राजकुमार गुप्ता 
वृन्दावन।छटीकरा रोड़ स्थित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आश्रम में 
नव दिवसीय श्रीराम कथा महोत्सव में व्यासपीठ से प्रख्यात संत स्वामी गिरीशानंद सरस्वती महाराज ने अपनी सुमधुर वाणी में सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को श्रीराम जन्म की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि जब-जब पृथ्वी पर धर्म का ह्रास होता है और अभिमानी राक्षस प्रवृत्ति के लोग बढ़ने लगते हैं, तब-तब अखिल कोटि ब्रह्माण्ड नायक परब्रह्म परमेश्वर भगवान नारायण भांति-भांति के दिव्य शरीर धारण कर पृथ्वी पर प्रकट होकर धर्म की स्थापना एवं सज्जनों की पीड़ा हरते हैं।साथ ही वे असुरों को मारकर देवताओं को स्थापित करते हैं। और अपने वेदों की मर्यादा की रक्षा करते हैं।
पूज्य महाराजश्री ने कहा कि ही भगवान श्रीराम ने समूचे विश्व को मर्यादा का संदेश दिया।साथ ही उन्होंने पृथ्वी पर हर उस मर्यादा का पालन किया, जो एक सामान्य व्यक्ति को करनी चाहिए।वो मर्यादा चाहे भाई से हो, पिता से हो, मां से हो, गुरु से हो या फिर शत्रु से हो।वस्तुत: भगवान श्रीराम ने हर एक मर्यादा का पालन किया।इसीलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है।
कैलाश पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी संविदानंद महाराज (नासिक) ने कहा कि हम सभी बड़े सौभाग्यशाली हैं, जो हमारा जन्म उस भारत वर्ष में हुआ है, जहां भगवान श्रीराम प्रकटे थे।इससे भी बड़ी खुशी इस बात की है, कि बहुत ही शीघ्र अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के नवनिर्मित भव्य मंदिर का शुभारंभ भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अथक प्रयासों से होने वाला है। हम सभी सनातन धर्मावलंबियों से आग्रह करते हैं, कि आगामी 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में होने वाले श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होकर उस गौरवशाली अवसर के साक्षी बनें।
महोत्सव के अन्तर्गत भगवान श्रीराम के जन्म से सम्बन्धित भजनों व बधाइयों का गायन किया गया। साथ ही खेल-खिलौने, रूपए-कपड़े एवं मेवा-मिष्ठान आदि लुटाए गए।इसके अलावा श्रीराम जन्म की भव्य झांकी सजाई गई।
इस अवसर पर महोत्सव के संयोजक व श्रीउमा शक्ति पीठ,वृन्दावन के राष्ट्रीय प्रवक्ता पंडित आर.एन. द्विवेदी (राजू भैया), डॉक्टर अरविंद कुमार (एस.पी. सिटी), अवनीश कुमार मिश्रा (एस.पी. क्राइम,मथुरा), देवेश कुमार शर्मा (एस.पी. ट्रैफिक,मथुरा), श्रीमती गुंजन सिंह (डिप्टी एस.पी.,मथुरा), वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं हेमंत अग्रवाल आदि की उपस्थिति विशेष रही।
मुख्य आयोजक मदन गोपाल अग्रवाल एवं ललित कुमार अग्रवाल ने सभी आए हुए अतिथियों का शाल ओढ़ाकर अभिनंदन किया।

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