राजकुमार गुप्ता 
वृंदावन भारतरत्न पं. मदनमोहन मालवीय की जयंती की पूर्व संध्या के अवसर पर मारुति नगर स्थित सी.एल.शिशु शिक्षा निकेतन वृंदावन में ब्राह्मण सेवा संघ व ब्राह्मण महासभा के संयुक्त तत्वावधान में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें मदनमोहन मालवीय के व्यक्तित्व पर चर्चा की गईं।
बैठक में विचार व्यक्त करते सेवा संघ के संस्थापक चंद्रलाल शर्मा एवं ब्राह्मण महासभा के संस्थापक सुरेशचंद्र शर्मा ने कहा कि
पं. मदनमोहन मालवीय जी का जन्म 25 दिसंबर, 1861 को इलाहाबाद में हुआ था। वे भारत के पहले और अंतिम व्यक्ति थे जिन्हें 'महामना' की सम्मानजनक उपाधि से विभूषित किया गया। पत्रकारिता, वकालत, समाज सुधार, मातृभाषा तथा भारत माता की सेवा में अपना जीवन समर्पित करने वाले मालवीय जी ने राष्ट्र की सेवा के साथ ही साथ नवयुवकों के चरित्र-निर्माण के लिए और भारतीय संस्कृति की जीवंतता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना की। 
ब्राह्मण सेवा संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यभान शर्मा एवं ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष महेश भारद्वाज ने कहा कि मालवीय के विचारों में राष्ट्र की उन्नति तभी संभव है, जब वहां के निवासी सुशिक्षित हों। वे जीवनभर गांवों में शिक्षा के प्रचार-प्रसार में जुटे रहे। मालवीय जी का मानना था कि व्यक्ति अपने अधिकारों को तभी भलीभांति समझ सकता है, जब वह शिक्षित हो। उनका मानना था कि संसार के जो राष्ट्र उन्नति के शिखर पर हैं, वे शिक्षा के कारण ही हैं
    सत्यभान शर्मा जी ने विप्रों के सम्मान में एक कविता सुनाई। साथ ही सभी से आग्रह किया कि कल 23 दिसंबर को गीता जयंती के अवसर पर सभी गीता जी का पाठ करें व दूसरों को भी प्रेरित करें। अशोक अज्ञ जी द्वारा बृज भाषा में सम्पूर्ण गीता के श्लोकों को कविताओं में रचना करने के लिए धन्यवाद दिया तथा उस नव गीता का चंद्र लाल शर्मा और सुरेश चंद शर्मा द्वारा विमोचन किया गया।
       समापन के अवसर पर नवागंतुक सदस्यों का स्वागत किया गया।
ब्राह्मण सेवा संघ के अध्यक्ष :
सतीश चंद्र पाराशर एवं गोपाल शरण शर्मा ने कहा कि मदनमोहन मालवीयजी  ने हिन्दी अंग्रेजी समाचार पत्र 'हिन्दुस्तान' का 1887 से संपादन करके दो ढाई साल तक जनता को जगाया। वे 1924 में दिल्ली आकर हिन्दुस्तान टाइम्स के साथ जुड़े। हिन्दी के उत्थान में मालवीय जी की भूमिका ऐतिहासिक रही।
इसी क्रम में नवीन नागर महा मंत्री अखिल भारतीय पंडा महा सभा ने महामनाजी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर रामनारायण ब्रजवासी, रमेश विधिशास्त्री, गिरधारी शर्मा, गोपाल, श्यामसुंदर गौतम, सुभाष गौड़ लाला पहलवान, धर्मेंद्र गौतम, लीला गौतम अध्यक्ष परशुराम शोभा यात्रा समिति , पंडा सभा के अध्यक्ष श्याम सुंदर गौतम,अशोक अज्ञ, आचार्य प्रमोद कृष्ण, आचार्य राजू भैया, नारायण प्रसाद पराशर, चंद्र नारायण चीनू, राघव,गोपाल नारायण बृजवासी,महेश बाबा, डॉ सतीश मिश्रा,सतपाल शर्मा, विनीत द्विवेदी, महंत पूजा राम, राजेंद्र प्रसाद सारस्वत, विक्रांत अवस्थी,राजकमल शास्त्री, आचार्य महेंद्र तिवारी ,अनिल तिवारी ,गोविन्द शर्मा, शिवम शर्मा,अभिषेक शास्त्री,आचार्य सोमांशु, ब्रजेश शर्मा आदि उपस्थित थे। मंच संचालन 
अध्यक्ष सतीश चन्द्र पाराशर ने किया।

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