मथुरा। छाता क्षेत्र के एक गांव में 11 फरवरी को हुई सात साल के बच्चे की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस के मुताबिक बच्चे की हत्या नाबालिक हत्यारोपी चचेरे भाई ने की थी। हत्यारोपी नाबालिग को शक था कि उसके सगे भाई की हत्या उसके चाचा और चाची ने टोना टोटका से की है। इसी का बदला लेने के लिए उसने सात साल के उनके बेटे की हत्या कर दी। प्रभारी थाना छाता निरीक्षक त्रिलोकी सिंह के मुताबिक 11 फरवरी को शाम को छाता क्षेत्र के गांव में स्थित ऊसर के जंगल में करीब सात वर्ष के बच्चे का शव पाये जाने की सूचना मिली। जिसके सम्बन्ध में थाना छाता पर अज्ञात के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया। मृतक बालक का पोस्टमार्टम कराया गया। चिकित्सकों के पैनल से पोस्टमार्टम किया। सुबह आठ बजे के बाद बालक को किसी ने नहीं देखा और दोपहर के बाद उसकी तलाश के दौरान ऊसर के जंगलो में उसके चचेरे भाई की निशादेही पर मृत अवस्था में पाया गया था। चचेरे भाई से घटनाक्रम के बारे में पूछने के दौरान बार बार बयान बदले। उसके दोस्त से की गयी पूछताछ की और फिर चचेरे भाई से पुनः पूछताछ में प्राप्त साक्ष्यों एवं साक्ष्य संकलन के अनुसार मृत बालक को चचेरे भाई द्वारा ही अपने साथ साइकिल से ले जाया गया और घटनास्थल पर ले जाकर उसे मृत अवस्था में ढूढकर बरामद कराने में उसकी भूमिका के आधार पर सख्ती से पूछने पर उसके द्वारा बताया गया कि डेढ़ वर्ष पूर्व उसके भाई की मृत्यु उसके चाचा व चाची द्वारा टोना टोटका कराये जाने के कारण हुई थी। जिसका बदला लेने के लिये उसने मौंका पाकर अपने छोटे चचेरे भाई को बहाने से अपनी साइकिल पर जंगल में ले जाकर नाक, मुंह और गला दबाकर मार दिया और शव को वही पतेल में छिपाकर चला आया बाद में शव को सभी के �
नाबालिग चचेरा भाई ही निकला मासूम का हत्यारा-हत्यारोपी को चाचा चाची पर था टोना टोटका से सगे भाई की हत्या का शक
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