राजकुमार गुप्ता 
मथुरा। जनपद में पत्रकार अपने बेबाक पत्रकारिता करने के कारण प्रशासन की आखों में हमेशा खटकता रहता है, हर बार प्रशासन पत्रकारों को नीचा दिखाने के प्रयासों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते। मथुरा में शुक्रवार सुबह ग्यारह बजे करीब मथुरा के होलिगेट के निकट एक दुकान की छत काटकर चोरी की घटना घटित हुई, जिसको कवर करने अपनी मथुरा न्यूज के रिपोर्टर प्रतीक चतुर्वेदी अपनी इस्कुटी से जा रहा था, तव ही सामने से एक मोटरसाइकिल विना नंबर के तीन सावरियो सहित पत्रकार की गाढ़ी से टकरा गई, पत्रकार द्वारा देखकर चलाने को कहा तो गाढ़ी चालक भड़क उठा बोला ज्यादा पत्रकार बन रहा है, अगर थोड़ी गाढ़ी टकरा गई तो मर तो नही गया। इस पर पत्रकार ने शालीनता से कहा भाई क्या मारने ही निकला है घर से, मोटरसाइकिल पर सवार महिला भी तू तड़ाक करने लगी, दोनों के बीच वाद विवाद बड़ने लगा और हाथापाई मैं तब्दील हो गया , गाढ़ी चालक ने पत्रकार के गुप्तांगों में कस कर लात मारी जिससे वेचेन हो पत्रकार ने भी आत्मरक्चार्थ अपना बचाव किया जिसके कारण गाढ़ी चालक को भी सिर में चोट लगी। ऊक्त घटना स्थल के पास ही चोरी की घटना घटित हुई थी तो इलाका पुलिस वहा मौजूद थी। कोतवाली प्रभारी ने सही मौका देखते हुए पत्रकार को दवोच लिया साथ ही दो अन्य लोगों को भी कोतवाली परिसर ले कर बंद कर दिया। पत्रकार प्रतीक चतुर्वेदी ने एक दिवस पूर्व यमुनापार थाने की खबर चैनल मैं लगाई थी, जिसका ज्ञात थाना प्रभारी को भी होगा, थाना प्रभारी ने पत्रकारों के खिलाफ सही मौका देखकर पत्रकार को बंद कर दिया। पत्रकार द्वारा कई बार कहा आप मेरी भी वात सुनो पर पत्रकार की एक ना सुनी गई। "जिस गाढ़ी चालक से मारपीट हुई वह भी कार्यवाही करने में टाल मटोल करता दिखाई दे रहा था। घटना घटित होने के दो घंटे बाद उसने किसी के दबाव में आकर तहरीर दी, तहरीर देने के उपरांत मेडिकल कराने जिला अस्पताल गया, वहा भी गाढ़ी चालक अपना मेडिकल कराने में टाल मटोल करता रहा। ऊपर से उसके साथियों को फोन पर बार बार आदेश प्राप्त होते रहे तब जाकर घायल ने अपना उपचार कराया। इससे प्रतीत होता है कि जिसके साथ घटना घटित हुई है वह किसी के दबाव में कार्यवाही करने पर मजबूर था। पत्रकार के गुप्तांगों में चोट लगने के कारण दर्द महसूस होता रहा परंतु थाना पुलिस द्वारा पत्रकार के साथ अमानवीय व्यवहार करते हुए उसे खड़ा रखा। थाना प्रभारी पत्रकार को थाने में डाल कर अपने कार्यों में व्यस्त हो गए। कई बार संपर्क करने की कोशिश की तो जवाब मिला कोर्ट में है। थाना प्रभारी शाम पांच बजे के बाद कोतवाली पहुंचे जिनसे वात करने की कोशिश पत्रकारों द्वारा की गई तो सीधे मुंह बात करने को तैयार नहीं हुए। पत्रकारों द्वारा कहा गया कि झगड़ा हुआ है तो कार्यवाही दोनों पक्षों पर हो चोट दोनों के लगी है। बढ़ी मुश्किल से थाना कोतवाली ने पत्रकार की तहरीर ली घटना में पुलिस द्वारा एक वेकसुर को भी लपेट लिया उसके परिवार द्वारा विरोध करने पर कोतवाली प्रभारी भड़क कर सभी को लाठी के बल पर कोतवाली से भगाने पर आमादा हुए, मामला इतना बड़ गया कि सभी पत्रकार कोतवाली परिसर के गेट पर बैठ गए, पत्रकारों द्वारा सभी सरकारी कार्यक्रमों का वहिस्कर करने का एलान कर दिया जिसे सुनकर कोतवाली प्रशासन के हाथ पाओ फूल गए, आनन फानन में कोतवाली प्रभारी के सख्त तेवर नरम पड़ गए और पत्रकारों को बुलाकर उचित कार्यवाही करने का भरोसा दिया। लंबी चौड़ी वार्ता के पश्चात दोनों पक्षों "के ऊपर कार्यवाही करते हुए मामला दर्ज किया और दोनो की धाराओं को देखते हुए थाने से 41A की कार्यवाही करते हुए छोड़ दिया।

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