वृन्दावन।परिक्रमा मार्ग स्थित श्रीकृष्ण कृपा धाम में गोलोकवासी दर्शनलाल कुमार की पुण्य स्मृति में अष्टदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव में व्यासपीठ से प्रख्यात भागवताचार्य सुरेश चंद्र शास्त्री महाराज अपनी समधुर वाणी में सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को सप्तम दिवस की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि कलयुग में जीवात्मा की मुक्ति का यदि कोई सर्वोत्तम मार्ग है, तो वो श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा है।इसके श्रवण करने से ही राजा परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई।साथ ही वे भगवान के धाम को गए।इसीलिए हम सभी को अपने कल्याण के लिए व पितरों की शान्ति के लिए श्रीमद्भागवत की कथा अवश्य श्रवण करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि व्यक्ति को धैर्यवान होना चाहिए।साथ ही उसे अपने आराध्य पर दृढ़ विश्वास रखना चाहिए।विप्र शिरोमणि भक्त सुदामा का जीवन अत्यंत दुख व दरिद्रता में व्यतीत हुआ।किन्तु उन्होंने अपना धैर्य न खोते हुए अपने ईष्ट श्रीकृष्ण की दृढ़ भक्ति की।जिसके परिणाम स्वरूप जीवन का अंतिम समय अत्यंत सुखमय व भक्तिमय व्यतीत हुए।
महोत्सव में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, प्रमुख समाजसेवी पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ, श्रीराम कथा मर्मज्ञ अशोक व्यास, कार्ष्णि नागेन्द्र महाराज, मुख्य यजमान श्रीमती कमलेश कुमारी, विकास कुमार, विशाल कुमार (अंबाला शहर), वासुदेव शरण, डॉ. राधाकांत शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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