जय श्री राम दिव्या ज्योति जागृती संस्थान द्वारा आयोजित श्री हरि कथा अमृत के दौरान बताया स्वामी आशुतोष महाराज केवल ईश्वर की कथा के बारे में ही नहीं बताते बल्कि साक्षात ईश्वर दर्शन भी कराते हैं गुरु अपने शिष्यों के अंदर आध्यात्मिक ज्ञान पैदा करते हैं वह आत्म दर्शन कराते हैं गुरु विश्वामित्र यज्ञ की रक्षा करने के लिए राम लक्ष्मण को राजा दशरथ से मांगने के लिए अयोध्या पहुंचे और वहां से राम और लक्ष्मण को लेकर अपने आश्रम आये वहां पर राम और लक्ष्मण ने अनेकों आने को राक्षसों को का विनाश यज्ञ की रक्षा की वहीं पर गुरु विश्वामित्र को राजा जनक द्वारा आयोजित सीता स्वयंवर का समाचार मिला/उस स्वयंवर में राम लक्ष्मन को लेकर गुरु विश्वामित्र जनकपुर पहुंचे स्वयंवर में शिव जी के धनुष को तोड़ कर भगवान राम ने सीता जी के साथ विवाह संपन्न किया/ स्वामी अर्जुनानंद महाराज ने कथा में गंगा जी के महत्व पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि गंगा नदी भारत की पवित्र नदी है वह निरंतर बहते हुए संघर्ष करने का संदेश दे रही हैl अयोध्या में भगवान राम के राजा अभिषेक राजा अभिषेक घोषणा करते हुए कर दी गई है इसी समय रानी कैकेई के मति को फेर दिया और उन्होंने राजा दशरथ से तो वरदान भरत को राजगद्दी वह राम को 14 बरस का बनवास मांगा इस तरह प्रधान के अनुसार वरदान के अनुसार जब भगवान बनवास जाने लगे तो पूरे अयोध्यावासी उनके साथ अयोध्यावासी भी चल दिए // इस प्रकार भगवान राम गंगा जी के तट पर पहुंचे रात में सोते समय अयोध्या वासियों को छोड़कर भगवान राम लक्ष्मण और सीता जी के साथ आगे बढ़ गए और वहां पर भक्त केवट जिद करके भगवान का चरण धोकर सभी को गंगा पार कराया /कथा प्रसंग में राम केवट का संवाद सुनकर सभी भक्त भाव विभोर हो उठे इस कथा में श्री मंगल बाबू रघुनाथ प्रसाद शुक्ला। जनार्दन पांडे राधेश्याम मिश्रा एडवोकेट अजय श्रीवास्तव केवल शर्मा आदि अनेक सैकड़ो लोग इकट्ठा हुएl
हिन्दी संवाद न्यूज़ से
रिपोर्टर वी. संघर्ष
9140451846
बलरामपुर l
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