वाराणसी : सूत्रों स प्राप्त जानकारी के अनुसार वाराणसी जनपद में निवासरत डॉ अनुराग सिंह जो वाराणसी क्षेत्र के प्रतिष्ठित परिवार से है तथा समाज में उच्च ख्याति प्राप्त है फ्लैट पर थाना शिवपुरी वाराणसी पुलिस ने तारीख 04-12-2023 की अर्द्धरात्रि में दबिश दी और बिना कोई कारण बताए डॉ अनुराग सिंह को पहने हुए कपड़ों में उठा कर ले गई तथा दिनाँक : 06-12-2023 तक थाने में अवैध रूप से रोके रखा डॉ अनुराग सिंह को अपने परिजनो / वकील की भी सहायता नहीं लेनी दी जो स्पष्ट रूप से मानवाधिकार अधिकारों तथा माननीय सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन है।
जहाँ केन्द्र सरकार गृह मंत्रालय तथा सुप्रीम कोर्ट RTI एक्टविस्ट को सुरक्षा दिए जाने तथा उनका उत्पीड़न रोकने के लिए निर्देश - आदेश जारी कर रही है वही दूसरी तरफ वाराणसी पुलिस RTI एक्टविस्ट डॉ अनुराग सिंह का उत्पीड़न कर झूठे फर्जी आर्म्स एक्ट के मुकदमें में फसा रही है, पुलिस द्धारा स्वय लिखाई गई मनगढंत FIR में कोई स्वतंत्र गवाह नहीं है और न ही डॉ अनुराग सिंह के पास से कोई भी ऐसा हथियार बरामद नहीं हुआ है जो कि आयुध अधिनियम 3/25 के अन्तर्गत दण्डनीय है, प्रार्थी की सामजिक छबि दूषित करने के उद्देश्य से मुझ निरपराध को पुलिस ने अपने गुडवर्क की कहानी से अपनी खुद की पीठ थपथपाई है।
डॉ अनुराग सिंह ने अपने साथ हुए कानून विरोधी कृत्य, उत्पीड़न के खिलाफ न्यायप्राप्ति हेतु केन्द्र सरकार, राज्य सरकार तथा मानवाधिकार आयोग को पत्र प्रेषित कर न्याय की गुहार लगाई है।
राष्ट्रीय सूचनाधिकार, मानवाधिकार एवं पर्यावरण सरंक्षण संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री आस्था माथुर जी ने इस प्रकरण में कहा कि RTI एक्टिविस्ट डॉ अनुराग सिंह का पुलिसिया उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, संगठन इस सम्बन्ध में अपना पत्र केन्द्र एवं राज्य सरकार को प्रेषित कर निष्पक्ष जाँच की अपेक्षा करेगा तथा अतिशीघ्र महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश को अपना ज्ञापन प्रेषित करेगा।
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