दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड पाकर बोले संजय भूषण - प्रयागराज से निकलकर मुम्बई में पहचान बनाना कोई साधारण बात नहीं है ।
कहते हैं कि ख़ुद को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले ख़ुदा बन्दे से ख़ुद पूछे कि बता तेरी रज़ा क्या है !? यही कहावत आजकल फ़िल्म प्रचारक और सेलिब्रिटी मैनेजर संजय भूषण पटियाला के ऊपर चरितार्थ हो रही है । आज जो भी मुकाम इन्होंने इस भारतीय फिल्म जगत में फ़िल्म प्रचारक के रूप में बनाई है उसके पीछे के संघर्ष को भूल पाना बेहद कठिन कार्य है । उत्तरप्रदेश के संगम नगरी प्रयागराज में जन्मे व बिहार की राजधानी पटना से शिक्षा प्राप्त करने के बाद संजय भूषण ने आज से लगभग 18 वर्ष पूर्व मुम्बई का रुख एक फ़िल्म प्रचारक के रूप में किया था । उस समय नौसिखिया संजय भूषण भोजपुरी फिल्मों के प्रचार प्रसार किया करते थे , लेकिन आज का आलम ये है कि इनके पास भोजपुरी के साथ साथ हिंदी, अवधी, मैथिली, मराठी और पंजाबी फिल्मों के प्रचार प्रसार के लिए लाइन लगी रहती है । संजय भूषण आज की तारीख में एक बेहद व्यस्त फ़िल्म प्रचारक बन चुके हैं । जिन्होंने भोजपुरी , हिंदी , मराठी सहित कई भाषाओं के सेलिब्रिटियों के मैनेजमेंट का कार्य भी बखूबी सम्भाला हुआ है। इन्होंने अपने कार्यक्षमता की बदौलत दर्जनों अवॉर्ड/पुरस्कार अपने नाम किये हैं , और उन्हें अभी हाल फिलहाल में टीवी की सीता माँ दीपिका चिखलिया टोपीवाला के हाँथों दादा साहेब फाल्के टेलीविजन अवॉर्ड मिला है । फ़िल्म पत्रकारिता करते हुए संजय भूषण एक मासिक फिल्मी पत्रिका पाटलिपुत्रा न्यूज के नाम से भी निकालते थे जिसकी पैठ बड़े बड़े प्रोडक्शन हाउसेज के दरख्तों तक था। आज भी हँगामा मीडिया ग्रुप के बैनर तले संजय भूषण फ़िल्म प्रचार और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम बखूबी करते रहते हैं । आज भी संजय भूषण दुबई ,मलेशिया, सिंगापुर ,पटना, लखनऊ , दिल्ली, बनारस सहित मुम्बई में लगातार फ़िल्म प्रचारक और सेलिब्रिटी मैनेजर के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं । इस अवार्ड के आयोजक अखिलेश सिंह को धन्यवाद देता हूं।
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