*डीएम के व्यक्तिगत प्रयासों एवं शासन स्तर के निरंतर पत्राचार से 02 वर्षों से लंबित एनओसी जारी*
भारत-नेपाल अंतर्राष्ट्रीय सीमा कोयलाबास पर नेपाल सीमा द्वार के सामने नो मैंस लैंड के निकट ही भव्य स्वागत एवं प्रवेश द्वार के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर विशेष सामरिक महत्व रखते स्वागत एवं प्रवेश द्वार के पूर्व निर्धारित स्थल नो मेंस लैंड के निकट ही बने इसमें शासन स्तर में एनओसी प्राप्त करने में डीएम श्री अरविंद सिंह का विशेष भूमिका एवं अहम योगदान रहा।
डीएम द्वारा 20 जनवरी को भारत- नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा कोइलाबास के भ्रमण के दौरान प्रमुखता से भव्य प्रवेश द्वार के निर्माण के संबंध में सशस्त्र सीमा बल के साथ विस्तृत चर्चा की गई थी।
बताते चले कि वर्ष 2021 में भारत नेपाल अंतर्राष्ट्रीय सीमा कोयलाबास में नेपाल सीमा द्वार के सामने नो मैंस लैंड के निकट ही प्रवेश द्वार बनाए जाने की पहल हुई थी। प्रवेश द्वार निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड द्वारा वन विभाग से एनओसी मांगी गई थी, वन विभाग द्वारा एनओसी प्राप्त न होने पर निर्माण स्थल बदल दिया गया। स्वागत एवं प्रवेश द्वार नेपाल सीमा से 06 किलोमीटर अंदर भारत में बनाए जाने पर ग्रामीण एवं समाजसेवियों के आपत्ति का तत्काल संज्ञान लेते हुए डीएम द्वारा फाउंडेशन के लिए खोदे गए गड्ढे के कार्य पर रोक लगा दिया गया था। डीएम श्री सिंह द्वारा स्वागत एवं प्रवेश द्वार स्थल को बदले जाने की टीम बनाकर जांच कराई गई। उन्होंने अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी को चेतावनी दिया की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर विशेष सामरिक महत्व रखने वाले प्रवेश द्वार का निर्माण स्थल बदलते हुए उसे वन सीमा के बाहर बनाना उचित नहीं है।
भारत- नेपाल अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पूर्व निर्धारित स्थल नो मेंस लैंड के निकट ही स्वागत एवं प्रवेश द्वार बने इसके लिए डीएम श्री सिंह द्वारा अति सामरिक महत्व रखते स्वागत एवं प्रवेश द्वार के निर्माण में आ रही कठिनाइयों के बारे में शासन स्तर को अवगत कराया गया एवं उच्च स्तर से इस हेतु वन विभाग से एनओसी का आदेश जारी किए जाने के लिए अनुरोध किया गया।
डीएम ने शासन स्तर से निरंतर संपर्क रखते हुए सभी आपत्तियों का निस्तारण कराया । खुशी की बात है कि शासन के निर्देश के क्रम में वन विभाग द्वारा 02 वर्षों से लंबित एनओसी जारी कर दी गई है।
नेपाल सीमा के निकट भव्य प्रवेश द्वार बनाने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग एवं वन विभाग द्वारा शीघ्र अग्रेतर एवं आवश्यक कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी ।
भारत- नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा कोयलाबास पर प्रवेश द्वार बनने से यहां पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। प्रवेश द्वार को लाइट आदि से आकर्षक ढंग से सजाया जाएगा।
हिन्दी संवाद न्यूज़ से
रिपोर्टर वी. संघर्ष
9140451846
बलरामपुर।
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