वृन्दावन।छटीकरा रोड़/आश्रम बिहार स्थित अग्रसेन भवन में आसाम के प्रमुख समाजसेवी मदन गोपाल अग्रवाल एवं श्रीमती प्रेमलता अग्रवाल की 50 वीं सालगिरह के उपलक्ष्य में चल रही सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव में व्यासपीठ से विश्वविख्यात भागवत भूषण आचार्य रामविलास चतुर्वेदी महाराज ने अपनी सुमधुर वाणी में सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को सत्संग की महिमा बताते हुए कहा कि सत्संग ही मानव जीवन को सार्थक बनाता है।सत्संग के बिना मानव जीवन अधूरा है।जब तक जीव माता के गर्भ में रहता है, तब तक वो बाहर निकलने के लिये छटपटाता रहता है।तब वह बाहर निकलने के लिये ईश्वर से अनेक प्रकार के वायदे करता है। मगर जन्म लेने के पश्चात सांसारिक मोह माया में फंस कर वह भगवान से किए गए वायदों को भूल जाता है।जिसके परिणामस्वरूप उसे चौरासी लाख योनि भोगनी पड़ती है।इसलिए सत्संग ही जीव के जन्म व मृत्यु के भय का नाश करता है।
उन्होंने कहा कि बाल भक्त ध्रुव और प्रहलाद को बाल्यकाल में ही देवर्षि नारद मुनि के रूप में दिव्य सत्संग प्राप्त हुआ।उन्ही की कृपा से बाल भक्त ध्रुव और प्रहलाद को बाल्यावस्था में ही भगवान नारायण की प्राप्ति हुई।
इस अवसर पर मुख्य यजमान मदन गोपाल अग्रवाल, श्रीमती प्रेमलता अग्रवाल, पंकज अग्रवाल (पटवारी), कोकराझार (आसाम), वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, रामअवतार अग्रवाल, दीनदयाल अग्रवाल, राहुल अग्रवाल, रामअवतार मोर, डॉ. राधाकांत शर्मा, पण्डित गुलशन चतुर्वेदी, पण्डित रामजी शास्त्री, पण्डित जितेंद्र रिछारिया आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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