पीएम श्री स्कूल योजना आज
की सबसे बड़ी आवश्यकता: सीएम योगी
- सीएम
योगी ने 404
करोड़ की धनराशि से पीएम श्री स्कूलों के आधुनिकीकरण के कार्यों का किया शुभारंभ
- सीएम
योगी ने समूह ख के नवचयनित अधिकारियों को वितरित किये नियुक्ति पत्र
- सीएम
बोले, वर्ष
2017
से पहले स्कूलों में सुविधा, शिक्षक और कनेक्टिवटी का था अभाव
लखनऊ, 4 जनवरी:
पूरी दुनिया जिस समय कोरोना से ग्रस्त थी, उस समय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की 140 करोड़ की आबादी को बचाने के साथ
नये भारत के रूप में नई शिक्षा नीति की आधारशिला रखी। इसी आधारशिला ने नये भारत के
विजन को आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी है। पीएम श्री स्कूल योजना इसी श्रृंखला का
हिस्सा है। इसी के तहत पहले चरण में 404 करोड़ की धनराशि से प्रदेश के 928
विद्यालयों का आधुनिकीकरण किया जाएगा, जहां 1 से 12वीं
क्लास को अपग्रेड किया जाएगा। प्रदेश में वर्ष 2017 से पहले
गरीब का बच्चा ऐसे विद्यालयों में पढ़ने को मजबूर था, जहां
सुविधा, शिक्षक
और कनेक्टिविटी नहीं थी। इतना ही नहीं ये विद्यालय बंद होने की कगार पर थे। हमने
सत्ता में आने के बाद ऑपरेशन कायाकल्प के जरिये बेसिक के विद्यालयों को अपग्रेड
करना शुरू किया। आज बेसिक के 96 प्रतिशत विद्यालयों को ऑपरेशन कायाकल्प में
अपग्रेड किया जा चुका है। इन विद्यालयों में एक्स्ट्रा क्लास, टॉयलेट, लैब और
स्मार्ट क्लास का निर्माण किया गया। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने
गुरुवार को लोकभवन में आयोजित 404 करोड़ की धनराशि से पीएम श्री स्कूलों के
आधुनिकीकरण का शुभारंभ एवं 'प्रोजेक्ट अलंकार' के
तहत माध्यमिक विद्यालयों में अवस्थापना
सुविधाओं के संतृप्तीकरण के लिए 347 करोड़ की धनराशि अंतरण के दौरान कही।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री
धर्मेंद्र प्रधान और सीएम योगी ने निष्पक्ष एवं पारदर्शी चयन प्रक्रिया के तहत
समूह ख के नवचयनित अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। इससे पहले सीएम योगी
ने लोकभवन में बच्चों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इसके अलावा
स्कूलों को टेक्नोलॉजी से जोड़ने के लिए कई प्रधानाचार्यों को टैबलेट सौंपे। साथ
ही स्मार्ट क्लासेज के संचालन पर विभिन्न शिक्षकों को प्रमाण पत्र सौंपे।
स्कूल चलो अभियान से 40 लाख
बच्चे स्कूलों में बढ़े
मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने कहा कि ड्रॉपआउट रोकने के लिए स्कूल चलो अभियान की शुरुआत की गई।
इससे हर शिक्षक,
अधिकारी
और जन प्रतिनिधियों को जोड़ा गया। इसी का परिणाम है कि स्कूलों में 40 लाख
बच्चे बढ़े हैं। अभियान के दौरान पाया कि बच्चे नंगे पैर और ठंड में शर्ट में आ
रहे हैं। इस पर सरकार की ओर से डीबीटी के माध्यम से बच्चों के बैग, किताब, स्वेटर
और जूते के लिए धनराशि अप्रैल में ट्रांसफर की जा रही है। इतना ही नहीं स्कूलों
में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए 1.25 लाख
शिक्षकों की भर्ती की। वहीं बच्चों को टेक्नोलॉजी से जोड़ने के लिए बेसिक शिक्षा में पीएम श्री स्कूल योजना एक
अभिनव प्रयोग है। इसकी आज सबसे बड़ी आवश्यकता भी है। सीएम योगी ने कहा कि इसी तरह
का प्रयोग प्रदेश में किया गया है, जो अटल आवासीय विद्यालय से जाना जाता है। इसी
तर्ज पर प्रदेश में 57 जनपदों में इंटीग्रेटेड स्कूल के निर्माण की
कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए 1000 करोड़ रुपए की एलाट किये जा चुके हैं। प्रदेश
के बच्चे पहले कोचिंग के लिए दूसरे राज्यों में जाते थे। वहीं कोरोना काल के बाद
अभ्युदय कोचिंग शुरू की गई। यह कोचिंग हर जिले में वर्चुअली और फिजिकली संचालित हो
रही है। आज यहां बच्चे नीट, आईआईटी, यूपीएससी
आदि की तैयारी कर रहे हैं। कोचिंग में रोजाना एक घंटा आईपीएस, पीसीएस
समेत कई अन्य अधिकारी क्लासेज ले रहे हैं। इसी का नतीजा है कि प्रदेश के बच्चे
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के जरिये नौकरियों में चयनित हो रहे हैं।
पिछली सरकार को नकल में
हासिल थी महारत
सीएम योगी ने कहा कि पिछली
सरकार ने नकल में काफी महारत हासिल कर रखी थी। उस दौरान जम्मू कश्मीर, हिमाचल
समेत अन्य राज्यों के बच्चे प्रदेश में परीक्षा देने के लिए नामांकन कराते थे
क्योंकि उन्हे यहां पर परीक्षा में नकल सामग्री उपलब्ध कराई जाती थी। हमने सरकार
आते ही इस पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाया और स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी काम
किया। ऐसे में आज प्रदेश में दुनिया के बड़े-बड़े विद्यालय संस्थान आना चाहते हैं।
सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से भारत के एक बार फिर से
दुनिया को नेतृत्व प्रदान करेगा। इसमें उत्तर प्रदेश सबसे बड़ी भूमिका निभाएगा
क्योंकि यहां 5
करोड़ बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। वह विभिन्न पाठ्यक्रम के साथ जुड़कर प्रदेश
और देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में बच्चों को
सैद्धांतिक पाठ्यक्रम की शिक्षा देने के साथ कुछ नये प्रयास किये गये हैं। इसमें
बच्चों को एक जिला एक उत्पाद, स्किल डेवलपमेंट समेत अन्य शिक्षा भी दी जा
रही है।
कार्यक्रम में मंत्री
गुलाब देवी, मंत्री
संदीप सिंह, मंत्री
सूर्यप्रताप शाही, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, अपर
मुख्य सचिव वित्त एवं माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार, प्रमुख
सचिव बेसिक शिक्षा डॉ. एमके शनमुगा सुंदरम आदि मौजूद रहे।
बॉक्स
बिना यूपी के विकसित भारत
की संकल्पना संभव नहीं : केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान
केंद्रीय शिक्षा मंत्री
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास से प्रभु श्रीराम के दिव्य
भव्य मंदिर के लोकार्पण की घड़ी आ गई है। पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही है।
यूपी इसका केंद्र बिंदु है। दुनिया राममय है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी को
राष्ट्रीय शिक्षा नीति और ऑपरेशन कायाकल्प को हूबहू लागू करने के लिए बधाई दी।
उन्होंने कहा कि देश में 26 करोड़ बच्चे पढ़ते हैं। इसमें से लगभग 18 प्रतिशत
मतलब 5 करोड़
यूपी के हैं। बिना यूपी के विकसित भारत की संकल्पना संभव नहीं है। उत्तर प्रदेश के
सरकारी विद्यालयों की स्थिति में बदलाव हुआ है। मैं आज पूरे भरोसे के साथ यह कह सकता
हूं कि अगर आंकड़ा निकाला जाए तो ग्रामीण अंचल के सरकारी विद्यालय से आईआईटी, एनआईटी
और मेडिकल में चयनित होने वाले छात्रों की एक अच्छी संख्या होगी। उन्होंने उत्तर
प्रदेश शासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यहां केंद्र की योजनाओं को ठीक से
लागू किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य हुआ है। उत्तर प्रदेश के
नवोदय विद्यालय के 54 बच्चे बिना किसी कोचिंग के आईआईटी में सेलेक्ट हुए
हैं। 374 बच्चे
एनआईटी में एडमिशन लिए हैं।
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रामोत्सव 2024
पहले यहां आकर चिंतन करते
थे योगी, सीएम
बने तो अयोध्या को टाट से ठाठ की ओर ले गए
अयोध्या के संत बोले-
मंदिर निर्माण में गोरक्षपीठ की भूमिका अहम
सीएम योगी को जाता है अपने
पूर्ववर्ती आचार्यों के देखे स्वप्न को पूरा करने का सौभाग्य
दिग्विजयनाथ जी महराज ने
जगाई अलख, अवेद्यनाथ
जी ने सहभोज कर हिंदुओं को जगाया
पहले जयश्रीराम कहने पर
चलती थी गोली,
आज
अयोध्या में कैबिनेट बैठक कराते हैं मुख्यमंत्री
अयोध्या, 4 जनवरीः
सर्वविदित है कि श्रीराम मंदिर निर्माण में गोरक्षपीठ की अहम भूमिका है। अयोध्या
के संतों का मानना है कि अपने पूर्ववर्ती आचार्यों के देखे स्वप्न को पूरा करने का
सौभाग्य गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ को जाता है। महंत दिग्विजनाथ जी
महराज ने अलख जगाई। महंत अवेद्यनाथ जी महराज ने हिंदुओं को एकत्र किया तो वर्तमान
गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ अयोध्या आकर मंदिर निर्माण की चिंता और
चिंतन करते थे,
लेकिन
सीएम बनते ही अयोध्या को वे टाट से ठाठ की ओर ले गए।
योगी आदित्यनाथ ने रखी
सांस्कृतिक आजादी की नींव
अयोध्या सज-संवर रही है।
अयोध्या को नव्यता, दिव्यता भव्यता और टाट से ठाठ की ओर ले जाने में
गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ को श्रेय जाता है। एक समय था
कि जब पूज्य योगी जी महराज साल में चार-पांच बार आकर संतों के साथ चिंता व चिंतन
करते थे कि कैसे मंदिर निर्माण हो। अब सीएम बनने के बाद महीने में पांच-छह बार आकर
दर्शन करने के बाद विकास कार्यों को कैसे गति मिले, इस पर
नजर रखते हैं। पूज्य दिग्विजयनाथ जी महराज ने जो अलख-लौ जगाई, जिसे
लेकर पूज्य अवेद्यनाथ जी महराज ने संतों के संघर्ष-उनकी याद-समर्पण- सेवा भाव
उत्पन्न किया। जो भाव दिग्विजयनाथ जी का था, अवेद्यनाथ
जी ने त्याग-तपस्या-संघर्ष किया। दबे-कुचले-शोषितों के साथ बैठकर छुआछूत को समाप्त
करने का प्रयास किया। सहभोज-खिचड़ी भोज कर हिंदुओं को एकत्र कर जगाया। अयोध्या में
रामकालीन अयोध्या कैसे बनाई जाए। सिर्फ मंदिर निर्माण ही नहीं, बल्कि
देश की आजादी के समय का भाव आज भी मनुष्य के अंदर कैसे उत्पन्न हो, यह
समय-समय पर महंत दिग्विजयनाथ, महंत अवेद्यनाथ व महंत योगी आदित्यनाथ ने
लोगों में जगाने का कार्य किया। अयोध्या को विकास व पर्यटन स्थल से कैसे जोड़ा
जाए। महर्षि वाल्मीकि के नाम पर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, अयोध्या
धाम रेलवे स्टेशन एयरपोर्ट जैसा दिख रहा है। नेता अयोध्या आने से भागते-घबराते और
कतराते थे। सीएम बनने के चौथे दिन ही योगी आदित्यनाथ अयोध्या आना और हनुमान जी
महराज के दर्शन कर राम जन्मभूमि जाना किसी नेता के बस की बात नहीं थी। राम सम
कालीन अयोध्या कैसे बनाई जाए, यह सीख किसी भी प्रदेश के सीएम को योगी
आदित्यनाथ से लेनी चाहिए। भगवान जब टाट में थे सीएम योगी आदित्यनाथ ही उन्हें
वैकल्पिक मंदिर में लेकर आए। टेंट और वस्त्र फटे थे। सांस्कृतिक आजादी की नींव
योगी आदित्यनाथ ने रखी, वह साकार होता दिख रहा है। अयोध्या के अनुरूप
विकास का ध्यान रखना गौरव की बात है। कभी जयश्रीराम बोलने पर गोली चल जाती थी पर
योगी आदित्यनाथ आज कैबिनेट बैठक करा देते हैं।
राजू दास, सिद्धपीठ
हनुमान गढ़ी, अयोध्या
सीएम योगी को जाता है अपने
पूर्ववर्ती आचार्यों के देखे स्वप्न को पूरा करने का सौभाग्य
500 वर्ष के
लंबे संघर्ष के बाद भगवान श्रीराम अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान हो रहे हैं।
इसके इतिहास को देखते हैं तो गोरक्षपीठ की भी अहम भूमिका रही है। गो आंदोलन हो या
राम जन्मभूमि आंदोलन, चाहे अस्पृश्ता का आंदोलन रहा हो, गोरक्षपीठ
के पूर्ववर्ती आचार्यों ने बढ़ चढ़कर इसमें हिस्सा लिया। गोरक्षपीठ इस पर आगे
बढ़कर साहसिक कार्य के लिए अग्रसर रहा है। पूज्य महंत दिग्विजयनाथ जी महराज रहे
हों या ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महराज। पूर्ववर्ती आचार्यों ने जो स्वप्न देखा
था, उसे
पूरा करने का श्रेय व सौभाग्य पूज्य महंत योगी आदित्यनाथ महराज को प्राप्त हो रहा
है। संपूर्ण विश्व अयोध्या और राम मंदिर की ओर देख रहा है। जब-जब इसके नींव और
संघर्षों को याद किया जाएगा तो हम गोरक्षपीठ के उन पूर्ववर्ती आचार्यों को याद
करेंगे। यह भी इतिहास बनने वाला है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उसी परंपरा के
प्रवाहक के रूप में भगवान श्रीरामलला को दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान करने के
साक्षी बनेंगे तो हम गोरखनाथ मंदिर व पूर्वाचार्यों की भी चर्चा करेंगे।
जगद्गुरु राम दिनेशाचार्य
महराज, हरिधाम
गोपाल मंदिर रामघाट
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रामोत्सव 2024
रोजगार के नए अवसर सृजित
करने में कारगर बन रही पेइंग गेस्ट योजना
-योगी
सरकार की इस योजना से अवध की थाली का स्वाद भी चखेगी दुनिया
-योजना के
तहत अब तक प्राप्त हो चुके हैं 600 आवेदन, 464 लोगों
को प्रदान किया जा चुका है सर्टिफिकेट
-मिलेट्स
के व्यंजनों पर भी जोर, उप्र पर्यटन विभाग की योजना अयोध्या में अतिथि
देवो भवः का बन रही उत्कृष्ट माध्यम
अयोध्या, 4 जनवरीः योगी सरकार की 'नव्य
अयोध्या' परियोजना
साकार रूप लेने लगी है। इस 'नव्य अयोध्या' में आने
वाले आगंतुकों के लिए उप्र पर्यटन विभाग की पेइंग गेस्ट योजना वरदान साबित हो रही
है। यह योजना जहां प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने की दिशा में सकारात्मक योगदान दे रही
है, वहीं
रोजगार के नए अवसर भी सृजित कर रही है। रामनगरी में इस योजना के तहत अभी तक 600 लोगों
ने आवेदन किए हैं, जबकि 464 लोगों को प्रमाण पत्र प्रदान
किया जा चुका है। योजना के जरिए उप्र प्रदेश पर्यटन विभाग अवध की थाली के स्वाद के
तड़के को साधु-संतों व देश-विदेश से आने वाले अतिथियों तक नई पहचान दिलाएगा। यही
नहीं, अंतरराष्ट्रीय
मिलेट्स वर्ष के तहत होम स्टे में मिलेट्स के व्यंजन परोसे जाने पर भी जोर दिया जा
रहा है। यात्रियों, श्रद्धालुओं तथा पर्यटकों के रहने का उत्तम प्रबंध
सुनिश्चित कर रही पेइंग गेस्ट योजना के जरिए रामनगरी में रोजगार के भी अवसर वृहद
स्तर पर सृजित किए जा रहे हैं।
अवध की थाली और मिलेट्स के
व्यंजन परोसने पर जोर
योगी सरकार का प्रयास है
कि अवध की थाली को देश-विदेश में नई पहचान मिले। अवध की थाली के जरिए यहां के मूल
अनाज को वैश्विक पटल तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस थाली में
मटर का निमोना,
चावल, फरा, मूंग, बेसन, मसूर की
दाल आदि जैसे स्वादिष्ट पकवानों का उत्तम जायका परोसा जाएगा। वहीं बाजरा, ज्वार, कोदो, रामदाना
आदि मिलेट्स से बने विभिन्न प्रकार के व्यंजन भी आगंतुकों तक पहुंचें, इस बात
को भी प्राथमिकता दी जा रही है।
पेइंग गेस्ट योजना में
पंजीकरण के लिए बेसिक प्रपत्र की आवश्यकता
इस योजना के लिए स्वामित्व
संबंधी अभिलेख,
स्वीकृत
मानचित्र, चरित्र
प्रमाण पत्र, आधार
कार्ड, पैन
कार्ड, बिजली
बिल की कॉपी, मकान व कमरे की फोटो, आवेदक की
दो फोटो देनी होगी। होम स्टे की बुकिंग 'होली अयोध्या' ऐप के
माध्यम से की जाती है जिसे अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) द्वारा विकसित कराया
गया है। इस परियोजना में विभिन्न प्रकार के लोकेशंस पर उपलब्ध होम स्टे, उन होम
स्टे में उपलब्ध कमरों की संख्या, मिलने वाली सुविधाएं, पर्सनल
कस्टमाइजेशन तथा किराये जैसे विवरणों को अंकित किया गया है। इसे देखकर पर्यटक व
श्रद्धालु अपनी सुविधानुसार होम स्टे को बुक कर सकते हैं। इन पेइंग गेस्ट बेस्ड
होम स्टे का किराया 1500 से 2500 रुपये तक निर्धारित किया गया है।
इन पेइंग गेस्ट बेस्ड होम स्टे के रूप में अयोध्या में नव रोजगार सृजन का माध्यम
भी विकसित हो गया है। इन होम स्टे के संचालन प्रक्रिया के जरिए स्थानीय व आसपास के
क्षेत्रों के लोगों को कई प्रकार के रोजगारों का भी अवसर मिल रहा है।
प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने
पर भी योगी सरकार का जोर
योगी सरकार के निर्देश पर
जिला प्रशासन,
अयोध्या
विकास प्राधिकरण व पर्यटन विभाग पेइंग गेस्ट योजना को लेकर काफी मुस्तैद है
क्योंकि यह अयोध्या में पर्यटन का माहौल विकसित करने के साथ ही स्वरोजगार तथा
प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि करने का माध्यम भी बन रहा है। इस क्रम में जिलाधिकारी
नीतीश कुमार ने निर्देश दिया है कि पेइंग गेस्ट हाउस के संचालन के लिए चरित्र
प्रमाण पत्र पुलिस द्वारा समय से आवंटित किया जाए। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने
अयोध्या में करीब एक हजार घरों को पेइंग गेस्ट हाउस के तौर पर विकसित करने का
लक्ष्य दिया था। ऐसे में, इस सम्बंध में निरंतर प्रार्थना पत्र शासन के
पास पहुंच रहे हैं तथा शासन इस बात को सुनिश्चित कर रहा है कि उक्त के सम्बंध में
सभी लंबित आवेदनों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
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रामोत्सव 2024
अयोध्या में इंटरनेशनल
काइट फेस्टिवल कराएगी योगी सरकार
-सीएम
योगी के विजन के अनुसार अयोध्या में भी बड़े स्तर पर कराया जाएगा आयोजन
-अयोध्या विकास प्राधिकरण ने शुरू
की तैयारियां,
19 से 21 जनवरी के मध्य कराया जा सकता है
आयोजन
-इंटरनेशनल
काइट फेस्टिवल के आयोजन की रूपरेखा की जा रही तैयार
- देश-विदेश
के प्रख्यात पतंगबाज कर सकेंगे हुनर का प्रदर्शन
अयोध्या, 4 जनवरी:
उत्तर प्रदेश की आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर विकसित की जा रही अयोध्या में 22 जनवरी
को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु रामलला के श्रीविग्रह की स्थापना होने जा रही
है। यह कार्यक्रम नव्य-भव्य अयोध्या के उस त्रेतायुगीन वैभव के वापस लौटने का
मार्ग प्रशस्त करेगा, जिससे अवधपुरी 500 से अधिक
वर्षों से वंचित रह गई थी। ऐसे में प्रभु रामलला को भव्य मंदिर में विराजे जाने की
प्रक्रिया तो जारी है ही, साथ ही उल्लास-उमंग और तरंग को बढ़ाने के लिए
तमाम प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन भी कराए जाने की रूपरेखा तैयार की जा रही है, जिससे
अयोध्या न केवल देश बल्कि दुनिया में भी चर्चाओं के केंद्र में रहेगी। इसी प्रयास
के तहत सीएम योगी आदित्यनाथ के विजन अनुसार अयोध्या में इंटरनेशनल काइट फेस्टिवल
के आयोजन की भी रूपरेखा तैयार की जा रही है। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप अयोध्या
विकास प्राधिकरण (एडीए) ने अयोध्या में इंटरनेशनल काइट फेस्टिवल के आयोजन की
तैयारियां शुरू कर दी हैं। संभावित है कि 19 से 21 जनवरी
के मध्य इसका आयोजन हो सकता है तथा इसमें देश-दुनिया के प्रख्यात पतंगबाजों को
अपनी कला का प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा। इस पूरी प्रक्रिया को मूर्त रूप देने
के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) द्वारा प्राइवेट एजेंसी को संबद्ध किया
जाएगा।
देश-विदेश के आयोजनों से
ली जाएगी प्रेरणा
एडीए द्वारा अयोध्या में
इंटरनेशनल काइट फेस्टिवल के आयोजन के लिए अस्थायी संरचनाओं और संबंधित बुनियादी
ढांचे के विकास और इवेंट प्रबंधन की संकल्पना, डिजाइन, निष्पादन
और पर्यवेक्षण के लिए एजेंसी की नियुक्ति के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल फॉरमेट
माध्यम से आवेदन मांगे हैं। इसके जरिए प्राप्त होने वाले आवेदनों में से इस
कार्यक्रम को निष्पादित करने के लिए एजेंसी का निर्धारण किया जाएगा। इस निर्धारण
प्रक्रिया को 8
जनवरी तक पूरा कर लिया जाएगा, जिसके बाद इंटरनेशनल काइट फेस्टिवल के आयोजन
की संपूर्ण रूपरेखा तैयार की जाएगी। उल्लेखनीय है कि इस आयोजन को भव्य स्तर पर
कराने के लिए देश-विदेश में होने वाले विभिन्न काइट फेस्टिवल्स से प्रेरणा ली जा
रही है। अयोध्या में होने वाले इंटरनेशनल काइट फेस्टिवल को दो दिनी फॉर्मैट में
आयोजित किया जाएगा और 19 से 20 या 20 से 21 जनवरी
के मध्य इसका आयोजन फाइनल रोडमैप रोलआउट होने के बाद किया जाएगा।
750 लोगों
की बैठने की व्यवस्था के लिहाज से बनाया जाएगा विजिटर्स एरिया
आयोजन में विशिष्ट
आमंत्रितों को बैठाने के लिए 50 वीवीआईपी सोफा वाले लाउंज का निर्माण किया
जाएगा। कार्यक्रम में 350 कुशंड चेयर्स व 350 अन्य
चेयरों की व्यवस्था भी की जाएगी। प्रतियोगियों व आयोजन में शिरकत करने वाले लोगों
को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए वॉलेंटियर्स व होस्टेसेस की तैनाती
की जाएगी। यहां पर फूड काउंटर पर परोसे जाने वाले खाने में भी देसी तड़के को तरजीह
देते हुए मिलेट्स से बने पकवान पेश किए जाएंगे। साथ ही अवधी जायकों का भी लुत्फ
उठाने का मौका लोगों को मिलेगा। इसके साथ ही यहां होने वाले आयोजन के दौरान बंदरों
से टेंटों व उपकरणों को बचाने के लिए भी एहतियातन व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
वहीं, आयोजन
की फिल्मिंग के लिए विभिन्न प्रकार के हाई क्वॉलिटी कैमरा सेटअप तथा साउंड सेटअप
को भी लगाया जाएगा। मकर संक्रांति पर वैसे भी अयोध्या समेत देश के विभिन्न इलाकों
में पतंगबाजी होती ही है, ऐसे में यह आयोजन न केवल अयोध्या बल्कि
देश-विदेश में चर्चाओं के केंद्र में रहकर खूब सुर्खियां बटोरेगा।
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रामोत्सव 2024
योगी सरकार ने अयोध्या को
दी नए मल्टीलेवल पार्किंग की सौगात
-नए साल
में कलेक्ट्रेट के पास लक्ष्मण कुंज स्मार्ट व्हीकल मल्टी स्टोरी पार्किंग का
शुभारंभ
-282 चार
पहिया और 309
दो पहिया वाहन एक साथ हो सकेंगे पार्क
अयोध्या, 4 जनवरी:
योगी सरकार की तरफ से नए साल में अयोध्यावासियों को नए मल्टीलेवल पार्किंग की
सौगात दी गई। कलेक्ट्रेट के निकट राज्य स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत 3708.49
लाख रुपये से इसका निर्माण कराया गया। गुरुवार को जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने
नवनिर्मित मल्टी लेवल वाहन पार्किंग का शुभारम्भ किया। जिलाधिकारी ने बताया कि
कलेक्ट्रेट के निकट नवनिर्मित लक्ष्मण कुंज स्मार्ट व्हीकल मल्टी स्टोरी पार्किंग
में 282
चार पहिया तथा 309
दो पहिया वाहन खड़े हो सकेंगे। पार्किंग के साथ ही बिल्डिंग के सामने 1500 से अधिक
दो पहिया वाहनों के पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होगी। इसमें 15 दुकानें, एक
कैंटीन, चार
लिफ्ट सहित सभी तलों पर शौचालयों की भी व्यवस्था उपलब्ध है। इस मल्टीलेवल पार्किंग
के संचालन से कलेक्ट्रेट व बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं- अधिकारियों, कर्मचारियों
सहित यहां आने वाले जन सामान्य व वादियों को वाहनों के पार्किंग की बेहतर सुविधा
उपलब्ध हो गयी है।
बाहर से आने वाले पर्यटकों
को न हो दुश्वारी
जिलाधिकारी ने बताया कि इस
पार्किंग के साथ ही अयोध्या धाम आने वाले श्रद्वालुओं-पर्यटकों के वाहनों के
पार्किंग की बड़े स्तर पर व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इसके क्रम में अब तक टेढ़ीबाजार
पूर्वी, टेढ़ीबाजार
पश्चिमी, कौशलेश
कुंज व अमानीगंज में भी मल्टीलेबल पार्किंग बन चुकी है। इसके अतिरिक्त श्रीराम
जन्मभूमि के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के उपरांत श्रद्वालुओं पर्यटकों के बड़ी
संख्या में अयोध्या आगमन की संभावना के दृष्टिगत वृहद स्तर पर योजनाबद्व तरीके से
सरफेस पार्किंग की भी व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए गुप्तारघाट के पास 10 एकड़, राजघाट
के पास 25
एकड़ तथा 35
एकड़ कुल 70
एकड़ की सरफेस पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है, जहां
लगभग 20
हजार चार पहिया वाहन पार्क हो सकेंगे। इसी के साथ ही साकेत पेट्रोल पम्प के पास भी
सरफेस कच्चा पार्किग तथा स्फटिक शिला के पास भी सरफेस पार्किंग की व्यवस्था की जा
रही है।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार
लगभग 40 हजार
वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था हो जायेगी। इसी के साथ ही राम जन्मभूमि सहित
अयोध्या धाम के विभिन्न स्थलों पर सुगम पहुंच सुनिश्चित करने के लिए पांच रेलवे
समपार बन रहे हैं, जिसमें से उदया के पास का रेलवे समपार का कार्य
दिसम्बर में पूर्ण हो गया है, फिनिशिंग कार्य अंतिम चरण में है। मोहबरा का
रेलवे समपार जनवरी में पूर्ण हो जायेगा तथा शेष रेलवे समपारों को भी मार्च 2024 तक पूर्ण
कर लिया जायेगा।
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22 जनवरी
तक परिवहन की बसों में भी बजेगा राम भजन
अयोध्या में भव्य राम
मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर परिवहन विभाग ने तैयार की कार्ययोजना
कार्यक्रम को लेकर राम
भक्तों के उत्साह को देखते हुए योगी सरकार ने की यात्रियों के सफर को सुखद बनाने
की तैयारी
बसों में लगे पब्लिक
एड्रेस सिस्टम में राम भजन बजाए जाने के दिए गए निर्देश,राममय
होगा माहौल
सभी यात्री वाहनों, बस
स्टेशनों पर साफ सफाई के साथ ही टैक्सी एवं बस ड्राइवरों को संवेदनशील बनाने के
लिए दी जाएगी ट्रेनिंग
लखनऊ, 4 जनवरी। 22 जनवरी
को अयोध्या में होने जा रहे रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर पूरे
प्रदेश में एक अलग तरह का माहौल है। चारों तरफ सिर्फ भगवान राम के भव्य मंदिर को
लेकर ही चर्चा हो रही है। गांवों और शहरों में शोभायात्राएं निकाली जा रही हैं।
भजन-कीर्तन हो रहे हैं। राम चरित मानस के अखंड पाठ आयोजित किए जा रहे हैं।
रामभक्तों का ये उत्साह देखते हुए योगी सरकार ने भी वृहद स्तर पर तैयारी की है।
इसी क्रम में सीएम योगी के निर्देश पर परिवहन विभाग ने 22 जनवरी
को होने वाले इस भव्य कार्यक्रम को लेकर कार्ययोजना तैयार की है। कार्ययोजना के
तहत 22
जनवरी तक सभी बसों में लगे पब्लिक एड्रेस सिस्टम में राम भजन बजाए जाने के निर्देश
दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि हाल ही में सीएम योगी ने अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा
कार्यक्रम को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी, जिसमें
उन्होंने अयोध्या के मंदिरों में 14 जनवरी से 24 मार्च 2024 तक भजन
कीर्तन, रामायण
एवं रामचरित मानस का पाठ, सुन्दरकांड के कार्यक्रम आयोजन कराने के
निर्देश दिए थे।
प्रसिद्ध भजनों का होगा
प्रसारण
22 जनवरी
को लेकर परिवहन विभाग ने जो कार्ययोजना तैयार की है, उसके
अनुसार सभी यात्री वाहनों में तथा बस स्टेशनों पर साफ सफाई सुनिश्चित किए जाने के
निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, सभी बसों में लगे पब्लिक एड्रेस सिस्टम में
राम भजन बजाए जाने के निर्देश हैं, ताकि यात्रियों का सफर राममय हो सके और वह भी
भगवान राम के जीवन से प्रेरणा ले सकें। भगवान राम से जुड़े भजनों में विभिन्न
कलाकारों के प्रसिद्ध भजनों को शामिल किया जाएगा, जबकि आज
के दौर में लोगों की जुबां पर चढ़े भजनों और गीतों को भी इसमें सम्मिलित किया जा
सकता है। इसके अलावा स्थानीय गायकों के राम भजनों को भी इसमें स्थान मिल सकता है।
इसके माध्यम से योगी सरकार का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में लोगों के बीच रामोत्सव को
लेकर उत्सुकता पैदा करना है, ताकि हर जन सामान्य इस कार्यक्रम से किसी न
किसी रूप में जुड़ सके।
बस ड्राइवरों को किया
जाएगा प्रशिक्षित
कार्ययोजना के अनुसार, टैक्सी
एवं सभी टूरिस्ट बस वाहन स्वामियों के साथ बैठक कर इस दौरान अयोध्या में टैक्सी
एवं टूरिस्ट बसों को आवश्यकतानुसार आरक्षित रखने के लिए भी कहा गया है। टैक्सी एवं
बस ड्राइवरों को संवेदनशील बनाए जाने के लिए प्रशिक्षण देकर उनका अनुपालन
सुनिश्चित किए जाने को भी कहा गया है। इसमें सुरक्षित वाहन चलाना एवं यातायात
नियमों का पालन कराया जाना, चालकों का टूरिस्ट के प्रति व्यवहार, चालकों
द्वारा अनिवार्य रूप से वर्दी धारण किया जाना, किसी
प्रकार का नशा एवं पान गुटखा के सेवन से दूर रहना, वाहन की
साफ-सफाई को सुनिश्चित किए जाने के संबध में और निर्धारित किराया से अधिक किराया
किसी भी दशा में न वसूल किया जाए जैसे बिंदु शामिल होंगे। इसके अलावा, अयोध्या
की परिधि के 200
किमी. में सभी मार्गों पर इंटरसेप्टर वाहनों द्वारा प्रवर्तन टीमों को टूरिस्ट के
सहायतार्थ लगाया जाना तथा सड़क दुर्घटना से संबधित बिंदुओं जैसे- ओवरलोडिंग, ड्रंकन
ड्राइविंग, रांगसाइड
ड्राइविंग, निर्धारित
किराया से अधिक किराया लिए जाने, चालकों के ड्रेस कोड तथा सुरक्षा की दृष्टि से
अन्य उपायों को अपनाए जाने के लिए जागरूक किए जाने के साथ-साथ आवश्यकतानुसार
प्रवर्तन कार्यवाही किया जाना भी सम्मिलित है।
टोल प्लाजा पर बनाई जाएगी
हेल्प डेस्क
लखनऊ से अयोध्या, गोरखपुर
से अयोध्या तथा सुल्तानपुर से अयोध्या के बीच पड़ने वाले समस्त टोल प्लाजा पर
टूरिस्ट की सहायता के लिए परिवहन विभाग का हेल्पडेस्क स्थापित किया जाएगा।
सुरक्षित सफर के लिए सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों का होर्डिंग, समाचार
पत्रों, पब्लिसिटी
वैन, डिजिटल
बैनर तथा समस्त सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाएगा। यही नहीं, सड़क
सुरक्षा के दृष्टिगत राष्ट्रीय राजमार्गों तथा राज्य राजमार्गों पर एनएचएआई तथा
पीडब्ल्यूडी के द्वारा एंबुलेंस, पेट्रोलिंग एवं क्रेन वाहनों को मार्गों पर
तैनाती सुनिश्चित की जाएगी।
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डबल इंजन की ताकत का जीता
जागता उदाहरण है अयोध्या का इंटरनेशनल एयरपोर्ट
- मात्र दो
साल में एक छोटे से एयरस्ट्रिप का हो गया कायाकल्प, बन गया
इंटरनेशनल एयरपोर्ट
- केंद्र
से प्राप्त ₹287
करोड़ में यूपी सरकार ने जोड़ दिया ₹1175.97 करोड़, दुनिया
से जुड़ गई अवधपुरी
- योगी ने
लगभग 500
एकड़ जमीन को निर्विवाद अधिग्रहित कर पूरा कर दिखाया मोदी का सपना
- 821 एकड़
भूमि पर बनकर तैयार है अयोध्या का महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट
लखनऊ, 4 जनवरी।
अगर आपको हाल-फिलहाल में डबल इंजन सरकार की ताकत का प्रत्यक्ष और सबसे शानदार
प्रमाण देखना है तो नि:संदेह अयोध्या में संचालित महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल
एयरपोर्ट से बड़ा उदाहरण और कोई नहीं हो सकता। कभी मात्र 178 एकड़
में सिमटे बेहद छोटे से एयरस्ट्रिप को केवल दो साल के भीतर 821 एकड़ के
विस्तार में फैले अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के रूप में रूपांतरित किया जा चुका है।
केंद्र सरकार की एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से मिले ₹287 करोड़
की धनराशि में प्रदेश की योगी सरकार ने दूसरे इंजन की ताकत लगाते हुए ₹1175.97
करोड़ अतिरिक्त खर्च किये, जिसका शानदार प्रमाण आज पूरी दुनिया के सामने
है। अयोध्या में एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मोदी के विजन को अक्षरश: धरातल पर
उतारने का कार्य शायद डबल इंजन की ताकत के बगैर संभव भी नहीं था।
500 एकड़
निजी भूमि का हुआ निर्विवाद अधिग्रहित
दरअसल, अयोध्या
इंटरनेशनल एयरपोर्ट में केंद्र और प्रदेश सरकार की कार्यदायी संस्थाएं शामिल हैं। 2 दिसंबर 2021 से शुरू
हुए इस इंटरनेशनल एयरपोर्ट के कार्य में पहले दिन से ही दोनों एजेंसिंयों में
बेहतर तालमेल का नतीजा रहा कि इतना बड़ा एयरपोर्ट मात्र दो साल में बनकर तैयार हो
सका। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से पेचमेंट ग्रेडिंग और ईपीसी मोड में
डिजाइन एंड बिल्ड बेसिस पर 191 करोड़ रुपए तथा कंस्ट्रक्शन ऑफ प्री
इंजीनियर्ड बिल्डिंग के लिए 96 करोड़ रुपए की धनराशि खर्च की गई। वहीं सबसे
बड़ी चुनौती थी भूमि उपलब्ध कराना। योगी सरकार ने यहां अपनी दूरदर्शिता से तकरीबन 500 एकड़
भूमि को निर्विवाद अधिग्रहित करते हुए एक बड़ी मिसाल कायम कर दी।
तय समय में भूमि को भारतीय
विमानपत्तन प्राधिकरण को सौंपा गया
बता दें कि 821 एकड़
क्षेत्रफल की इस परियोजना में नागरिक उड्डयन विभाग के नाम पहले से 182 एकड़
भूमि दर्ज थी,
जिसमें
अतिरिक्त 639
एकड़ भूमि को शामिल किया जाना था। इस अतिरिक्त भूमि में प्रदेश सरकार के विभिन्न
विभागों और संस्थाओं की शासकीय भूमि 139 एकड़ भी थी। इसमें अवध
विश्वविद्यालय की 23 एकड़, शिक्षा विभाग की 25 एकड़, ग्राम
समाज की 90
एकड़ व सिंचाई विभाग की भूमि 0.0593 एकड़ जमीन के अलावा सबसे
चुनौतीपूर्ण निजी भूमि थी, जोकि 499.68 एकड़
क्षेत्रफल में फैली थी। प्रदेश सरकार के अधिकारियों और यहां तक कि खुद मुख्यमंत्री
ने ग्रामीणों से बातचीत के बाद आपसी सहमति के आधार पर आखिरकार निजी भूमियों को ना
सिर्फ निर्विघ्न क्रय किया, बल्कि तय समय में भूमि को भारतीय विमानपत्तन
प्राधिकरण को सौंप भी दिया।
केवल डबल इंजन की सरकार की
ताकत से ही संभव था
चुनौतियां केवल इतनी ही
नहीं थीं, पूरे
क्षेत्र में फैले एलटी और एचटी विद्युत लाइनों और पोल को रनवे एक्सटेंशन क्षेत्रों
से स्थानांतरित करना, अवध विश्वविद्यालय के क्वार्टर और संकाय भवन को
हटाना, फनल
एरिया से 132
केवी एचटी ट्रांसमिशन लाइन को हटाना, एयरपोर्ट के अंदर स्थित पुलिस
चौकी को आपरेशनल एरिया से बाहर करना, लोक निर्माण विभाग के हैंगर तथा
जनरेटर रूम को हटाना, 33 केवी, 11 केवी की विद्युत लाइनों को शिफ्ट
करना। प्रकाश की समुचित व्यवस्था, फायर स्टेशन, स्टार्म
वाटर ड्रेन, रनवे
का 1500
मीटर से बढ़ाकर 2200 मीटर चौड़ीकरण एवं री-कार्पेंटिंग, 310 मीटर
लंबे टैक्सी ट्रैक का निर्माण, विमानों के लिए एप्रन, आइसोलेशन
वे, टैक्सी
वे स्ट्रिप, रनवे
टर्न पैड, क्रैश
गेट आदि का निर्माण, टर्मिनल बिल्डिंग को एक स्ट्रेच पर विकसित करना। 6000 वर्ग
मीटर क्षेत्र में प्री इंजीनियर्ड, प्री फैब स्ट्रक्चर के साथ कॉमन कॉनकोर्स, चेकइन
एरिया, सिक्योरिटी
होल्ड एरिया, बैगेज
कलेक्शन, इलेक्ट्रिकल
वर्क्स, एयरपोर्ट
सिस्टम की स्थापना, आईटी सिस्टम और बागवानी जैसे सभी कार्यों का तय समय
में पूरा होना केवल डबल इंजन की सरकार की ताकत से ही संभव था।
दूसरे फेज का विमानतल भी 5 लाख
स्क्वाएर फुट का होगा
प्रभु श्रीराम की पावन
अयोध्या नये भारत की नई अयोध्या बनने की ओर अग्रसर है। अयोध्या की देश और दुनिया
के साथ कैसी कनेक्टिविटी होनी चाहिए, इसे लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार
के बीच बेहतर समन्व्य का परिणाम महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। अयोध्या
को उसका खोया हुआ गौरव पुन: प्रदान करने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार पूरी
गंभीरता के साथ प्रयास कर रही है। एयरपोर्ट के पहले चरण का कार्य पूरा हो चुका है।
जिसमें 65 हजार
वर्ग फुट का हवाईतल बन चुका है, जिसकी क्षमता प्रतिघंटे 2 से 3 फ्लाइट
की है। यहां 2200
मीटर
के रनवे पर ना सिर्फ छोटे विमान बल्कि बोइंग 737, एयरबस 319 और एयरबस
320 जैसे
बड़े विमान भी लैंड कर सकते हैं। शुरुआत में यहां 8 एप्रन
बनाए गये हैं। वहीं द्वितीय चरण में रनवे की लंबाई को बढ़ाकर 3700 मीटर
किया जाएगा, ताकि
बोइंग 787 और
बोइंग 777 जैसे
सभी अंतरराष्ट्रीय विमान सीधे अयोध्या में लैंड कर सकें। दूसरे फेज का विमानतल भी 5 लाख
स्क्वाएर फुट का होगा।
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