राजकुमार गुप्तामथुरा जनपद में यमुना की दुर्शाशा पर यमुना भक्तो मै भारी रोष व्याप्त है, मथुरा के यमुना भक्त कई बार शासन प्रशासन से यमुना की दुर्शादा सुधारने को मांग कर चुके हैं। भाजपा सरकार मैं वे लगाम नेता और अधिकारी यमुना की दुर्दशा पर चुप्पी साधे बैठे हैं। धीरे धीरे जनता की समझ में आने लगा है कि कोई बड़ा दबाव मथुरा के नेता और अधिकारियों को यमुना की दुर्दशा पर चुप्पी साधने को मजबूर कर रहा है। जिसका जीता जागता प्रमाण है कि पूर्व में यमुना भक्तो द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय पर एक ज्ञापन सौंपा गया जिलाधिकारी द्वारा इस संवेदनशील मुद्दे के प्रति जो शिथिलता बरतने का कार्य किया है, वह इस वात को सिद्ध करता है कि कोई बड़ा दबाव मथुरा में यमुना प्रदूषण के मामले में अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी को निभाने से रोक रहा है। जिलाधिकारी से यमुना भक्तो द्वारा यमुना की वर्तमान स्थिति को मौके पर जाकर अवलोकन करने का आग्रह तक किया लेकिन जिलाधिकारी द्वारा धार्मिक आस्था से जुड़े संवेदनशील मुद्दे को नजरंदाज कर कोई तवज्जो नहीं दी। जिलाधिकारी के ढुलमुल रवैया से यमुना भक्तो मैं भारी रोष व्याप्त है। यमुना भक्त लगातार लामबंद हो इस मामले पर जनसमर्थन जुटाने में लगे हैं। बहुत जल्द मथुरा में यमुना के मुद्दे पर एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। जिसका परिणाम आने वाले लोकसभा चुनावों में देखने को मिलेगा। यमुना भक्तो द्वारा इस मामले में वार्ता करते हुए जिलाधिकारी मथुरा को स्पष्ट संदेश देने की बात कही है कि आगामी समय में यमुना के मुद्दे पर जो आंदोलन होगा उसकी पूरी जिम्मेदारी जिलाधिकारी मथुरा की होगी। जिलाधिकारी का जो रवैया देखने को मिला उससे आहत हो यमुना भक्तो द्वारा आंदोलन करने पर विवश होना पड़ा। यमुना हमारे लिए नदी मात्र नही है आस्था का प्रश्न है।

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