llसंवाददाता–विजय शंकर दुबेll
मदरसे पर बिजली विभाग मेहरबान एक महीने में दो बार संशोधित किया विल
सरकार की महत्वाकांक्षी एकमुश्त समाधान योजना जहां एक ओर जनमानस के लिए सुविधा जनक है और लोग इसका भरपूर लाभ भी ले रहे हैं वहीं दूसरी तरफ एक ही विद्युत खण्ड में 12 वर्षो से जमा निविदा कर्मी बरकत अली और सहायक अभियंता पवन मिश्रा मदरसे पर मेहरबान होकर राजस्व को तगड़ा चूना लगाकर अपनी जेब भरने में मशगूल हैं जबकि यह कार्य इनके अधिकार क्षेत्र में भी नही आता है।
ताजा प्रकरण चिनहट खण्ड के अंतर्गत कमता पावर हाउस का है जहां पर निविदाकर्मी बरकत अली और सहायक अभियंता पवन मिश्रा ने उपभोक्ता से साठ गांठ कर मदरसे का एक ही महीने में बिल दो बार संशोधित कर अपनी जेब भरने का काम किया बताते चलें कि चिनहट विद्युत खण्ड के मनबढ़ निविदा कर्मी बरकत अली अपने आपको जेई व एस डी ओ से कम नहीं मानता ये राजस्व वसूली,लोड बढ़ाने,ओ टी एस के साथ साथ अन्य कार्यों में पूरी तरह से लिप्त हैं। सूत्रों की माने तो निविदाकर्मी बरकत अली लगभग 12 वर्षों से विद्युत खण्ड चिनहट में तैनात है और ये कोई पहला मामला नहीं है
जिसमे बरकत अली ने अपनी जेब भरी हो अनेक केस ऐसे है जिसमे बरकत अली ने अधिकारियों के साथ मिलकर घोटाला किया है निविदाकर्मी बरकत अली के लिए उच्चाधिकारियों के आदेश कोई मायने नहीं रखते निजामिया समिति नामक मदरसा दारूल उलूम निजामपुर मल्हौर चिनहट लखनऊ का है जिसका 04 किलोवाट का एल एम वी 01 टैरिफ में बिल एक ही माह में दो दो बार बनाया गया। पहला बिल 5 अगस्त 2023 को बनाया गया जिसकी बिल संख्या 56831444596 थी जिसकी वर्तमान रीडिंग 54169(1अगस्त 2023)थी तथा एक जुलाई 2023 को मीटर रीडिंग 50288 थी। इस बिल के अनुसार उपभोक्ता को देय अंतिम तिथि 19अगस्त 2023 तक 1,12,259 रूपये जमा करना था। अंतिम देय तिथि समाप्ति के बाद भी विभाग ने उपभोक्ता का संयोजन नही काटा और न ही बिल जमा कराया गया बल्कि एक नया बिल 23 अगस्त 2023 को वर्तमान रीडिंग 54270 जिसकी पूर्व रीडिंग 2258(1मई 2023) के अनुसार 49487 रूपये का बिल संख्या 56134580407 का जारी कर दिया गया।
इस बिल की अंतिम देय तिथि 31 अगस्त 2023 थी। आश्चर्य की बात तो यह है कि दोनों बिलो में मीटर संख्या GOEGP7088123 और मीटर एक ही है। यह ही नही उपभोक्ता का दिसंबर माह का बिल भी 46239 रूपये का हैं।
अधिकारियो की नाक के नीचे बिलो में हेराफेरी से ही यह साबित हो रहा है कि इन मनबढ़ निविदा कर्मियों (कमाऊ पूत) की अधिकारियों से साठ गांठ है क्योंकि इस बाबत कोई भी आधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं भ्रष्ट निविदा कर्मियों द्वारा खेला जा रहा खेल एक तरफ राजस्व का नुकसान कर रहा है तो दूसरी ओर सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याण योजनाओं की साख में कमी कर रहा है।
निविदाकर्मी बरकत अली के खिलाफ अनेकों उपभोक्ताओं ने उच्चाधिकारियों से शिकायत की है लेकिन बरकत अली विभाग में मजबूत पकड़ होने के चलते कोई भी अधिकारी कार्यवाही करने से कतराते हैं यहां तक की कई बार जांच के आदेश भी हुए लेकिन जांच भी ठंडे बस्ते में चली गई और निविदाकर्मी आज भी उपभोक्ताओं से सांठ गांठ कर अवैध धन उगाही कर रहा है
देखना दिलचस्प होगा कि क्या नवागत अधिशाषी अभियंता भ्रष्ट निविदाकर्मी के खिलाफ कोई कार्यवाही करने की हिम्मत जुटा पाएंगे या फिर मामला ज्यों का त्यों ही रह जायेगा
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