मुख्यमंत्री ने नवचयनित आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया
173 करोड़ रु0 की लागत से 31 जनपदों के
1,459 आंगनबाड़ी केन्द्र भवनों का शिलान्यास किया
प्रधानमंत्री जी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को माँ यशोदा के रूप में
सम्बोधित किया, आज से सभी नवचयनित आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों पर प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों के लालन-पालन का बड़ा दायित्व प्रारम्भ हुआ : मुख्यमंत्री
कोरोना महामारी के दौरान आशा, ए0एन0एम0 तथा आंगनबाड़ी
कार्यकर्त्रियों बहनों ने गांव-गांव जाकर एक-एक घर की स्क्रीनिंग की
प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में फील्ड वर्कर्स ने इन्सेफेलाइटिस बीमारी को
पूरी तरह समाप्त करने में सफलता प्राप्त की, यह उ0प्र0 का सफल मॉडल
धात्री महिलाओं, नवजात शिशुओं, कन्याओं तथा बचपन को बचाने के लिए
चलाये जा रहे पोषण अभियान में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों का बड़ा दायित्व
आज 1,459 भवनों का शिलान्यास किया गया, इससे बच्चों के लिए आवश्यक गतिविधियों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी, इन केन्द्रों को प्री-प्राइमरी के
रूप में स्थापित करने की सरकार की मंशा को आगे बढ़ाया जा सकेगा
आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों को हॉट कुक्ड फूड
उपलब्ध कराने के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया
आंगनबाड़ी केन्द्रों और महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से विकास
खण्ड स्तर पर क्वॉलिटी पोषाहार तैयार करने के लिए 204 प्लाण्ट संचालित
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे की वर्ष 2015-16 की रिपोर्ट की तुलना में
वर्ष 2019-21 में बच्चों में एनीमिया के स्तर में 5.1 प्रतिशत, स्टटिंग में 6.6
प्रतिशत, अल्पवजन में 7.4 प्रतिशत तथा सूखापन में 0.6 प्रतिशत का सुधार हुआ
प्रदेश वही, लोग वही तथा विभाग भी वही,
लेकिन विगत 07 वर्षां में उ0प्र0 की तस्वीर बदली
लखनऊ : 28 फरवरी, 2024
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को माँ यशोदा के रूप में सम्बोधित किया है। बचपन में श्रीकृष्ण जी का लालन-पालन माँ यशोदा ने ही किया था। यद्यपि श्रीकृष्ण जी का जन्म माँ देवकी के गर्भ से हुआ था, लेकिन दैवयोग से उन्हें माँ यशोदा के पास पहुंचना पड़ा था। माँ यशोदा ने ही श्रीकृष्ण जी का पालन-पोषण कर, उन्हें इस योग्य बनाया कि वह इस दुनिया के पालनहार बन गये। लगभग 14 वर्षां के उपरान्त आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों की नियुक्ति की बड़ी प्रक्रिया सम्पन्न हुई है। आज से सभी नवचयनित आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों पर प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों के लालन-पालन का बड़ा दायित्व प्रारम्भ हुआ है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन के सभागार में 3,077 नवचयनित आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को नियुक्ति पत्र वितरण के लिए आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने 173 करोड़ रुपये की लागत से 31 जनपदों के 1,459 आंगनबाड़ी केन्द्र भवनों का शिलान्यास भी किया। मुख्यमंत्री जी ने नवचयनित आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास से सम्बन्धित एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गयी।
मुख्यमंत्री जी ने सभी नवचयनित आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को बधाई देते हुए कहा कि जमीनी धरातल पर कार्य करने वाले लोग किस प्रकार परिणाम दे सकते हैं, यह हम सभी ने कोरोना महामारी के दौरान देखा है। मार्च, 2020 में सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के दौरान सभी को यह चिन्ता थी कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश का क्या होगा। उस समय हमनें डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग का व्यापक अभियान चलाया। यह दायित्व आशा, ए0एन0एम0 तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को दिया गया। यह बहनें गांव-गांव जाकर एक-एक घर की स्क्रीनिंग करती थीं। उस समय उन्होंने कई गांवों का दौरा किया था। वहां पर आशा, ए0एन0एम0 तथा आंगनबाड़ी बहनें स्क्रीनिंग करते, दवा वितरित करते तथा कोरोना संक्रमित लोगों की सेवा का कार्य करते हुए दिखाई देती थीं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना महामारी के पूर्व, उत्तर प्रदेश और विशेषकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में इन्सेफेलाइटिस बीमारी 40 वर्षां से 01 से 15 वर्ष के बच्चों पर कहर ढाती थी। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में फील्ड वर्कर्स ने इस बीमारी को पूरी तरह समाप्त करने में सफलता प्राप्त की। इन्सेफेलाइटिस से प्रतिवर्ष 1200 से 1500 बच्चों की मृत्यु होती थी। आज यह बीमारी पूरी तरह नियन्त्रित कर ली गयी है। यह उत्तर प्रदेश का सफल मॉडल है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि धात्री महिलाओं, नवजात शिशुओं, कन्याओं तथा बचपन को बचाने के लिए चलाये जा रहे पोषण अभियान में सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों का बड़ा दायित्व है। आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों के प्रशिक्षण तथा उन्हें रचनात्मक कार्यक्रमों से जोड़ने का दायित्व भी आप पर है। इस दायित्व की पूर्ति के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों के पास अपना भवन होना आवश्यक है। इसके लिए आज 1,459 भवनों का शिलान्यास भी किया गया है। वर्ष 2017 से पहले के सापेक्ष अब प्रदेश में आंगनबाड़ी केन्द्र भवनों की संख्या दोगुनी हो चुकी है। जब आंगनबाड़ी केन्द्रों का अपना भवन होगा, तो उन्हें बच्चों के लिए आवश्यक गतिविधियों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। इन केन्द्रों को प्री-प्राइमरी के रूप में स्थापित करने की सरकार की मंशा को भी आगे बढ़ाया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग ने अनेक अभिनव प्रयास किये हैं। आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों को हॉट कुक्ड फूड उपलब्ध कराने के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया है। वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री जी के करकमलों से प्रथम चरण में आंगनबाड़ी केन्द्रों और महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से विकास खण्ड स्तर पर क्वॉलिटी पोषाहार तैयार करने के लिए 204 प्लाण्टों का शिलान्यास किया गया था। वर्तमान में यह इकाइयां संचालित हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अगर बचपन स्वस्थ होगा, तो उसकी युवावस्था भी समर्थ होगी। उसकी प्रतिभा, योग्यता और क्षमता का लाभ समाज को होगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों की भूमिका बच्चों के बचपन को बचाकर उसे समर्थ, सशक्त और सुपोषित बनाने की है। ऐसा कर आप विकसित उत्तर प्रदेश के माध्यम से विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में अपना योगदान दे सकती हैं। आप सभी पूरी तन्मयता से कार्य करते हुए परिणाम पर ध्यान दें। आपका परिणाम ही, आपको आगे बढ़ायेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति सिर्फ बोलता है और कुछ करता नहीं है, तो परिणाम नहीं आयेगा। अगर बिना कार्य किये ही परिणाम आता, तो यह वर्ष 1947, 1952, 1957 या 1962 में ही आ जाना चाहिए था, लेकिन परिणाम आने में 70 वर्षां का समय लग गया। वर्ष 2017 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत देश में सबसे खराब स्थिति उत्तर प्रदेश की थी। उत्तर प्रदेश देश की सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। पहले यह चिन्ता का विषय था कि अगर यही राज्य पिछड़ जायेगा, तो देश कैसे आगे बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 70 वर्षां बाद जब प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश ने नई कार्यशैली अपनायी, तो उसके परिणाम सभी क्षेत्रों में सामने आये हैं। दुनिया यह स्वीकारती है कि उत्तर प्रदेश में विगत 07 वर्षां में बहुत कार्य हुए है। प्रदेश वही है, लोग वही हैं तथा विभाग भी वही हैं, लेकिन विगत 07 वर्षां में उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदली है। डबल इंजन की सरकार ने जो प्रयास प्रारम्भ किये थे, उसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने मिशन मोड पर कार्य किया। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों ने इसे जमीनी धरातल पर पहुंचाया। आज इसके परिणाम आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (एन0एफ0एच0एस0) की वर्ष 2015-16 की रिपोर्ट की तुलना में वर्ष 2019-21 में बच्चों में एनीमिया के स्तर में
5.1 प्रतिशत, स्टटिंग में 6.6 प्रतिशत, अल्पवजन में 7.4 प्रतिशत तथा सूखापन में 0.6 प्रतिशत का सुधार हुआ है। यह दिखाता है कि हमारा प्रयास सही दिशा में आगे बढ़ा है। वर्तमान में शिशु मृत्यु दर घटकर 37-38 हो चुकी है तथा मातृ मृत्यु दर घटकर 197 तक आ गयी है। प्रदेश में व्यापक परिवर्तन हुआ है। हम तेजी से राष्ट्रीय औसत की ओर बढ़ रहे हैं।
इस अवसर पर महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र समुदाय में एक विशेष महत्व रखते हैं। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में विभाग ने बड़ी उपलब्धियां हासिल की है। पोषण अभियान को जन अभियान बनाकर सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचाया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों का पारदर्शी तरीके से चयन किया गया है।
महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्य मंत्री श्रीमती प्रतिभा शुक्ला ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियां विभाग की महत्वपूर्ण कड़ी हैं। कोरोना कालखण्ड में इन बहनों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। मुख्यमंत्री जी के सुपोषित प्रदेश के स्वप्न को साकार करने तथा कुपोषण को मात देने के लिए विभाग कृतसंकल्पित है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक श्री देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव आई0सी0डी0एस0 श्रीमती वीना कुमारी मीना, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद सहित वरिष्ठ अधिकारी तथा नवचयनित आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री उपस्थित थीं।
--------
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know