नया सबेरा आने दो
जो बीत गया उसे जाने दो।
अब नया सवेरा आने दो।।
कांटों का रोना क्या रोना।
कलियों को मत मुरझाने दो।।
उर्वर धरती को कर देगा।
लोहे को खूब तपाने दो।।
देखा अतीत हिम्मत आई।
सूरज को आज जगाने दो।।
सब बिगड़ गया हथियारों से।
अब हमको कलम उठाने दो।।
तम - पथ पर तपिश घनेरी है।
मधु -मंद -पवन बन छाने दो।।
है रात उदासी जहां कहीं।
हमको कुछ दीप जलाने दो।।
साहस को नमन करो प्रियवर।
पत्थर पर दूब उगाने दो।।
संकल्प हमारा इतना हो।
मिलजुलकर हंसो हंसाने दो।।
वह याद करे ना करे हमें।
वह खोया है तो पाने दो।।
उनको करने दो राजनीति।
हमको बस प्यार बढ़ाने दो।।…”अनंग”
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