मुख्यमंत्री ने प्रदेश की प्रस्तावित सेमीकण्डक्टर नीति-2024 पर आधारित
प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया, अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए

उद्योगों में आधुनिक प्रगति, स्मार्टफोन, कम्प्यूटर और चिकित्सा उपकरण
आदि में दक्षता विस्तार के लिए सेमीकण्डक्टर विनिर्माण महत्वपूर्ण : मुख्यमंत्री

उ0प्र0 में एक सुदृढ़ सेमीकण्डक्टर विनिर्माण ईकोसिस्टम की स्थापना आवश्यक

प्रदेश के अंदर मौजूद दो आई0आई0टी0 सहित सभी टेक्निकल
इंस्टीट्यूट में युवाओं को सेमी कण्डक्टर निर्माण की ट्रेनिंग दी जाए

सेमी कण्डक्टर उद्योगों में सी0एम0 इन्टर्नशिप
कार्यक्रम के अंतर्गत युवाओं को 02 वर्ष की ट्रेनिंग दी जाए

भारत सरकार द्वारा सेमी कण्डक्टर विनिर्माण सेवाओं जैसे सेमी कण्डक्टर फैब,
डिस्प्ले फैब, कम्पाउण्ड सेमी कण्डक्टर के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा, प्रदेश सरकार को इस सम्बन्ध में अपनी आकर्षक नीति घोषित करनी चाहिए

वैश्विक सेमी कण्डक्टर निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अपनी नीति के
अंतर्गत वित्तीय और गैर वित्तीय प्रोत्साहन संवितरण का प्राविधान होना चाहिए


लखनऊ : 17 जनवरी, 2024

     मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश की प्रस्तावित सेमीकण्डक्टर नीति-2024 पर आधारित प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया एवं अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उद्योगों में आधुनिक प्रगति, स्मार्टफोन, कम्प्यूटर और चिकित्सा उपकरण आदि में दक्षता विस्तार के लिए सेमीकण्डक्टर विनिर्माण महत्वपूर्ण है। यह आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंस, इण्टरनेट ऑफ थिंग्स और क्वाण्टम कम्प्यूटिंग में नवाचार को भी बढ़ावा देता है। उत्तर प्रदेश में एक सुदृढ़ सेमीकण्डक्टर विनिर्माण ईकोसिस्टम की स्थापना आवश्यक है। यह राज्य की आर्थिक वृद्धि और नवाचार को बढ़ावा देने, रोजगार के पर्याप्त अवसर उत्पन्न करने तथा सामरिक महत्व के क्षेत्रों में देश और प्रदेश की आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिए जरूरी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के अंदर मौजूद दो आई0आई0टी0 सहित सभी टेक्निकल इंस्टीट्यूट में युवाओं को सेमी कण्डक्टर निर्माण की ट्रेनिंग दी जाए। साथ ही, सेमी कण्डक्टर उद्योगों में सी0एम0 इन्टर्नशिप कार्यक्रम के अंतर्गत युवाओं को 02 वर्ष की ट्रेनिंग की व्यवस्था दी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चिप डिजाइन उद्यमों तथा स्टार्टअप्स पर ध्यान देने के साथ-साथ राज्य के भीतर एक सहायक फैबलेस ईकोसिस्टम का विकास किया जाए। कुशल प्रतिभाओं का पूल बनाने के लिए उद्योग और शिक्षा जगत के बीच मजबूत सम्बन्ध स्थापित किए जाएं। सेमी कण्डक्टर चिप सेक्टर ने विगत 02 वर्षों से 500 बिलियन डॉलर से अधिक निवेश करने की घोषणा की है। विभिन्न प्रतिष्ठित कम्पनियों ने फैब इकाइयों की स्थापना की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सेमी कण्डक्टर क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए भारत सरकार द्वारा 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रोत्साहन परिव्यय दिए जाने का निर्णय लिया गया है। सेमी कण्डक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम के लिए फैब इकाइयां, मिश्रित सेमी कण्डक्टर, आउटसोर्स सेमी कण्डक्टर, असेंबली और टेस्ट इकाइयों, परीक्षण और पैकेजिंग इकाइयों का होना बेहतर इकोसिस्टम बनाता है। हमें भी ऐसा परिवेश तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा सेमी कण्डक्टर विनिर्माण सेवाओं जैसे सेमी कण्डक्टर फैब, डिस्प्ले फैब, कम्पाउण्ड सेमी कण्डक्टर के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार को इस सम्बन्ध में अपनी आकर्षक नीति घोषित करनी चाहिए। यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के दौरान राज्य को इस सेक्टर में उत्साहजनक प्रस्ताव भी मिले हैं। हमें इन अवसरों का लाभ लेना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वैश्विक सेमी कण्डक्टर निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अपनी नीति के अंतर्गत वित्तीय और गैर वित्तीय प्रोत्साहन संवितरण का प्राविधान होना चाहिए। ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश, देश में चौथा राज्य होगा। नई नीति में भारत सरकार द्वारा अनुमोदित पूंजीगत उपादान पर अतिरिक्त पूंजी उपादान भी दिया जाना चाहिए। भूमि की खरीद/पट्टे पर स्टाम्प शुल्क में छूट का प्राविधान भी हो। इसी प्रकार, विद्युत शुल्क में छूट, नेट एस0जी0एस0टी0 प्रतिपूर्ति, दोहरी पावर ग्रिड नेटवर्क ट्रांसमिशन, और व्हीलिंग शुल्क, कौशल विकास और प्रशिक्षण, पेटेण्ट, जलापूर्ति, पावर बैंकिंग तथा अनुसंधान एवं विकास सहायता के लिए नीति में स्पष्ट प्राविधान किए जाएं।
नीति को तैयार करते समय इस सम्बन्ध में अन्य राज्यों की नीतियों का आकलन भी करें। इस सेक्टर के विशेषज्ञों/स्टेक होल्डर्स से भी परामर्श लिया जाए। इस नीति का प्रस्तुतिकरण मुख्यमंत्री जी के समक्ष सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग द्वारा किया गया।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय, वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरुण कुमार सक्सेना, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री अजीत पाल तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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