राजकुमार गुप्ता 
मथुरा।उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान, मथुरा, उत्तर प्रदेश के पशु रोग विभाग द्वारा पशुओं की ट्रांसबाउंड्री बीमारियों से बचाव एवं नियंत्रण के उपाय विषय पर ब्रेनस्टॉर्मिंग संगोष्ठी का आयोजन किया गया।  संगोष्ठी की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर अनिल कुमार श्रीवास्तव द्वारा की गई । अपने अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने पशुओं के उत्पादन पर बीमारियों द्वारा पढ़ने वाले विभिन्न प्रतिकूल प्रभावों को बताते हुए, उससे होने वाले आर्थिक क्षति की चर्चा की ।उन्होंने बताया कि यदि हम विभिन्न प्रकार की संक्रामक बीमारियों की पुख्ता रोकथाम कर लेते हैं तो हम पशु से अच्छी उत्पादकता प्राप्त करने के साथ उनके इलाज में होने वाले आर्थिक नुकसान को भी बचा सकते हैं। उन्होंने बताया कि पशुओं के ट्रांसबाउंड्री बीमारियां, वे बीमारियां होती हैं, जो पशु के एक स्थान से दूसरे स्थान पर या एक देश से दूसरे देश से आने-जाने या संक्रमित लोगों, पशु पक्षी के आने जाने से फैलती हैं । जिससे देश को पोषण, जनस्वास्थ्य तथा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इस अवसर पर भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जत नगर, बरेली के पूर्व कुलपति/निदेशक, डॉ. राजकुमार सिंह ने महामारी तथा जूनोटिक बीमारियों की रोकथाम पर चर्चा की । राष्ट्रीय खुरपका मुंहपका संस्थान, भुवनेश्वर के निदेशक डॉ. आर. पी. सिंह ने खुरपका-मुंहपका से नियंत्रण एवं बचाव के उपाय के बारे में चर्चा की । राष्ट्रीय पशु रोग जानपदित एवं सूचना विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु के निदेशक डॉ. बलदेव राज गुलाटी ने ट्रांस बाउंड्री तथा पशुओं की उभरती बीमारियों के जोखिम का कैसे आकलन किया जाए के बारे में चर्चा की। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जत नगर बरेली के प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. राजवीर सिंह पवैया ने पशुओं की ट्रांसबाउंड्री बीमारियों के नियंत्रण के उपाय के बारे में बताया। प्रधान वैज्ञानिक डा. जी. साई कुमार ने पशुओं की बीमारियों के नियंत्रण कार्यक्रम सफलता एवं विफलता के बारे में चर्चा की। कार्यक्रम में राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान, भोपाल के निर्देशक, डॉ. अनिकेत सान्याल, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.के. गुरुराज तथा डॉ अनिल कुमार मिश्रा ने अपने विचार रखें।अधिष्ठाता, पशु चिकित्सा संकाय, प्रोफेसर विकास पाठक ने आगंतुकों का स्वागत एवं अभिनंदन किया।  इस अवसर पर अधिष्ठाता स्नातकोत्तर प्रोफेसर अर्चना पाठक; अधिष्ठाता जैव प्रौद्योगिकी, प्रोफेसर रश्मि सिंह; निदेशक शोध, प्रोफेसर विनोद कुमार, डायरेक्टर, क्लीनिक्स, प्रोफेसर आर.पी. पांडे;  प्रोफेसर संजय पुरोहित; प्रोफेसर अतुल प्रकाश; प्रोफेसर देश दीपक सिंह;  डॉ. नीरज गंगवार सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी तथा छात्र-छात्राओं ने प्रतिभा किया।

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