यूज़ से
       रिपोर्टर वी. संघर्ष
       9140451846
         बलरामपुर l

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने