लखनऊ: 16 फरवरी, 2024
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में सेवानिवृत्त अधिकारियों और वरिष्ठ शिक्षाविदों के साथ संवाद किया।
ज्ञातव्य है कि 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की औद्योगिक परियोजनाओं की एक साथ ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी से पूर्व सेवानिवृत्त अधिकारियों और वरिष्ठ शिक्षाविदों का समूह यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 और जी0बी0सी0@IV के विविध आयामों से युवाओं का परिचय करायेगा। इसके लिए, मुख्यमंत्री जी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के 12, भारतीय पुलिस सेवा के 04 और भारतीय वन सेवा के 07 अधिकारियों (सभी सेवानिवृत्त) तथा 19 शिक्षाविदों की 42 सदस्यीय टीम गठित की है। आगामी 17-18 फरवरी को यह टीम अलग-अलग विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में युवाओं से संवाद कर नौकरी/रोजगार/सेवायोजन से जुड़ी उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करेगी। साथ ही, युवाओं को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 और जी0बी0सी0@IV के सम्बन्ध में जागरूक करेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत वर्ष 10-12 फरवरी तक आयोजित यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 की अभूतपूर्व सफलता से आप सभी सेवानिवृत्त अधिकारी तथा शिक्षाविद सुपरिचित हैं। इस समिट के माध्यम से लगभग 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव हमें प्राप्त हुए। अब एक वर्ष के भीतर ही इन्हें जमीन पर उतारा जा रहा है। यह प्रदेश के समग्र विकास और हमारे युवाओं के नौकरी एवं सेवायोजन के लिए अत्यंत लाभकारी होगा। आप सभी प्रदेश की इस सफलता के साक्षी तथा सहयात्री रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अपार सम्भावनाओं का प्रदेश है। देश और प्रदेश के समग्र विकास में हमें इन सम्भावनाओं को जमीन पर उतारना होगा। आप सभी के पास सार्वजनिक जीवन का लम्बा अनुभव है। आपने महत्वपूर्ण पदों पर दायित्व निर्वहन किया है। आपके इन अनुभवों से हमारे युवा लाभान्वित हों, इसके लिए आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।
किसी भी योजना की सफलता के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि वह योजना जिसके लिए बनाई गई है, उसे उसकी जानकारी हो। अच्छी योजनाएं जागरूकता के अभाव में असफल हो जाती हैं। इसलिए सरकार, इंडस्ट्री और शिक्षण संस्थाओं के बीच सतत संवाद और संपर्क महत्वपूर्ण है। इस उद्देश्य से राज्य सरकार आप सभी अनुभवी अधिकारियों और शिक्षाविदों का सहयोग ले रही है।
जी0बी0सी0@IV के आयोजन के पूर्व विश्वविद्यालयों व अन्य शैक्षिक संस्थानों में आप सभी का युवाओं से संवाद महत्वपूर्ण होगा। संवाद करते हुए आप उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई विभिन्न नीतियों के माध्यम से प्रदेश में वृहद पूंजी निवेश आकर्षित किये जाने की योजनाओं की जानकारी दें। भारत सरकार और प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं से उनका परिचय कराएं। उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करें। ताकि अधिकाधिक युवा योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। यह समिट किस प्रकार उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए उपयोगी होगा, इस सम्बन्ध में युवाओं का मार्गदर्शन करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को अपने सामाजिक दायित्वों का भी निर्वहन करना चाहिए। यहां अध्ययनरत युवा सरकार की नीतियों, योजनाओं, कार्यक्रमों से सुगमतापूर्वक परिचित हो सकें, इसके लिए सहज व्यवस्था होनी चाहिए। विश्वविद्यालयों को इसके लिए स्वप्रेरणा से कार्य करना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी जैसे प्रयास केवल उद्यमियों के लिए नहीं हैं, अपितु इसके केंद्र में हमारा युवा वर्ग है। इसका सबसे ज्यादा लाभ युवाओं को ही होगा। उद्योग लगेंगे तो रोजगार के अवसर सृजित होंगे और इसका सीधा लाभ हमारे युवाओं को होगा। हम अपने युवाओं का कौशल उन्नयन भी कर रहे हैं और उनके लिए रोजगार के अवसर भी सृजित कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में विकास में असमानता एक बड़ी समस्या रही है। मध्य उत्तर प्रदेश और एन0सी0आर0 की तुलना में पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुन्देलखण्ड का बहुत कम विकास हुआ था। यहां न तो इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट का काम हुआ था और न ही लोगों के जीवन स्तर में सुधार के प्रयास किए गए थे। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुन्देलखण्ड में उद्योग नहीं लग पाए। परिणामस्वरूप यहां के युवाओं के सामने पलायन का संकट रहा। हमने इस असमान विकास की समस्या के स्थायी निराकरण के लिए ठोस प्रयास किये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रहा कि इसमें प्रदेश के सभी जनपदों के लिए निवेश मिला है। अब औद्योगिक विकास केवल एन0सी0आर0 अथवा कुछ चुनिंदा नगरों तक ही सीमित नही है, बल्कि हर एक जनपद इससे लाभान्वित हो रहा है। ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी का लाभ प्रदेश के सभी 75 जनपदों को मिलेगा। आगामी 19 फरवरी के मुख्य समारोह से सभी जनपदों को जोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है, जो बताती है कि तमिलनाडु से 60 हजार श्रमिक प्रदेश वापस लौटे। यह सभी टेक्सटाइल सेक्टर में कार्य कर रहे थे। निश्चित रूप से इन्हें उत्तर प्रदेश में अपने सुखमय और सुरक्षित भविष्य की सम्भावना दिखी होगी, तभी इन्होंने यहां लौटने का निर्णय लिया। यहां यह भी समझना होगा कि यह श्रमिक केवल फैक्ट्री में काम ही नहीं करते हैं, बल्कि यह प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में भी अपना योगदान करते हैं। इसी तरह, कोरोनाकाल में प्रदेश लौटे प्रवासी जनों की हमने स्किल मैपिंग की और यहीं रोजगार मुहैया कराया।
--------
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know