सहायक अभियंता कर रहा घोटाले पर घोटाला उच्चाधिकारी मौन

||संवाददाता - विजय शंकर दुबे||

सूत्रों के अनुसार चिनहट डिवीजन ऑफिस में तैनात सहायक अभियंता द्वारा बराबर अलग अलग तरीके से घोटाले किए जा रहे हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने अपने आंख और कान बन्द कर रखे हैं 
मामला विद्युत नगरीय वितरण खण्ड चिनहट का है जहां पर तैनात सहायक अभियंता पवन मिश्रा द्वारा अभी हाल ही में मदरसा बिल घोटाला किया गया था जिसमे लाखों रूपये का राजस्व का नुकसान हुआ मामले का खुलासा होने पर विभाग ने दो सदस्यीय जांच समिति गठित कर जांच कराई गई जिसमे पवन मिश्रा को दोषी पाया गया है बावजूद इसके पवन मिश्रा घोटाले करने से बाज नहीं आ रहे
 ताजा मामला सेक्टर पांच गोमतीनगर विस्तार निवासी उपभोक्ता रूपम सिंह कनेक्शन खाता संख्या 8990065487 मीटर संख्या 00877780 पांच किलोवाट घरेलू कनेक्शन था जिससे विभागीय जांच टीम द्वारा मौके पर पन्द्रह किलोवाट का वाणिज्यिक उपभोग  होते पाया गया और उपभोक्ता रूपम सिंह पर लाखों रूपये जुर्माना भी लगाया गया इसी तरह सेक्टर पांच गोमतीनगर विस्तार निवासी उपभोक्ता रामचंदर वर्मा खाता संख्या 678784671 मीटर संख्या 00877950 नौ किलोवाट का घरेलू कनेक्शन था जिस पर परवर्तन दल द्वारा जांच में घरेलू से पन्द्रह किलोवाट का वाणिज्यिक उपभोग होते पाया गया उपभोक्ता पर लाखों रूपये का जुर्माना लगा लेकिन डिवीजन ऑफिस में तैनात सहायक अभियंता ने अपनी जेब भरने के लिए दोनों उपभोक्ताओं की जुर्माना राशि नही जमा कराई और बिना क्षेत्रीय अवर अभियंता से जांच आख्या प्राप्त किए नियमो को ताक पर रखकर न सिर्फ जुर्माना राशि में हेराफेरी की बल्कि किसी भी अधिकारी की अनुमति लेना मुनासिब नहीं समझा और टैरिफ एल एम वी 01 से एल एम वी 02 में परिवर्तित कर दिया ये कृत्य सहायक अभियंता ने अपनी खुद की आई डी से कारित किया लेकिन सहायक अभियंता के राजनैतिक रसूख के आगे विभाग के उच्चाधिकारियों ने घुटने टेक दिए सहायक अभियंता पवन मिश्रा ताबड़तोड़ नए नए तरीकों से घोटाले पर घोटाले किए जा रहा है लेकिन मामले पर विभागीय अधिकारियों की चुप्पी सवालिया निशान लगा रही है

 सूत्रों की माने तो सहायक अभियंता पवन मिश्र के रिश्तेदार मुख्यमंत्री कार्यालय में होने के कारण आज तक कार्यवाही नहीं हो सकी सवाल यह पैदा हो रहा है की सहायक अभियंता पवन मिश्रा आखिर किसकी सरपरस्ती में आए दिन घोटालों को अंजाम दे रहा है और उच्चाधिकारी मौन हैं 
देखना दिलचस्प होगा कि भ्रष्टाचार में गले तक डूबे सहायक अभियंता के खिलाफ यूपीपीसीएल चेयरमैन कोई कार्यवाही करेंगे या फिर मामले को दबा दिया जाएगा

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