परीक्षा सिर पर है, समय कम है, 

पढ़ने की क्षमता बढ़ाइये

पंडित हरि ओम शर्मा


परीक्षायें सिर पर हैं, समय कम हैं यदि आपने पढ़ने की क्षमता में विकास न किया तो आपको वह सफलता प्राप्त नहीं हो सकती है जिसके लिए आप प्रयास कर रहे हैं। अतः पढ़ने की आदत में सुधार करिये, अध्ययन की क्षमता का विकास करिये, अपने याद करने के तौर-तरीके बदलिये तभी आपको मनचाही सफलता मिल सकती है, अन्यथा आप हाथ मलते ही रह जायेंगे! पढ़ने का, याद करने का, अध्ययन की क्षमता का विकास करने का यह अवसर पुनः आपको नहीं मिलेगा। याद रखिये! अवसर व्यक्ति को बार-बार नहीं मिलता है इस समय अवसर आपके दरवाजे पर है, आप उसका लाभ उठाइये। 

टाइम टेबल तैयार करें और उस पर अमल करें: योजनाबद्ध तरीके से किये गये कार्य से ही मनचाही सफलता मिलती है। जब आपके विद्यालय में टाइम टेबिल के अनुसार पढ़ाई होती है तो फिर घर पर क्यों नहीं? घर के समय को सोने, खेलने-कूदने, पढ़ने व दैनिक नित्य कर्म से निपटने में कुछ इस तरह विभक्त करें कि पढ़ने का व याद करने का समय आपको अधिक से अधिक मिल सके। टाइम टेबिल को कुछ इस तरह योजनाबद्ध तरीके से बनाओं कि सोने के लिए 6 घंटे आपको अवश्य मिल जाये। लिखने वाला कार्य सोने से पहले ही पूरा कर लें तब सोयें, लिखने वाले कार्य को कल पर टालना घातक सिद्ध हो सकता है क्योंकि सुबह आपके पढ़ने का समय है। 

नियमपूर्वक अध्ययन करें: टाइम टेबिल के अनुसार नियम पूर्वक अध्ययन करें। ‘अभी पढ़ने का मूड नहीं है!’ यह बहाना उन छात्रों के लिए है जो पढ़ना नहीं चाहते हैं तथा अपने भविष्य के साथ दूसरे छात्रों का भविष्य भी चैपट करना चाहते हैं। अतः ऐसे बहानेबाज सहपाठियों से सौ कोस की दूरी बना लेना ही हितकर है, अन्यथा यह खुद तो डूबेंगे ही आपको भी ले डूबेंगे। अतः अगर दोस्ती करनी है तो किताबों से दोस्ती करिये, किताबों से सच्चा दोस्त इस संसार में कोई दूसरा नहीं है। 

पढ़ने का सही तरीका अपनायें: मैंने बहुत से छात्र-छात्राओं को देखा है कि वह आराम से बिस्तर पर लेटे-लेटे पढ़ते हैं और पढ़ते-पढ़ते ही सो जाते हैं। कुछ छात्रों को सोफे पर पैर पसारे हुए पढ़ते हुए भी मैने देखा है तो कुछ छात्र टी0वी0 के सामने किताब खोलकर बैठ जाते हैं फिर उनकी निगाहें किताब पर नहीं! टी0वी0 पर होती है। किताब के चैप्टर में क्या लिखा है उनको यह नहीं मालूम होता है किन्तु अमुक सीरियल में अब क्या होने वाला है यह उन्हें अच्छी तरह मालूम है। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप एक होनहार और अपनी मंजिल पर पहँुचने वाले मेधावी छात्र हैं। 

संभव हो तो पढ़ने का कमरा अलग कर लें: यदि घर में समुचित स्थान है तो आप अपने पढ़ने के कमरे में पढ़ाई करें क्योंकि इससे आप घर की बातचीत, आने-जाने वाले मेहमानों, टी0वी0 रेडियो के शोर-शराबों आदि से बच जायेंगे साथ ही आपका मन शान्त व स्थिर रहेगा। इससे तुम्हारी याददाश्त में गजब की अभिवृद्धि हो जायेगी। 

स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें: कहावत है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है अतः इन दिनों में आपका स्वस्थ रहना अति आवश्यक है। परीक्षा सन्निकट है, मौसम बदल रहा है अतः इस समय सेहत का विशेष ध्यान रखिये - खाना खाने का समय, सोने का समय, खेलने का समय आपने अपने टाइम टेबिल में निर्धारित किया है उसका पूर्णतः पालन करिये साथ ही हल्का व सुपाच्य भोजन करिये। भूख से थोड़ा कम खाये तो अच्छा है सोने से दो घंटे पहले खाना खा लेना स्वास्थ्यवर्धक होता है। खाने के साथ पानी न पीयें तो अति उत्तम है खाना खाने के आधा घंटे बाद पानी पीना श्रेयस्कर होता है।

पढ़ने की क्षमता बढ़ाने के कुछ सरल उपाय:

अध्ययन करने की क्षमता बढ़ाने के कुछ सरल उपाय आपको बता रहा हूँ जो आपकी सफलता में मील के पत्थर साबित होंगे और आप इन्हीं मील के पत्थरों के सहारे पहुँच जायेंगे अपनी सफलता की मंजिल तक।

जो चैप्टर आपको याद करना है पहले उसको अच्छी तरह समझो फिर याद करो तदुपरान्त लिखकर देख लो ऐसा करने से उक्त चैप्टर आपके मन मस्तिष्क में हमेशा के लिए बैठ जायेगा।

कुछ चैप्टर ऐसे होते हैं जिनका सम्बन्ध एक-दूसरे से होता है ऐसे चैप्टरों को टुकड़ों में नहीं अपितु एक साथ पढ़ो। इससे आपको सम्बन्धित सभी चैप्टर शीघ्र याद हो जायेंगे।

अपने कोर्स की पाठ्य पुस्तकों तक ही सीमित मत रहो अन्य लेखकों की पुस्तकों को भी पढ़ो इससे अन्य छात्रों की तुलना में आपकी तैयारी अच्छी हो जायेगी।

जिन किताबों को आप पढ़ते हैं उस किताब के महत्वपूर्ण चैप्टरों की अतिमहत्वपूर्ण लाइनों को अन्डरलाइन अवश्य कर लें साथ ही आज जिस पैराग्राफ को आप महत्व देना चाहते हैं उस पर सही का निशान लगा लें। इन सबसे समय की बचत होती है तथा इन महत्वपूर्ण लाइनों पर निगाह बरबस ही चली जाती है।

आत्म विश्वास सफलता की वह कुन्जी है जो किस्मत के फाटक स्वयं खोल देती है। अतः आत्म विश्वास बनाये रखें। ‘मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। उत्साही का क्या करे, गर्मी, वर्षा, शीत।।’’

वक्त है कम, परीक्षा है कठिन, तुम्हें तेज कदम चलना होगा।

हे परम् तपस्या के पथिकों, तुम्हें नूतन पथ रचना होगा।।


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