राजकुमार गुप्ता 
मथुरा।आज प्रयागराज उच्च न्यायालय में श्री कृष्ण जन्म भूमि मंदिर से मस्जिद को हटाने वाले केस में सुनवाई हुई, सुनवाई  के दौरान हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं के मध्य में बहस हुई, पिछली डेट पर माननीय न्यायालय द्वारा उन पक्षकारों को निर्देशित किया गया था जिन पक्षकारों द्वारा मुस्लिम पक्षकार द्वारा लगाई गई सेविन् रूल् एलेविन् प्रार्थना पत्र पर हिंदू पक्षकार की आपत्ति मांगी गई थी क्योंकि कुछ हिंदु पक्षकार द्वारा मुस्लिम पक्षकार के पत्र् पर आपत्ती दाखिल नहीं की गई थी आज सुनवाए के दौरान मुस्लिम पक्ष की मांग रही थी कि यह सभी मुकदमे सुनवाई योग्य नहीं है मुस्लिम पक्ष द्वारा पूजा उपासना अधिनियम 1991 के बारे में कहा गया कि जब लोकसभा द्वारा कानून बना दिया गया फिर इस विवाद में आगे सुन वाई  क्यों हो रही है, हिंदू पक्ष की अपील यही थी कि जब ज्ञान व्यापी में सर्वे हो चुका है और सर्वे के दौरान हिंदू मंदिर के साक्ष्य मिले हैं ,इस प्रकार कृष्ण जन्म भूमि मंदिर के पास बनी ईदगाह मस्जिद  में भी सर्वे होना चाहिए, हिंदू पक्षकार्   ने कहा कि मथुरा में वर शिप  एक्ट १९९१  लागू नहीं होता है हिंदू पक्ष ने  यह भी कहा कि जब आरटीआई के तहत मथुरा मे पुरातत्व विभाग से जवाब मांगा गया कि कृष्ण मंदिर की स्थिति क्या है तो RTI  के द्वारा पुरातत्व के  अधिकारियों द्वारा जो कि  सरकारी एजेंसी है ,जवाब दिया गया कि अंग्रेजी सरकार में उनके गजट में यह लिखा पाया गया कियहां पर पहले केशव कटरा देव मंदिर थाऔर उस मंदिर को तोड़कर के मस्जिद बनाई गई थी, हिंदू पक्ष ने कहा कि यह सबसे बड़ा सबूत है न्यायालय के लिए जिससे  यह साबित होता है कि यहां पहले मंदिर था, हिंदू पक्ष की लगातार मांग यही रही की यहां पर पहले मंदिर था ,मंदिर को तोड़कर के मस्जिद बनाई गई है तथा 1968 का समझौता गलत था उसको खारिज किया जाए और मंदिर की जमीन मंदिर को वापस मिलनी चाहिए लेकिन मुस्लिम पक्ष चाहता है कि यह सर्वे का ऑर्डर स्टे ही रहे और आगे कोई कार्रवाई नहीं हो, आज हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष  के अधिवक्ताओं के  मध्य में बहस हुई और वहस  के बाद में माननीय न्यायालय ने अगली सुनवाई  के लिए डेट लगा दी ।

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