सी.एम.एस. के मेधावी छात्र सम्मानित

लखनऊ, 25 फरवरी। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, महानगर कैम्पस द्वारा आयोजित ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ में विद्यालय के मेधावी छात्रों को सार्वजनिक रूप से प्रशिस्त पत्र व मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया। सी.एम.एस. गोमती नगर द्वितीय कैम्पस आॅडिटोरियम में आयोजित इस भव्य समारोह में प्री-प्राइमरी व प्राइमरी के मेधावी छात्रों को पुरष्कृत कर सम्मानित किया गया, जिन्होंने वर्ष भर में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं, साँस्कृतिक कार्यक्रमों, खेलकूद एवं वार्षिक परीक्षा में टाॅप कर विद्यालय का गौरव बढ़ाया है। इससे पहले, मुख्य अतिथि श्री आशीष मिश्रा, एसोसिएट एडीटर, इण्डिया टुडे मैगजीन, ने दीप प्रज्वलित कर ‘डिवाइन एजूकेशन कान्फ्रेन्स’ का उद्घाटन किया एवं मेधावी छात्रों को पुरष्कृत कर सम्मानित किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्य अतिथि श्री आशीष मिश्रा ने कहा कि उद्देश्यपूर्ण शिक्षा बालक को व्यक्तिगत तथा सामाजिक दोनों क्षेत्रों में रचनात्मक विकास हेतु प्रेरित करती है। शिक्षा का उद्देश्य मनुष्य के लिए उसके अंदर छिपी शक्तियों तथा क्षमताओं को विकसित करना है, जिससे कि वह सामाजिक विकास में रचनात्मक योगदान दे सके। सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट एवं प्रबन्धक, प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने अपने संबोधन में कहा कि सी.एम.एस. एक अलग तरह का स्कूल है जो बच्चों को अन्दर से मजबूत और बाहर से आकर्षक बनाता है जिससे वे 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना बहादुरी से कर सकें।

इस अवसर पर सी.एम.एस. महानगर कैम्पस के छात्रों ने शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों की इन्द्रधनुषी छटा बिखेरकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। जहाँ एक ओर छात्रों ने वल्र्ड पार्लियामेन्ट के जोरदार प्रस्तुतिकरण द्वारा धाराप्रवाह अभिव्यक्ति क्षमता एवं आत्मविश्वास का प्रदर्शन किया तो वहीं दूसरी ओर सर्वधर्म एवं विश्व एकता प्रार्थना के माध्यम से विश्व एकता व विश्व शान्ति का संदेश दिया। इसके अलावा, कव्वाली, दादा-दादी गीत, एक्शन सांग, मदर्स सांग आदि विभिन्न कार्यक्रमों को सभी ने खूब सराहा। यह ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ विद्यालय की गतिविधियों में अभिभावकों को साझीदार बनाने में अत्यन्त सफल साबित हुई।

सी.एम.एस. महानगर कैम्पस की प्रधानाचार्या डा. कल्पना त्रिपाठी ने इस अवसर पर कहा कि स्कूल पर बालक को एक अच्छा इंसान बनाने की नैतिक जिम्मेदारी होती है और यह पुनीत कार्य अभिभावकों के सहयोग से ही संभव है। मुझे हार्दिक प्रसन्नता है कि हमें अभिभावकों का सहयोग निरन्तर मिल रहा है। इसके लिए अभिभावकों का हृदय से आभार व्यकत करती हूँ।


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