अल्ट्रासाउंड को मिल रही ई-वाउचर की सुविधा
बलरामपुर । गर्भवती की जांच व उपचार के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस (पीएमएसएमए) अभियान हर माह दो बार आयोजित की जाती थी। लकिन शासन के निर्देश पर अब माह में चार बार आयोजित की जा रही है। वहीं गर्भवती महिलाओं का निजी सेंटर पर अल्ट्रासाउंड कराने के लिए ई-रूपी वाउचर की सुविधा दी जा रही है। ताकि गर्भवती महिलाओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलरामपुर डॉ मुकेश कुमार रस्तोगी ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड निजी सेंटरों पर मुफ्त कराने के लिए एसएमएस और क्यूआर कोड की सुविधा प्रत्येक महीने की पहली, 9 व 16 और 24 तरीख को चिकित्सा इकाई पर दी जा रही है। इससे गर्भावती जांच की तारीख से एक महीने के अंदर नजदीकी अल्ट्रासाउंड केंद्र पर मुफ्त अल्ट्रासाउंड करवा सकती है। इसका खर्च स्वास्थ्य विभाग वहन करेगा। गर्भवती को अल्ट्रासाउंड कराने से पूर्व कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी होती है। इसके बाद ही पैनल में लिए गए अल्ट्रासाउंड केन्द्रों पर अल्ट्रासाउंड करा सकती हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि अल्ट्रासाउंड से जटिल गर्भ की पहचान और गर्भस्थ शिशु के जन्मजात विसंगति की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। यह शहरी इलाके ही नहीं, बल्कि दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों की गर्भवती के घर के पास ही किसी निजी जांच घर में निःशुल्क अल्ट्रासाउण्ड की सुविधा मुहैया करायी जा रही है। गर्भवती महिलाओं का गर्भावस्था के दूसरी तिमाही में अल्ट्रासाउंड कराया जाता है। अल्ट्रासाउंड में गर्भाशय में बच्चे का विकास, बच्चे के दिल की धड़कन, शरीर, हाथ और पैर की क्रियाशीलता को भी देखा जा सकता है। गर्भावस्था में कम से कम दो बार गर्भवती को अल्ट्रासाउंड की सलाह दी जाती है। पहला दूसरी तिमाही 13 से 24 सप्ताह के बीच में कराते हैं और दूसरी बार चिकित्सक के सलाह पर तीसरी तिमाही में करवा सकते हैं। जिले के राजकीय चिकित्सालय में अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण ब्लाक स्तर के निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराया गया है। इसके माध्यम से अप्रैल 2023 से अब तक कुल 6161 गर्भवती महिलाओं का निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। स्वास्थ्य केंद्र से जांच के बाद गर्भवती का नाम और उसका मोबाइल नंबर की सूचना भरी जाती है। इससे उसका ई-वाउचर जेनरेट होकर उसके मोबाइल नंबर पर एक एसएमएस जाता है। इस एसएमएस को लेकर गर्भवती जिले के किसी भी सूचीबद्ध केंद्र पर अपना अल्ट्रासाउंड करवा सकती है।

    हिंदी संवाद न्यूज़ से
वी. संघर्ष की रिपोर्ट
   बलरामपुर। 

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