निराश्रित गोवंश संरक्षण हेतु विशेष अभियान की अवधि 
16 जनवरी तक बढ़ाई गयी

विशेष अभियान में अब तक 184060 गोवंश संरक्षित किये गये

अभियान के दौरान 1574 विशेष दस्तों का गठन किया गया

अभियान के तहत 323 नये अस्थायी गोआश्रय स्थलों का निर्माण किया गया
-श्री धर्मपाल सिंह
लखनऊ: 01 जनवरी, 2024

उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने निराश्रित गोवंश संरक्षण हेतु संचालित विशेष अभियान की अवधि 16 जनवरी तक बढ़ाये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में अभी भी लगभग 45 हजार गोवंश निराश्रित एवं बेसहारा विचरण कर रहे हैं, इसलिए इन गोवंशों का शत-प्रतिशत संरक्षण सुनिश्चित किया जाए। उन्हांेंने बताया कि 60 दिवसीय विशेष अभियान (01 नवम्बर, 2023 से 31 दिसम्बर, 2023 तक) चलाकर 184060 गोवंश संरक्षित किया गया। अभियान के दौरान 323 नये अस्थायी गो आश्रय स्थल तथा 536 गो आश्रय स्थलों में शेड विस्तारीकरण किया गया। बेसहारा गोवंशों को पकड़ने हेतु अभियान में 1574 विशेष दस्तों का गठन कर 687 कैटल कैचर की सहायता ली जा रही है।
पशुधन मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि गोवंश का संरक्षण एवं संवर्द्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता में है और निराश्रित गोवंशों के कारण फसलो के नुकसान तथा मार्ग दुर्घटनाओं की समस्या से निजात दिलाने हेतु सरकार कृत संकल्प है, इस क्रम में वर्तमान में 6168 अस्थायी गो आश्रय स्थल, 298 वृहद गो संरक्षण केन्द्रों, 253 कान्हा गो आश्रय तथा 314 कांजी हाऊस का निर्माण कर कुल 1402491 गोवंशों को संरक्षित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि पशुपालकों द्वारा नर गोवंशों का कृषि कार्य में उपयोग न होने तथा दूध न देने वाली व गर्भधारण न करने वाले गोवंशों को बेसहारा छोड़ देने के कारण अभी भी बेसहारा गोवंश सड़को तथा खेतो में यत्र तत्र दिखाई दे रहे है। इसलिए शेष निराश्रित गोवंश को संरक्षित करने के लिए अभियान अवधि बढ़ाई जा रही है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में अपर मुख्य सचिव पशुधन डा0 रजनीश दुबे द्वारा सभी जिलाधिकारियों को भी पत्र प्रेषित कर दिया गया है।
श्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि गो संरक्षण केन्द्रों, गोआश्रय स्थलों के निर्माण एवं गो आश्रय स्थलों के विस्तारीकरण का कार्य तीव्र गति से किया गया है और सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की जा रही हैं। संरक्षित किये जाने वाले निराश्रित गोवंश के देखभाल हेतु उनके चारे, भूसे, टीनशेड, पेयजल, विद्युत आपूर्ति, उपचार एवं ठंड से बचाव आदि की समुचित व्यवस्था भी की जा रही है। श्री सिंह ने बताया कि गोसंरक्षण अभियान में गृह, राजस्व, पंचायतीराज, ग्राम्य विकास एवं नगर विकास से परस्पर सहयोग एवं समन्वय स्थापित करके कार्य किया जा रहा है। श्री सिंह ने किसानों एवं पशुपालकों से पुनः अपील करते हुए कहा है कि कृषि कार्य में उपयोगी न होने एवं दूध न देने वाले गौवंशों को निराश्रित न छोड़े।

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