जरूरतमंदों के आवास-इलाज का करें इंतजाम, माफिया पर कसें लगाम : सीएम योगी

 

जनता दर्शन में मुख्यमंत्री ने सुनीं करीब 300 लोगों की समस्याएं

 

त्वरित, गुणवत्तापूर्ण व संतुष्टिपरक निस्तारण के लिए अधिकारियों को दिए निर्देश

 

गोरखपुर, 1 दिसंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि हर जरूरतमंद को उसकी आवश्यकता के अनुसार आवास व इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। आपराधिक मामलों में एफआईआर दर्ज करने में लापरवाही न की जाए और भूमि कब्जाने वाले दबंग, माफिया पर लगाम कसने में तत्परता दिखाई जाए। जन कल्याण के कार्यों को सदैव प्राथमिकता पर रखते हुए अधिकारी हर पीड़ित की समस्या का त्वरित, गुणवत्तापूर्ण और संतुष्टिपरक निस्तारण करना सुनिश्चित करें।

 

सीएम योगी में ये निर्देश शुक्रवार को गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन के दौरान लोगों की समस्याएं सुनते हुए दिए। मंदिर परिसर स्थित महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के सामने आयोजित जनता दर्शन में मुख्यमंत्री कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक खुद पहुंचे। सबकी समस्याओं को सुनते हुए आश्वस्त किया हर समस्या का निस्तारण किया जाएगा। जनता दर्शन में मुख्यमंत्री ने करीब 300 लोगों की समस्याएं सुनीं। इसमें बड़ी संख्या महिलाओं की रही। इस दौरान एक महिला ने आवास की समस्या बताई। इस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत अधिकारियों को निर्देशित किया कि महिला को पीएम आवास योजना या सीएम आवास योजना के तहत मकान उपलब्ध कराया जाए।

 

जनता दर्शन में कई महिलाएं अपने परिजनों के इलाज हेतु आर्थिक सहायता की गुहार लेकर आई थीं। मुख्यमंत्री ने उनकी पीड़ा सुनते हुए आश्वस्त किया कि इलाज में धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। संबंधित अस्पताल से इस्टीमेट लेकर प्रक्रिया पूरी करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराया जाए। विवेकाधीन कोष से तत्काल सहायता राशि जारी करा दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस्टीमेट की प्रक्रिया को प्राथमिकता पर पूर्ण कराएं।  सीएम ने इस दौरान यह भी हिदायत दी कि अधिकारी हर जरूरतमंद का आयुष्मान हेल्थ कार्ड बनवाना भी सुनिश्चित करें।

जनता दर्शन में जमीन कब्जा करने की आई  शिकायतों पर उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में कड़ी कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। इस दौरान अपने परिजनों के साथ आए बच्चों को दुलारते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें आशीर्वाद देते हुए चॉकलेट दिया। उन्होंने बच्चों का हालचाल पूछा और पढ़ने के लिए प्रेरित किया।

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यूपीडेस्को के वेब पोर्टल का होगा मेकओवर, ट्रेनिंग सर्टिफिकेट आवंटन सुविधा से होगा लैस

 

-उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट सिस्टम्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीडेस्को) के वेब पोर्टल में जुड़ेगा ट्रेनिंग सर्टिफिकेट इश्यूएंस व मैनेजमेंट फीचर, कई मायनों में होगा खास

 

-यूपीडेस्को वेब पोर्टल के एनुअल मेंटिनेंस की प्रक्रिया शुरू, वार्षिक अनुबंध पर सर्विस प्रोवाइडर एजेंसी की जाएगी आबद्ध

 

-मेंटिनेंस प्रक्रिया पूरी होने पर सिंगल लॉगिन पैनल के रूप में रोल बेस्ड एक्सेस सिस्टम के तौर पर कार्य करने में सक्षम होगा वेब पोर्टल

 

-ट्रेनियों के रजिस्ट्रेशन व सर्टिफिकेट डिस्ट्रीब्यूशन की प्रक्रिया होगी पेपरलेस, ऑनलाइन डाटा अवेलेबिलिटी को सुनिश्चित करने व फंक्शनिंग प्रॉसेस को मैनेज करने में मिलेगी मदद

 

लखनऊ, 1 दिसंबर। उत्तर प्रदेश को उन्नत तकनीक से लैस करने के सीएम योगी के प्रयास रंग लाने लगे हैं। प्रदेश में कई विभागों के वेब पोर्टल्स को उन्नत व नई सुविधाओं से युक्त बनाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, सीएम योगी के विजन के अनुसार कुछ विभागों में जनरल वर्किंग प्रॉसेस को और सक्षम बनाने के लिए अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर के विकास पर भी कार्य चल रहा है। इसी क्रम में अब उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट सिस्टम्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीडेस्को) ने भी अपने वेब पोर्टल के एनुअल मेंटिनेंस प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। वेब पोर्टल को नई सुविधाओं से लैस करने के साथ ही खासतौर पर ट्रेनिंग सर्टिफिकेट इश्यूएंस व मैनेजमेंट सुविधा से लैस करने की तैयारी हो रही है। इस एनुअल मेंटिनेंस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए यूपीडेस्को द्वारा वार्षिक अनुबंध के आधार पर एजेंसी का चयन कर निर्धारित कार्य आवंटित किया जाएगा। खास बात यह है कि इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए यूपीडेस्को में ए, बी, सी व स्टार्टअप केटेगरी के तहत इंपैनल्ड सॉफ्टवेयर कंपनियों में से ही सर्विस प्रोवाइडर एजेंसी का चयन किया जाएगा।

 

ट्रेनिंग, सर्टिफिकेट इश्यूएंस समेत तमाम प्रक्रियाओं को पेपरलेस करने की तैयारी

यूपीडेस्को वेब पोर्टल के मेंटिनेंस की प्रक्रिया सर्विस प्रोवाइडर एजेंसी द्वारा पूर्ण की जाएगी तथा कई सुविधआओं से लैस भी करेगी। मेंटिनेंस प्रक्रिया पूरी होने पर सिंगल लॉगिन पैनल के रूप में वेब पोर्टल रोल बेस्ड एक्सेस सिस्टम के तौर पर कार्य करने में सक्षम होगा। इससे यूपीडेस्को से जुड़े इंस्टीट्यूशंस में ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे ट्रेनियों के रजिस्ट्रेशन व सर्टिफिकेट डिस्ट्रीब्यूशन की प्रक्रिया को पेपरलेस बनाने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त, वेब पोर्टल के आंकड़ों को मैनेज करने में भी मदद मिलेगी। मेंटिनेंस प्रक्रिया पूर्ण होने पर वेब पोर्टल के ऑनलाइन डाटा अवेलेबिलिटी को सुनिश्चित करने व फंक्शनिंग प्रॉसेस को मैनेज करना आसान हो जाएगा। कार्य विवरण के अनुसार, वेब पोर्टल को जिन नए फीचर्स से लैस किया जाएगा जिससे उसे एंड टू एंड मैनेजमेंट युक्त रियलटाइम अपडेट फॉर्मैट पर लाने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त, क्लाउड बेस्ड वेब पोर्टल के तौर पर भी यूपीडेस्को के वेब पोर्टल का विकास किया जाएगा जो डैशबोर्ड युक्त भी होगा। इन सभी कार्यों को पूर्ण करने के लिए यूपीडेस्को जिस सर्विस प्रोवाइडर एजेंसी को आबद्ध करेगी वह उचित जनशक्ति को भी आबद्ध करने के लिए पात्र होगा।

 

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यूपी एमएसएमई पोर्टल का सिक्योरिटी ऑडिट कराएगी यूपीडेस्को

उद्योग निदेशालय (श्रम विभाग) कानपुर के लिए यूपीडेस्को द्वारा यूपी एमएसएमई पोर्टल के सिक्योरिटी ऑडिट की प्रक्रिया भी प्रस्तावित है जिसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इस क्रम में, यूपीडेस्को द्वारा ए, बी, सी व स्टार्टअप केटेगरी के तहत इंपैनल्ड सॉफ्टवेयर कंपनियों में से ही सर्विस प्रोवाइडर एजेंसी का चयन किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को सर्विस प्रोवाइडर एजेंसी द्वारा कार्यावंटन के बाद 60 दिन की अवधि में पूर्ण करना होगा। यह केवाईसी इंफ्रास्ट्रक्चर के सभी पहलुओं को कवर करने वाली तकनीकी व गैर-तकनीकी ऑडिट का एक संयोजन होगा जो कि रिक्वेस्टिंग ऐंटिटी कॉम्प्लाएंस चेकलिस्ट वी-3.0 पर आधारित होगा।

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उत्तराखंड टनल हादसे से सकुशल वापस लौटे यूपी के श्रमिकों से सीएम योगी ने की मुलाकात

 

सरकारी आवास पर सीएम योगी ने सभी श्रमिकों और उनके परिजनों का किया सम्मान, भेंट की मिठाई और उपहार

 

सीएम योगी ने की श्रमिकों के साहस और धैर्य की सराहना, टनल में मुश्किल हालातों के उनके अनुभवों को भी सुना

 

सिलक्यारा टनल में फंस गए थे उत्तर प्रदेश के 8 श्रमिक, सभी श्रमिकों के रेस्क्यू की लगातार मॉनीटरिंग कर रहे थे सीएम योगी

 

लखनऊ, 1 नवंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास में उत्तराखंड के सिलक्यारा टनल में फंसे उत्तर प्रदेश के श्रमिकों की सकुशल वापसी के बाद उनसे और उनके परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उनका हाल भी जाना और मुश्किल घड़ी में श्रमिकों ने किस तरह इसका सामना किया इसके विषय में उनके अनुभवों को भी सुना। सीएम योगी ने कहा कि प्रसन्नता हो रही है कि टनल हादसे में फंसे उत्तर प्रदेश के सभी श्रमिक सकुशल वापस लौटे हैं और अब अब आप सभी अपने घरों को जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर मुश्किल समय में अपने लोगों के लिए खड़ी है और खड़ी रहेगी। इस दौरान सीएम योगी ने सभी श्रमिकों के साहस और धैर्य की सराहना भी की। उन्होंने सभी श्रमिकों को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से शॉल उढ़ाकर सम्मानित किया और उन्हें मिठाई और उपहार भी प्रदान किए। उल्लेखनीय है कि उत्तरकाशी में टनल दुर्घटना में उत्तर प्रदेश के कुल 8 श्रमिक फंस गए थे। टनल में पूरे 16 दिन बिताने के बाद 17वें दिन उनको बाहर निकाला जा सका। इनमें श्रावस्ती से 6 (अंकित, राम मिलन, सत्यदेव, संतोष, जयप्रकाश और राम सुंदर), लखीमपुर खीरी से एक (मंजीत) और मिर्जापुर से एक (अखिलेश कुमार) शामिल थे। सीएम योगी के निर्देश पर इन श्रमिकों की पल-पल जानकारी के लिए प्रदेश सरकार की ओर से एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था। साथ ही सभी परिजनों को उनकी स्थिति के विषय में हर दिन अपडेट किया जा रहा था। सीएम योगी स्वयं इसकी मॉनीटरिंग भी कर रहे थे।

 

श्रमिकों ने सीएम को दी टनल में बिताए मुश्किल समय की जानकारी

मुलाकात के दौरान एक श्रमिक ने बताया कि जब हादसा हुआ तो हमें लगा कि ऑक्सीजन पाइप में कुछ डैमेज हुआ है। हम जब आगे गए तो देखा सामने से मलबा आ रहा है। फिर हमारा हिम्मत टूट गया। उन्होंने बताया कि जिस जगह हम फंसे थे, उस जगह टनल की लंबाई ढाई किमी तक थी और चौड़ाई 14 मीटर थी। टनल में इतनी ऑक्सीजन थी कि हम दो-तीन दिन तक वहां रह सकते थे, बाकी कंपनी और सरकार ने बहुद मदद की। अगर बाहर से खाने-पीने की सामग्री और ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हो जाती तो हमारा जीवन भी बंद हो जाता। उन्होंने बताया कि कंपनी और सरकार ने ऐसी व्यवस्था की थी कि अंदर एक मिनट भी लाइट नहीं गई। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से जब एक अधिकारी ने अंदर उनसे बात की तो पता चला कि सिर्फ भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार ही नहीं, बल्कि हमारे प्रदेश की सरकार भी हमें बचाने के लिए मुस्तैद है तो हम सब यूपी वालों को बहुत तसल्ली मिली। बातचीत के दौरान श्रमिकों ने भी प्रदेश सरकार की ओर से किए गए प्रयासों के लिए सीएम का धन्यवाद दिया। सीएम योगी ने सभी श्रमिकों से ये भी जाना कि वो कब से उत्तराखंड की इस टनल में काम कर रहे हैं। साथ ही सीएम ने श्रमिकों के परिजनों से भी बातचीत की और उनकी स्थिति के विषय में जाना।

 

प्रदेश सरकार के प्रयासों के लिए श्रमिकों ने सीएम का जताया आभार 

श्रावस्ती के जय प्रकाश ने कहा कि सीएम योगी से मिलकर बहुत अच्छा लग रहा है। उन्होंने जिस तरह हौसला बढ़ाया है उससे बहुत मोटिवेशन मिला है। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद पहले दिन टनल में बहुत मुश्किल हुई थी, लेकिन जब पता चला की बाहर सभी लोग उन्हें बाहर निकलने का प्रयास कर रहे हैं तो उम्मेद बांध गई थी। लखीमपुर खीरी के मंजीत ने कहा कि सीएम योगी से मुलाकात बहुत अच्छी रही। उनसे मिलकर बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। कभी नहीं सोचा था की एक दिन सीएम योगी से मिल सकूंगा। मिर्जापुर के अखिलेश कुमार ने कहा की योगी सरकार की ओर से उनकी सकुशल वापसी के जो प्रयास किए गए, उससे हम सभी बहुत खुश हैं। इससे पहले सीएम योगी से मुलाकात को लेकर सभी श्रमिक खासे उत्साहित नजर आ रहे थे।

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उत्तर प्रदेश में अल्पविकसित व मलिन बस्तियों के विकास पर योगी सरकार का फोकस

 

-सीएम योगी के विजन अनुसार प्रदेश की बस्तियों में 98 कार्यों के जरिए कायाकल्प की प्रक्रिया हुई शुरू

 

-मुख्यमंत्री नगरीय अल्पविकसित व मलिन बस्ती विकास योजना के अंतर्गत विकास कार्यों को दिया जाएगा मूर्त रूप

 

-अमरोहा तथा देवरिया के 28 व फर्रुखाबाद, अयोध्या, मीरजापुर, पीलीभीत व गाजियाबाद की 70 कार्य योजनाओं को मिली स्वीकृति

 

लखनऊ, 1 दिसंबर। उत्तर प्रदेश को विकास व उन्नति के नए पथ की ओर अग्रसर कर रही योगी सरकार प्रदेश में अल्प विकसित व मलिन बस्तियों में विकास कार्यों को पूर्ण करने पर भी फोकस कर रही है। सीएम योगी का विजन अनुसार, प्रदेश के अल्प विकसित क्षेत्रों में विकास की बयार को सुनिश्चित करने की प्रक्रिया को लेकर विस्तृत रूपरेखा तैयार की गई थी जिसको क्रियान्वित करते हुए अब प्रदेश में 98 विकास कार्यों के जरिए कायाकल्प का मार्ग प्रशस्त हो गया है। मुख्यमंत्री नगरीय अल्पविकसित व मलिन बस्ती विकास योजना के अंतर्गत अमरोहा तथा देवरिया में 28 व फर्रुखाबाद, अयोध्या, मीरजापुर, पीलीभीत व गाजियाबाद में 70 विकास कार्यों पूर्ण करने का रास्ता साफ हो गया है। इस क्रम में, नगरी रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है तथा शासन से भी इस क्रम में धनराशि आवंटन के अंतर्गत पहली किस्त जारी करने की प्रक्रिया को प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति दे दी गई है।

 

अमरोहा व देवरिया के पिछड़े इलाकों के कायाकल्प की तैयारी

मुख्यमंत्री नगरीय अल्पविकसित व मलिन बस्ती विकास योजना के अंतर्गत अमरोहा तथा देवरिया में जिन 28 विकास योजनाओं की पूर्ति को हरी झंडी मिल गई है उनमें अमरोहा नगर पालिका परिषद के अंतर्गत आने वाले हसनपुर, अमरोहा व गजरौला क्षेत्रों में 6 विकास कार्यों को पूर्ण किया जाएगा। वहीं, देवरिया के सलेमपुर, रुद्रपुर, भलुअनी, रामपुर कारखाना व गौराबरहज में कुल 22 इंटरलॉकिंग, सीसी रोड व नाली निर्माण की अलग-अलग परियोजनाओं के लिए 6.89 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है। इसमें से पहली किस्त के तौर पर 75 प्रतिशत धनराशि आवंटन का मार्ग प्रशस्त करते हुए कुल 5.17 करोड़ रुपए की धनराशि जारी कर दी गई है। अमरोहा में विकास कार्यों को पूर्ण करने के लिए 1.59 करोड़ रुपए के सापेक्ष 1.19 करोड़ तथा देवरिया में 5.30 करोड़ रुपए के सापेक्ष 3.98 करोड़ रुपए की धनराशि पहली किस्त के तौर पर जारी कर दी गई है।

 

70 परियोजनाओं के लिए पहली किस्त के तौर पर 40 प्रतिशत राशि हुई जारी

मुख्यमंत्री नगरीय अल्पविकसित व मलिन बस्ती विकास योजना के अंतर्गत फर्रुखाबाद, अयोध्या, मीरजापुर, पीलीभीत व गाजियाबाद में 70 विकास परियोजनाओं को पूर्ण करने की भी प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए 12.03 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है जिसमें से पहली किस्त के तौर पर 40 प्रतिशत यानी 4.81 करोड़ रुपए की धनराशि जारी कर दी गई है। इसमें फर्रुखाबाद में कुल 14 अलग-अलग परियोजनाओं की पूर्ति के लिए 7.7 करोड़ रुपए के सापेक्ष 3.1 करोड़ रुपए, अयोध्या में कुल 15 परियोजनाओं के लिए 1.35 करोड़ रुपए के सापेक्ष 54 लाख रुपए, मीरजापुर में 3 परियोजनाओं के लिए 91.12 लाख रुपए के सापेक्ष 36.44 लाख, पीलीभीत में 9 परियोजनाओं के लिए 1.12 करोड़ रुपए के सापेक्ष 45.09 लाख रुपए तथा गाजियाबाद में 29 परियोजनाओं के लिए 6.05 करोड़ रुपए के सापेक्ष 2.42 करोड़ रुपए की धनराशि पहली किस्त के तौर पर जारी कर दी गई है। इन सभी कार्यों को उत्तर प्रदेश शासन की रूलबुक के अनुसार पूर्ण किया जाएगा। निश्चित तौर पर धनराशि आवंटन के बाद इन क्षेत्रों में जारी विकास की परियोजनाओं व निर्माण कार्यों को गति देने का मार्ग प्रशस्त होगा।

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'जिन्होंने रात में बेखौफ बस्तियां लूटीं, वही नसीब के मारों की बात करते हैं...' से सीएम योगी ने विपक्ष पर कसा तंज  

 

-नेता सदन सीएम योगी बोलेः 2017 से पहले यूपी अराजकता, गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार वाला प्रदेश बन चुका था

 

-वर्ष 2017 में यूपी के बारे में लोगों की धारणा बदली, अब सम्मान की दृष्टि से देख रहे हैं लोग

 

लखनऊ, 1 दिसंबर: नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट पर शायराना अंदाज में नेता विरोधी दल पर हमला बोलते हुए कहा कि बड़ा हसीन है उनकी जबान का जादू, लगा के आग बहारों की बात करते हैं, जिन्होंने रात में बेखौफ बस्तियां लूटीं, वही नसीब के मारों की बात करते हैं...। मुझे अफसोस हो रहा था कि नेता विरोधी दल लीक से हटकर आजकल बोलने के आदी हो चुके हैं। ये बीमारी केवल यहीं पर नहीं आई है, जो बीमारी बिहार में देखने को मिल रही है, वही यहां देखने को मिल रही है। यूपी विधानमंडल में पिछले 6-7 वर्षों में चर्चा परिचर्चा का माहौल बना है। वर्ष 2022 के बाद सकारात्मक पहल हुई है। इसमें विरोधी पक्ष के लोग खूब तैयारी करके आना चाहते हैं। ईश्वर करे ये हमेशा विपक्ष में बैठे रहें।

 

ये नये भारत का नया यूपी है...

नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष प्रदेश में 2012 से 2017 के बीच मुख्यमंत्री के रूप में अपनी सेवा दे चुके हैं। कई बार सांसद में भी रहे हैं। ऐसे में, उन्हें सप्लीमेंट्री डिमांड के बारे में थोड़ी और जानकारी कर लेनी चाहिये थी। वर्ष 2017 के पहले उत्तर प्रदेश अराजकता, गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार, अव्यवस्था और पहचान के संकट वाला प्रदेश बन चुका था। वहीं, वर्ष 2017 के बाद वाला यूपी डबल इंजन की ताकत से आगे बढ़ रहा है। आज यूपी के बारे में लोगों की धारणा बदली है। उन्हें सम्मान की दृष्टि से लोग देखते हैं। ये नये भारत का नया यूपी है। दुनिया में जिस तरह भारत के लिए दृष्टिकोण बदला है, वैसे ही देश में यूपी को लेकर लोगों की धारणा बदली है। ये बदला परसेप्शन ही यूपी की सबसे बड़ी पहचान है। सरकार वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी को लेकर पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। इससे विरोधी दल के सदस्यों को प्रसन्नता होनी चाहिए, क्योंकि प्रदेश आगे बढ़ेगा तो हर व्यक्ति को उसका लाभ मिलेगा। 

 

आज रेवेन्यू सरप्लस के लिए जाना जा रहा है यूपी

नेता सदन सीएम योगी ने कहा कि वर्ष 2016-17 में यूपी की जीएसडीपी लगभग 13 लाख करोड़ थी। वहीं, वर्ष 2023-24 में लगभग साढ़े 24 लाख करोड़ की ओर पहुंच रही है। ऐसे में, हम लगभग दोगुने की ओर बढ़ चुके हैं। उत्तर प्रदेश की वर्ष 2015-16 में पर कैपिटा इनकम 43 हजार के आसपास थी, वह वर्ष 2022-23 में बढ़कर दोगुने से अधिक लगभग 83 हजार हो चुकी है। वर्ष 2023-24 के आंकड़े आएंगे तो इसमें और भी वृद्धि होगी। ऐसे में, बजट का आकार भी बढ़ा है। देश की 16 फीसदी यानी 25 करोड़ की आबादी यूपी में निवास करती है। यूपी में 2012 और 17 के बीच औसत बजट 2 लाख 70 हजार करोड़ के आस पास था। वहीं, 2022-23 का औसत 5 लाख 23 हजार करोड़ हुआ है। हमारा मूल बजट 6 लाख 90 हजार करोड़ है जबकि 28 हजार करोड़ के अनुपूरक बजट के साथ ये 7 लाख 19 हजार करोड़ का अब तक का सबसे बड़ा बजट है, जिसे सरकार लेकर आई है। सरकार इस बजट के साथ प्रदेश के सर्वांगीण विकास की ओर बढ़ रही है। नेता सदन ने कहा कि जब सरकार अपना बजट लाती है तो इस बात का ध्यान रखती है कि सोर्स ऑफ इनकम है या नहीं। आय और व्यय के संतुलन को ध्यान में रखना होता है। प्रदेश का राजकोषीय प्रबंधन बेहतरीन ढंग से आगे बढ़ रहा है। यूपी जैसा राज्य रेवेन्यू सरप्लस के रूप में जाना जा रहा है।

 

राज्य का कर राजस्व डेढ़ लाख करोड़ तक पहुंचा

नेता सदन सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में 2016-17 में राज्य का कर राजस्व 86 हजार करोड़ था। ये 2021-22 में बढ़कर डेढ़ लाख करोड़ तक पहुंचाने में सफल हुआ है। प्रदेश में स्टांप एंड रजिस्ट्रेशन में लगभग 11 हजार करोड़ रुपए 2016-17 में प्राप्त हुए थे, आज यही बढ़कर 23-24 में 34 हजार करोड़ रुपए हो गया है। वहीं वैट एवं टैक्स के आधार पर वर्ष 2016-17 में सेल टैक्स 49 हजार करोड़ था, आज डेढ़ लाख करोड़ पर पहुंच रहा है। स्टेट एक्साइज में वर्ष 2016-17 में कुल 14 हजार करोड़ प्राप्त हुए थे जो आज 58 हजार करोड़ रुपए पर पहुंच रहा है। पहले परिवहन में 5 हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त होता था वहीं अब 12 हजार करोड़ की राशि से अधिक प्राप्त हो चुका है।

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समाजवादियों के कारनामों को कभी भूल नहीं सकती जनता: सीएम योगी

 

- सीएम योगी ने सदन में सपा सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार की खोली पोल

 

- बोलेः गोमती रिवर फ्रंट, जेपीएनआईसी में अनियमितता तो केवल एक उदाहरण

 

लखनऊ, 1 दिसंबर: नेता सदन सीएम योगी ने विपक्ष पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष हर मुद्दे को समाजवादियों का किया बताते हैं, जबकि जनता समाजवादियों के कारनामे भूली नहीं है। हर कोई जानता है कि कैसे-कैसे खेल खेले जाते थे। प्रदेश के अंदर सत्ता प्रायोजित डकैती का सबसे बड़ा उदाहरण जेपीएनआईसी है। इसका मूल डीपीआर 265 करोड़ आंका गया था, लेकिन इसमें 821 करोड़ खर्च हुए। इसके बाद भी खेल खत्म नहीं हुआ। यह तो केवल एक उदाहरण है।

 

नेता प्रतिपक्ष के आंकड़े वास्तविक नहीं, फिर भी उन्होंने किया प्रयास

नेता सदन सीएम योगी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष द्वारा पेश किए गए आंकड़े वास्तविक नहीं थे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि शायद उनका होमवर्क अच्छा नहीं हो पाया। वैसे भी, उनके पास समय नहीं है, लेकिन फिर भी उन्होंने प्रयास तो किया। नेता सदन सीएम योगी ने बैंकिंग सेक्टर के कार्यों का विवरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि बैंकों के माध्यम से 2 लाख 42 हजार करोड़ का ऋण वितरित किया गया है। वर्ष 2022-23 में पहले की तुलना में आज यूपी में हर पांच किमी. के दायरे में बैंक की शाखा है। बीसी सखी के माध्यम से बैंकिंग सेवाओं को हर ग्राम पंचायत तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है। वहीं, फंड अर्जित करने में पूरे देश में अकेले यूपी की 16.2 फीसदी हिस्सेदारी रहती है, जो शीर्ष स्थान है। यह डाटा हमारी सरकार या किसी मैग्जीन का नहीं बल्कि आरबीआई का है। जून 2014 में एक लाख 65 हजार आयकर रिटर्न भरे जाते थे जबकि आज 11 लाख 92 हजार आयकर रिटर्न भरे जाते हैं। ये भी डाटा आयकर विभाग का है। आज सरकार की ओर से डेढ़ लाख करोड़ का जीएसटी संग्रह किया जा रहा है। वहीं, यूपी जीएसटी रजिस्ट्रेशन में भी शीर्ष स्थान पर है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा के तहत 1 लाख 69 हजार व्यापारियों को लाभान्वित किया जा चुका है। आज यूपी शीरा उत्पादन, एथेनॉल ब्लेंडिंग के मामले में देश का नंबर एक राज्य है। इतना ही नहीं, आवासीय और कृषि संपत्ति ट्रांसफर में पहले लंबी प्रक्रिया होती थी, वहीं आज मात्र पांच हजार रुपए शुल्क के साथ ये कार्य हो रहा है।

 

सपा सरकार में कारनामों की है लंबी फेहरिस्त, हर जिले में होगा

सीएम योगी ने सपा सरकार के दौरान भ्रष्टाचारों की पोल खोलते हुए कहा कि गोमती रिवर फ्रंट की बात करें तो पहले इसका डीपीआर 167 करोड़ का बना। इसके बाद डीपीआर 346 करोड़ का बनाया गया। फिर इसे 2015 में बढ़ाकर 656 करोड़ किया गया। इतना ही नहीं, जून 2016 में 1513 करोड़ का रिवाइज्ड एस्टिमेट कैबिनेट से पास किया, लेकिन 1437 करोड़ खर्च करने के बाद भी काम अधूरा पड़ा रहा। इसमें सीबीआई और ईडी की ओर से जांच जारी है। इसमें पाया गया कि डायफ्राम वॉल कार्यों को बिना अनुमोदित ड्राइंग कराया गया, स्लश रिमूवल में अनियमित्ता, 141 अनुबंधों में अनुबंधित धनराशि से अधिक भुगतान, विजन डॉक्यूमेंट के कार्यों को बिना सक्षम स्तर से स्वीकृति के विस्तारित कर भुगतान करना, डायफ्राम वाल के कार्य के पूर्ण होने के बाद भी चार फर्जी अनुबंध गठित करने के कारनामे किये गये। यह तो सिर्फ एक है, सपा सरकार में कारनामों की फेहरिस्त लंबी है और हर जिले में ऐसे उदाहरण होंगे।

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यूपी के नौजवानों को नौकरी ढूंढने के लिए कहीं जाना नहीं होगा, बल्कि दुनिया यूपी नौकरी ढूंढने आएगी: सीएम योगी

 

बोले सीएम- ग्लोबल इन्वेटर्स समिट के माध्यम से प्रदेश को 40 लाख करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुआ

 

सीएम ने कहा- ईज ऑफ लिविंग के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें इंडस्ट्री 4.0 की ओर बढ़ना होगा

 

1 दिसंबर, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट पर बोलते हुए कहा कि ग्लोबल इन्वेटर्स समिट के माध्यम से प्रदेश को 40 लाख करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट हर जगह होते थे, मगर यूपी ने इस दिशा में एक बड़ी लकीर खींची है। आज देश दुनिया के निवेशक यूपी में आना चाहते हैं। इन्वेस्टर्स समिट से मिले निवेश से 1 करोड़ 10 लाख नौजवानों को सीधे सीधे यूपी में नौकरी मिलेगी। यूपी के नौजवानों को नौकरी ढूंढने के लिए कहीं जाना नहीं होगा, बल्कि दुनिया यूपी नौकरी ढूंढने आएगी।

 

सीएम योगी ने कहा कि यूपी की 25 करोड़ की जनता की आकांक्षा के अनुरूप ईज ऑफ लिविंग के लक्ष्य को प्राप्त करना है। इसके लिए आवश्यक है कि प्रदेश के हर नौजवान को कार्य, हर किसान के खेत में पानी, उसकी फसल का अच्छा दाम मिले। किसान केवल उत्पादन तक ही सीमित ना रहे बल्कि उसे मार्केट लिंक भी मिले। इसके लिए हमें इंडस्ट्री 4.0 की ओर बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि यूपी की पहचान एक्सप्रेस वे प्रदेश के रूप में बन चुकी है। पूर्वांचल, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और पश्चिम को पूरब से जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेस वे प्रयागराज कुंभ से पहले हम तैयार करने में जुटे हैं।

 

सीएम योगी ने कहा कि बलिया लिंक, चित्रकूट लिंक, लखनऊ कानपुर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे, वाराणसी में 100 एकड़ में देश का पहला फ्रेट विलेज, प्रदेश में आज यमुना एक्सप्रेस वे में फिल्म सिटी, ट्वाय सिटी, हैंडीक्राफ्ट पार्क, अपैरल पार्क, लॉजिस्टिक हब विकसित हो रहे हैं। लखनऊ और हरदोई के बीच 1000 एकड़ क्षेत्र में पीएम मित्र टेक्स्टाइल पार्क टेक्सटाइल का हब बनेगा। ये यूपी के युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर के द्वार खोलेगा। इसके साथ ही सरकार ने मूल बजट में मध्यांचल और बुंदेलखंड में डेवलपमेंट का बहुत बड़ा क्षेत्र स्थापित करने का प्रावधान किया था, जिस पर कार्य हो रहा है।

 

सीएम योगी ने कहा कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा 46 साल में 33 हजार लैंड में स्थापित हो पाया, मगर बीडा झांसी बुंदेलखंड औद्योगिक क्षेत्र के निर्माण की कार्यवाही को सरकार ने आगे बढ़ाया है। ये पहले ही चरण में 35 हजार एकड़ में बसने जा रहा है। यहां हम एयरपोर्ट भी देने जा रहा है। ये यूपी के औद्योगिकीकरण की नई पहचान बनने जा रहा है। अभी ग्रेटर नोएडा में इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन हुआ। प्रदेश में एमएसएमई पॉलिसी आ चुकी है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान जैसी योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिल रहा है। यूपी पहला राज्य है जिसने अपने 96 लाख एमएसएमई यूनिट से जुड़े लोगों को दुर्घटना बीमा उपलब्ध कराया है।

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हर प्रदेशवासी को सुरक्षा की गारंटी दे रही जीरो टॉलरेंस नीति: सीएम योगी

 

- सीएम योगी ने सदन में नेता प्रतिपक्ष को कानून व्यवस्था पर घेरा

 

- प्रदेश में डकैती, लूट, हत्या, बलवा और फिरौती के मामलों में आई भारी कमी

 

 

लखनऊ, 1 दिसंबर: नेता सदन सीएम योगी ने कानून व्यवस्था पर नेता प्रतिपक्ष को घेरते हुए कहा कि वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022-23 में प्रदेश की कानून व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है, जिसे हर व्यक्ति जानता है। एनसीआरबी के डाटा की बात करें तो वर्ष 2017 के बाद प्रदेश में डकैती में 80.31 प्रतिशत, लूट में 61.51 प्रतिशत, हत्या में 32.45 प्रतिशत, बलवा में 51.65 प्रतिशत, फिरौती में 43.18 प्रतिशत और दुष्कर्म के मामलों में 21.75 प्रतिशत की कमी आई है जबकि 2017 से पहले यूपी में क्या मंजर था, सभी जानते हैं। अपराधियों, माफियाओं और दंगाइयों को शासन का संरक्षण प्राप्त था। प्रदेश में चारो ओर अराजकता की स्थिति थी।

 

महिला संबंधी अपराधों में सजा दिलाने में यूपी पूरे देश में अव्वल

सीएम योगी ने कहा कि 2017 के बाद जीराे टॉलरेंस नीति की सरकार ने प्रदेश में कानून का राज स्थापित करके सभी को सुरक्षा की गारंटी दी है।  एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि महिला संबंधित अपराधों में सजा दिलाने में यूपी देश में नंबर एक पर है। प्रदेश में 63 हजार से अधिक अपराधियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और 836 के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की गयी जबकि गैंगस्टर की 9,163 करोड़ की चल अचल संपत्ति जब्त की गयी। वहीं माफिया द्वारा 2827 करोड़ अर्जित अवैध संपत्ति को कब्जे में लिया गया है। 66 माफिया गैंग के 1044 सदस्यों के विरुद्ध 590 अभियोग पंजीकृत करते हुए 506 की गिरफ्तारी की गई। बाकी यूपी में हर कोई जानता है कि यहां अपराधियों और माफिया के खिलाफ कैसी कार्रवाई की जाती है। वर्ष 2017 के बाद महिला सुरक्षा में प्रभावी ढंग से कार्य हुआ है। प्रत्येक जनपद में महिला थाना के अतिरिक्त एक थाने में महिला थानाध्यक्ष को नियुक्ति दी गई है। महिला संबंधित अपराधों में 4579 अभियुक्तों में से 487 को आजीवन कारावास, 1016 को दस वर्ष कारावास और 3076 को 10 साल से कम का कारावास की सजा हुई है। प्रदेश में समयबद्ध तरीके से कार्रवाई आगे बढ़ाने का परिणाम है कि पॉक्सो अधिनियम के तहत 7276 अपराधियों को सजा हुई है। ई-प्रॉसीक्यूशन में पूरे देश में यूपी नंबर एक पर है।

 

2017 के पहले साइबर क्राइम से निपटने के लिए सरकार के पास नहीं था कोई विजन

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में तीन महिला पीएसी बटालियन की कार्रवाई को तेजी से आगे बढ़ाया गया है। प्रदेश में 69 महिला चौकी और परामर्श केंद्रों को थाने का दर्जा देने का कार्य हुआ है। प्रदेश में सबसे बड़ी चुनौती साइबर क्राइम की है। हर जनपद में प्रतिदिन दर्जनों मामले सामने आते हैं। वर्ष 2017 से पहले इसे लेकर सरकार के पास कोई विजन नहीं था। आज हर जनपद में एक-एक साइबर थाना बनाया गया है। प्रदेश के 1531 थानों में साइबर हेल्पडेस्क स्थापित किये गये हैं। साइबर क्राइम मुख्यालयों में एडवांस साइबर फॉरेंसिंक लैब, 18 रेंज में बेसिक साइबर फॉरेंसिक लैब और 57 जनपदों में साइबर क्राइम थानों का गठन किया गया है। पहली बार यूपी में फॉरेसिंक साइंस इंस्टीट्यूट की स्थापना की गई। इसी के साथ वर्तमान सत्र में प्रवेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए बीएससी, एमएससी, बीटेक और एलएलएम के इंटीग्रेटेड कोर्स के संचालन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा चुका है। हैं।

 

अकेले यूपी पुलिस में पारदर्शी तरीके से हुई 1 लाख 64 हजार भर्तियां

सीएम योगी ने सपा सरकार में हुए भर्ती घोटाले पर घेरते हुए कहा कि पारदर्शी तरीके से अकेले यूपी पुलिस में 1 लाख 64 हजार भर्ती हुई है। 2017 से पहले भर्ती में भी घोटाला हुआ करता था। चाचा, भतीजा और भाई सब संलिप्त होकर गरीब, पिछड़े, दलितों के हक पर डकैती डालने का काम करते थे। 2017 से पहले भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से बाधित थी। वहीं हमारी सरकार ने 5381 नये पदों की मंजूरी दी गई। इसमें 86 राजपत्रित और 5295 अराजपत्रित पद हैं। इसके अलावा प्रदेश में 114 नये थाने, 163 नई चौकियां, 6 महिला थाना, 4 आर्थिक अपराध थाने और हर जनपद में साइबर थाने बनाये गये हैं। 40 एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट थानों की गठन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है। साथ ही अन्य रिफॉर्म, जिसमें ट्रेनिंग और ट्रेनिंग की क्षमता बढ़ाने का कार्य हुआ है। पहले मात्र 6 हजार की क्षमता थी। आज इसे पांच गुना बढ़ाकर 30 हजार की क्षमता तक पहुंचाया गया है। पहले की सरकार की सोच संकीर्ण थी। आज उस संकीर्ण सोच से उभार कर यूपी को नये भारत के नये प्रदेश के रूप में स्थापित करने का कार्य हुआ है।

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सीएम योगी ने अखिलेश को समझाया बजट और अनुपूरक बजट के बीच का अंतर

 

मुहावरे के जरिए सीएम योगी ने शिवपाल पर कसा तंज, बोले- ‘बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय’

 

सीएम योगी ने कहा- सपा सरकार नौजवानों के विश्वास को कुचलने का कार्य कर रही थी

 

1 दिसंबर, लखनऊ। सीएम योगी ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए उन्हें मूल बजट और अनुपूरक बजट के बीच का अंतर समझाया। साथ ही उन्होंने शिवपाल को भी आड़े हाथ लिया और मुहावरे के जरिए उन पर तंज कसा। सीएम योगी ने कहा कि अनुपूरक बजट में परंपरागत बजट के लिए पैसे की मांग नहीं होती, बल्कि नई मांग के लिए पैसे की मांग होती है। इसमें गंगा एक्सप्रेस वे के लिए पैसा मांगा गया है। वह भी टेंडर के दौरान जीएसटी 12 फीसदी थी जो बढ़कर 18 फीसदी हो गई है, इसके लिए पैसा मांगा गया है। पूर्वांचल, बुंदेलखंड, गोरखपुर लिंक आदि एक्सप्रेस वे के लिए पैसा नहीं मांगा गया है।

 

सीएम योगी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के बारे में कह रहे थे कि वह 6 हजार करोड़ का नहीं है, बल्कि कुल 35 सौ करोड़ का है। ये लिंक एक्सप्रेस वे लो लैंड एरिया से होकर गुजर रहा है। ये संत कबीरनगर और अंबेडकर नगर को जोड़ता है। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले एक्सप्रेस हाईवे और सड़कों की क्या स्थिति थी वो किसी से छिपा नहीं है। लोग कहते थे कि जहां से अंधेरा शुरू हो समझ लो यूपी आ गया। जहां से गड्ढे शुरू हो समझ लो यूपी आ गया। सीएम योगी ने कहा कि आज शिवपाल जी धन्यवाद भी देते हैं। शिवपाल जी कहते हैं मैं भी ऐसा करना चाहता था मगर सपोर्ट नहीं मिला, तब मैं उनसे कहता हूं कि बचपन से ही गलत राह दिखाई है तो क्या होगा। बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय। बबूल का पेड़ लगाएंगे तो आम कैसे मिलेगा।

 

सीएम योगी ने कहा कि हमारा मानना है कि दृष्टि लक्ष्य पर हो, और कदम रास्ते पर हो तो ऐसी कोई रास्ता नहीं है जो लक्ष्य तक ना जाता हो। हमने वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य रखा है ये सभी राह उसी तक पहुंचने के हैं। आपका कोई लक्ष्य नहीं था, ना कोई दृष्टि थी, इसीलिए दिशाहीन थे। प्रदेश को अपराध, दंगों और अराजकता का प्रदेश बना दिया था। नौजवानों के विश्वास को कुचलने का कार्य कर रहे थे। भर्ती में भाई-भतीजावाद कर रहे थे पूरी व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने पर उतारू थे। लेकिन आज प्रदेश का दृष्टिकोण बदला है। आज प्रदेश का औदयोगिक वातावरण किसी से छिपा नहीं है। इन्वेस्टर समिट कैसा होना चाहिए इसका उदाहरण फरवरी 2018 में हुए पहले यूपी इन्वेस्टर्स समिट से पता चल गया था।

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नकल विहीन परीक्षा की चिंता सपा सरकार का नहीं था विषय: सीएम योगी

 

-शिक्षा की उपेक्षा का लगाया आरोप, कहाः 2017 से पहले जैसी दिशाहीन सरकार थी, वैसे ही दिशाहीन तरीके से शिक्षण संस्थानों का हो रहा था संचालन

 

-नेता सदन ने कहाः अगर सपा सरकार के वक्त की पावर परचेज एग्रीमेंट की चर्चा शुरू हो गई तो कई लोग मुंह छुपाने लायक भी नहीं रहेंगे

 

-सपा आलाकमान पर कटाक्ष करते हुए कहाः जाति ही है इनका ब्रह्मास्त्र, जब सब अस्त्र फेल हो जाते हैं तो जाति का कार्ड खेलता है विपक्ष

 

-सीएम ने ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे, तहसील में 20 व जिला मुख्यालय पर 24 घंटे बिजली देने का की कही बात, प्रदेश को आर्थिक कंगाली की ओर बढ़ाने का कार्य कर रही थी सपा

 

लखनऊ, 1 दिसंबर: नेता सदन सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में तेजी से इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के साथ अन्य बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश में वर्ष 2017 से पहले बिजली की क्या स्थिति थी, ये किसी से छिपी नहीं है। नेता प्रतिपक्ष कितने भी बड़े दावे करें, उनके समय के पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) की चर्चा शुरू हो गई तो कई लोग मुंह दिखाने के लायक नहीं रहेंगे। इन्होंने यूपी को आर्थिक रूप से पूरी तरह से कंगाल बनाने की स्थिति बना दी थी। प्रदेश में मार्च 2017 में हमारी सरकार आने के बाद अप्रैल से प्रदेश में विद्युत आपूर्ति बिना भेद भाव के सबको दी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे, तहसील क्षेत्र में 20 घंटे और जिला मुख्यालयों पर 24 घंटे बिजली दी जा रही है।

 

आज पीक आवर में 30,462 मेगावाट की हो रही आपूर्ति

सीएम योगी ने कहा कि हमने वीआईपी कल्चर समाप्त किया है। इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष को पीड़ा होगी क्योंकि वे इसके आदी रहे हैं। इन्होंने गरीब की पीड़ा नहीं देखी है इसलिए इसकी चिंता भी नहीं रही है। प्रदेश में पिछले साढ़े छह वर्षों 1 लाख 21 हजार मजरों में बिजली पहुंचाई गई। साथ ही 1 करोड़ 56 लाख घरों को फ्री बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार चेहरा, जाति, मत, मजहब देखकर नहीं बल्कि समाज के हर तबके को योजनाओं का लाभ दे रही है। वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में पीक आवर में बिजली की आपूर्ति बामुश्किल 16 से 17 हजार मेगावाट तक जाती थी। वहीं, आज 30,462 मेगावाट की आपूर्ति पीक आवर में हो रही है। 33/11 केवी के 749 नये सब स्टेशनों की स्थापना हुई है। इसके अलावा 1,528 सब स्टेशन की स्थापना की गई है। अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में डेवलप किया जा रहा है। प्रदेश में निजी नलकूप वाले किसानों को बिजली के बिल में छूट देने की कार्रवाई को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। इतना ही नहीं प्रदेश में हर सेक्टर में काफी प्रगति हुई है। रूफ टॉप सोलर पॉवर प्लांट में निजी निवेश के साथ कार्य हुआ है। आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर की बात करें तो ग्रेटर नोएडा में हाइपर स्केल डाटा सेंटर स्थापित हो चुका है। यही नहीं, देश का पहला इनलैंड वाटर-वे वाराणसी से हल्दिया के बीच प्रारंभ हो चुका है। सदन को बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि यूपी इनलैंड वाटर वे अथारिटी का गठन करने वाले चुनिंदा राज्यों में से एक है, जहां प्रदेश की नदियों का उपयोग वाटर-वे के रूप में करते हुए प्रदेश को एक्सपोर्ट हब के रूप में स्थापित किया जा रहा है। साथ यहां के उत्पादों को पूर्वी बंदरगाह तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।

 

2017 से पहले और अब शिक्षण संस्थानों के संचालन में दिख रहा फर्क 

सीएम योगी ने नेता प्रतिपक्ष को पिछले साढ़े छह वर्षों प्रदेश में मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में बताते हुए कहा कि 2017 से पहले जहां केवल दो इंटरनेशनल एयरपोर्ट क्रियाशील थे, वहीं आज 9 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। इसके अलावा 12 पर काम किया जा रहा है। वहीं कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट कार्य करने लगा है जबकि अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनकर तैयार है। उन्होंने कहा कि वह शनिवार को नागरिक उड्डयन मंत्री के साथ अयोध्या के एयरपोर्ट का फाइनल इंस्पेक्शन करने जा रहे हैं, जिसके बाद यहां से भी वायु सेवा प्रारंभ कर दी जाएगी। जेवर में तेजी के साथ इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहा है। प्रयास है कि फरवरी 2024 में पहला रनवे उड़ान के लिए तैयार हो जाए। यह नये भारत के नये उत्तर प्रदेश की तस्वीर है। एशियन गेम्स में भारत के खिलाड़ियों ने 107 जबकि पैरा एशियन गेम्स में  खिलाड़ियों ने 111 मेडल प्राप्त किये हैं। देश की 16 फीसदी आबादी यूपी में रहती है, लेकिन 25 फीसदी मेडल देश के लिए प्रदेश के खिलाड़ियों ने प्राप्त किये हैं। सीएम योगी ने कहा कि सरकार शिक्षा व्यवस्था पर काफी काम कर रही है। इसके साथ ही रिजल्ट पर भी फोकस किया जा रहा है। प्रदेश के शिक्षण संस्थाओं की स्थिति 2017 से पहले क्या थी। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों, शिक्षकों, इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थिति क्या थी, सभी ने देखी है। वहीं बेसिक, माध्यमिक, उच्च, तकनीकी, व्यवसायिक, चिकित्सा शिक्षा में 2017 से पहले और बाद में स्पष्ट अंतर दिखा जा सकता है। 2017 से पहले जैसी दिशाहीन सरकार थी, वैसे ही दिशाहीन शिक्षण संस्थान चल रहे थे।

 

सपा सरकार में मंत्री के लिए 10 एकड़ तो दूसरों के लिए 100 एकड़ में विवि बनाने का था मानक

सीएम योगी ने कहा कि आज बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल टॉयलेट, स्मार्ट क्लास समेत आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। आज 1 करोड़ 91 लाख बच्चे नंगे पैर स्कूल नहीं जाते। वहीं 2017 से पहले उन्हें जूते, मोजे, स्कूल यूनिफॉर्म और स्वेटर क्यों नहीं मिल पाए थे। पिछली सरकार बच्चों के प्रति कभी भी संवेदनशील नहीं थी। जब इनके सारे हथियार फेल हो जाते हैं तो इनके पास एक ही ब्रह्मास्त्र जाति होता है। वहीं जब जाति की बात आती है तो वह घूम फिरकर परिवार पर आ जाते हैं। वह इससे कभी उबर नहीं पाते हैं। सपा सरकार में नकल विहीन परीक्षा उनकी चिंता का विषय नहीं था। सपा सरकार में एक मंत्री विश्वविद्यालय बने रहे थे, उनके लिए 10 एकड़ का मानक तय किया गया जबकि दूसरे के लिए 100 एकड़ का मानक तय किया, जो यह दर्शाता है कि ये लोग जबरदस्ती सौदेबाजी वाली सरकार चल रहे थे। सीएम योगी ने कहा कि हमें स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाना है। इसी के तहत अलीगढ़ में राजा महेन्द्र प्रताप सिंह के नाम पर विश्वविद्यालय, सहारनपुर में मां शाकंभरी के नाम पर विवि और आजमगढ़ में महाराज सुहेलदेव के नाम पर विश्वविद्यालय निर्माण की कार्रवाई को आगे बढ़ाया गया है। वर्ष 2023-24 में चार विश्वविद्यालयों की स्थापना के कार्य को आगे बढ़ाया है। मीरजापुर में मां विंध्यवासिनी धाम के नाम पर, बलरामपुर में मां पाटेश्वरी के नाम पर, मुरादाबाद और कुशीनगर में भगवान गौतमबुद्ध के नाम पर विश्वविद्यालय के निर्माण का कार्य आगे बढ़ रहा है। मेरठ में मेजर ध्यान चंद के नाम पर स्पोर्ट्स विवि का निर्माण हो रहा है। प्रदेश में ललितपुर में फार्मा पार्क, यमुना अथाॅरिटी में मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण का कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहा है।

 

जगदगुरू रामभद्राचार्य विवि को दी राज्य विवि के रूप में मान्यता

सीएम योगी ने नेता प्रतिपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि ये बड़ी-बड़ी डींगे हांक रहे थे। वह बस ये नहीं बोल सके कि चंद्रयान का गठन भी सैफई में हुआ था। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में श्रमिकों के बच्चों के लिए अटल आवासीय विद्यालय बनाए गये हैं। मैं अपील करूंगा कि आप सभी सदस्य एक बार वहां जरूर जाइये। वहां बीओसी बोर्ड से रजिस्टर्ड श्रमिकों के बच्चे भी हैं। कोरोना कालखंड में जिन बच्चों ने अभिभावक खोया था, वे बच्चे भी हैं। प्रदेश के 18 कमिश्नरी में 18 विद्यालय हैं। इसके बाद हम हर जनपद में इसी आधार पर विद्यालयों का संचालन करना चाहते हैं। आप एक बार जरूर जाएं। वहां के स्टैंडर्ड देखें। वो गरीबों के बच्चे हैं। उन्हें जाति-मजहब में मत बाटें। वो प्रदेश की अमानत हैं। इसी वित्तीय वर्ष में हम 57 जनपदों में मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालयों की कार्रवाई को आगे बढ़ाने जा रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश के हर विकास खंड पीएम श्री विद्यालय से आच्छादित होने जा रहे हैं। ये शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव है। इसके साथ ही जगदगुरू रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय को राज्य विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता दी गई है।

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नेता प्रतिपक्ष की चिंता गोवंश संरक्षण की नहीं बल्कि बंद बूचड़खानों की है: सीएम योगी

 

- सीएम बोले, प्रदेश में पहली बार 11 लाख गोवंश का हो रहा संरक्षण

 

- 2017 से पहले विरासत के प्रति सम्मान का भाव नहीं था, बल्कि कब्रिस्तान की चिंता थी

 

लखनऊ, 1 दिसंबर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेता प्रतिपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रदेश में पहली बार 11 लाख गोवंश का संरक्षण डबल इंजन की सरकार कर रही है। गोवंश के लिए तीन हजार करोड़ मूल बजट में है। आपकी चिंता गोवंश को लेकर नहीं है बल्कि बूचड़खानों के बंद होने की है। हम गो पालन और गो सेवा भी करते हैं। भारत की कृषि व्यवस्था जब तक गो आधारित थी तब तक देश धन धान्य से भरपूर था। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेचुरल फार्मिंग की बात करते हैं, जो जीरो बजट खेती है। यह देश को स्वस्थ रखेगी और कैंसर जैसी बीमारियों से भी बचाएगी इसलिए हमें इस तरफ जाना ही होगा।

 

उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को चाचा ने शायद रास्ता सही नहीं दिखाया, जिसका फल चाचा भोग रहे हैं।

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में पीएम स्वामित्व योजना में अब तक 60 लाख से अधिक परिवारों को भूमि का मालिकाना अधिकार उपलब्ध कराया गया है। दिसंबर 2023 तक सभी सवा करोड़ परिवारों को मालिकाना हक उपलब्ध कराने का कार्य पूरा हो जाएगा। सभी सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि मुसहर, थारुवनटांगिया, कोल और सहरिया जनजातियों के बारे में शायद नेता प्रतिपक्ष नहीं जानते होंगे। इन सभी जनजातियों को जमीन का पट्टा और आवास देने का काम हुआ है। कोरोना काल से कोई गरीब भूखा नहीं रहा। हमारे लिए सबसे बड़ी जाति गरीब है। गरीब के जीवन में परिवर्तन लाने का कार्य सरकार कर रही है। सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधा बिना भेदभाव के साथ प्रदान की जा रही है। वहीं नेता प्रतिपक्ष को चाचा ने शायद सही रास्ता नहीं दिखाया, जिसका फल चाचा भोग रहे हैं। सही रास्ता दिखाया होता तो ये सजा नहीं मिलती। वर्ष 2017 से पहले पीएम किसान सम्मान निधि नहीं थी। आज दो करोड़ 61 लाख किसानों के खाते में सम्मान निधि भेजी जा रही है। अन्नदाता किसानों के खाते में सीधे 59,139 करोड़ रुपए भेजे जा रहे हैं। इसके अलावा बाणसागर, सरयू नहर परियोजना को पूरा किया जा रहा है। वर्ष 2012 से 2017 तक केवल 94 लाख मीट्रिक टन गेहूं क्रय कर 12 हजार 800 करोड़ का भुगतान हुआ। वहीं वर्ष 2017 से 2022 तक 222 लाख मीट्रिक टन गेहूं का क्रय किया और 41,299 करोड़ रुपए सीधे अन्नदाताओं के खाते में भेजा गया। धान 2012-17 के बीच 123 लाख मीट्रिक टन क्रय किया गया और 17190 करोड़ का भुगतान हुआ था। वहीं 2017 से अबतक 345.59 लाख मीट्रिक टन धान क्रय हुआ और 63,927 करोड़ का भुगतान किया गया है। प्रदेश में 2012-17 के बीच चीनी मिलें बंद हुईं,उन्हें औने पौने दाम पर बेचा गया जबकि गन्ने का 80 हजार करोड़ का भुगतान हुआ था। वहीं आज 119 चीनी मिलें चल रही हैं। 100 चीनी मिलें 10 दिन में गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही हैं। पहले जल जीवन मिशन में 5 लाख 16 हजार परिवार को नल से शुद्ध जल मिल पाता था। 2017 के बाद 1 करोड़ 85 लाख परिवारों को नल से शुद्ध जल उपलबध कराया जा रहा है। इतना ही नहीं प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 4000 किमी. से अधिक सड़क का निर्माण हुआ है जबकि 9 हजार से अधिक अमृत सरोवरों, लुप्त नदियों के पुनरोद्धार का कार्य नई तकनीक के माध्यम से किया जा रहा है।

 

प्रयागराज में हुए भव्य दिव्य कुंभ के बारे में हर कोई जानता है

सीएम योगी ने कहा कि देश के अन्य राज्यों की विधानसभा में पर्यटन को लेकर किए जा रहे कार्यों का सकारात्मक जवाब मिलता है। प्रदेश में  पर्यटन क्षेत्र का विकास मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत किया जा रहा है। 2017 से पहले विरासत के प्रति सम्मान का भाव नहीं था। 2017 के पहले कब्रिस्तान की चिंता थी। किसी पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने की चिंता नहीं थी। यूपी 2017 से पहले डोमेस्टिक टूरिज्म के क्षेत्र में काफी पिछड़ा था। यूपी सारे आंकड़ों को तोड़ते हुए आज नंबर एक पर पहुंच चुका है। प्रयागराज में हुए भव्य दिव्य कुंभ के बारे में हर कोई जानता है। तीर्थ विकास परिषद का गठन करते हुए तीर्थों के भव्य स्वरूप को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक वैभव को संरक्षित करते हुए विकसित करने का कार्य हो रहा है। इसमें ब्रज तीर्थ विकास, विंध्य धाम, चित्रकूट धाम, अयोध्या धाम, शुकतीर्थ, देवी पाटन धाम और नैमिष धाम तीर्थ विकास परिषद शामिल है। प्रदेश में लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, आगरा, मथुरा-वृंदावन में पर्यटन विभाग हेलीपोर्ट के निर्माण के कार्य को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है। श्रृंगवेरपुर में निषादराज पर्यटन स्थल और बहराइच में महाराज सुहेलदेव स्मारक के निर्माण के अलावा नैमिष में वेद विज्ञान अनुसंधान केंद्र की स्थापना हो रही है। इसके साथ ही कैलाश मानसरोवर भवन के निर्माण का कार्य भी हो रहा है। विदुर कुटी और हस्तिनापुर को भी विकसित किया जा रहा है।

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जाति समाजवादी पार्टी के लिए झुनझुना है: सीएम योगी

 

बोले सीएम- गरीब, किसान, महिला और युवाओं की आकांक्षाओं की पूर्ति हमारे लिए सबसे बड़ी जाति

 

सीएम योगी ने कहा-सपा सरकार के दौर में प्रदेश दिशाहीन, अव्यवस्था और अराजकता का शिकार था

 

1 दिसंबर, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) के मुद्दे पर भी सदन में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के लिए जाति झुनझुना है। सरकार में रहकर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव पीडीए भूल गये थे। उन्होंने कहा कि जाति के नाम पर प्रदेश में परिवारवाद की अराजकता पैदा करने वाले इन लोगों के कारनामे किसी से छिपे नहीं है। अटल जी ने कहा था कि आदमी ना ऊंचा होता है ना नीचा होता है ना बड़ा होता है ना छोटा होता है। आदमी सिर्फ आदमी होता है। अगर यह समझ आप में होती तो आप विपक्ष में ना बैठे होते।

 

सीएम योगी ने राजू पाल और अखिलेश निषाद का जिक्र करते हुए विपक्ष से पूछा की क्या ये दोनों पीडीए के पार्ट नहीं थे। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय के पुरोधाओं के नाम पर बने स्मारकों को तोड़ने की बात सपा सरकार के जमाने में की जाती थी। कांशीराम और बाबा साहब के नाम पर बने संस्थानों के नाम सपा सरकार में बदले गए। सीएम योगी ने विपक्ष पर हमला करते हुए प्रश्न किया कि जब गरीब के हक पर डकैती पड़ती थी,किसान और बेरोजगार आत्महत्या करता था तब पीडीए कहां था। उन्होंने कहा कि हम 2022 में अपने कार्यों को लेकर जनता के बीच गए। 2024 में जा रहे हैं और 2027 की तैयारी भी कर रहे हैं।

 

सीएम योगी ने कहा कि 2017 से पहले सपा सरकार के दौर में प्रदेश दिशाहीन,अव्यवस्था और अराजकता का शिकार था। प्रदेश के बारे में लोगों की नकारात्मक धारणा थी। 2017 के बाद प्रधानमंत्री के विजन और लीडरशिप का परिणाम है कि प्रदेश वन ट्रिलियन डॉलर बनने की दिशा में बढ़ रहा है। आज यूपी देश में नंबर दो की अर्थव्यवस्था है। शीघ्र इसे नंबर एक पर पहुंचाएंगे। यूपी को लेकर धारणा बदली है। हम नकारात्मक सोच के साथ आगे नहीं बढ़ रहे। हम उन लक्ष्यों को लेकर चल रहे हैं जो प्रदेश के 25 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं की पूर्ति कर सके। उन्होंने कहा कि गरीब,किसान,महिला और युवाओं की आकांक्षाओं की पूर्ति हमारे लिए सबसे बड़ी जाति है।

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अब पिछड़ा नहीं है प्रदेश, कई मामलों में अव्वल है यूपीः सीएम योगी

 

- नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने विधान सभा में बदलते उत्तर प्रदेश की पेश की तस्वीर, गिनाईं प्रदेश की उपलब्धियां

 

- सीएम योगी ने कहाः यूपी की बहुत सी स्कीम्स वैश्विक पटल पर ले चुकी हैं ब्रांड की शक्ल, ओडीओपी, जन आरोग्य समेत तमाम योजनाएं इनमें शुमार

 

- केंद्र की योजनाओं को धरातल पर उतारने में भी प्रदेश है अग्रणी, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, जनधन समेत कई योजनाओं के क्रियान्व्यन में यूपी अव्वल 

 

लखनऊ, 1 दिसंबर। उत्तर प्रदेश को कभी पिछड़ा राज्य माना जाता था, मगर अब यह तस्वीर बदल रही है। वर्ष 2017 में सत्ता संभालने के बाद प्रदेश के कायाकल्प का जो मार्ग 'डबल इंजन' की सरकार ने सुनिश्चित किया है, उसकी एक झांकी सदन में भी देखने को मिली। नेता सदन सीएम योगी ने शुक्रवार को विधान सभा में अपने संबोधन के दौरान 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश के बदलते परिदृष्य का खाका खींचा, जिसमें उत्तर प्रदेश कई मामलों में देश में अग्रणी नजर आया। सीएम योगी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश देश के 'मोस्ट फेवरेट डेस्टिनेशन' के तौर पर उभर रहा है और कई उपलब्धियां ऐसी हैं जिसने उत्तर प्रदेश को देश समेत पूरी दुनिया में एक ब्रांड के तौर पर स्थापित किया है। सीएम ने कहा कि चाहें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री जनधन योजना में गरीबों के अकाउंट खुलवाने जैसी केंद्र की योजनाओं को लागू करने की बात हो, या फिर वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट व ग्राम सचिवालय हो, उत्तर प्रदेश देश में प्रेरणा बनकर उभर रहा है।

 

केंद्र की योजनाओं को धरातल पर उतारा, फर्क साफ दिख रहा है

सीएम योगी ने सदन में संबोधन के दौरान इस बात पर जोर दिया कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास में डबल इंजन की सरकार की मुख्य भूमिका रही है। पीएम मोदी के विजन के कारण केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं के उचित क्रियान्वयन के जरिए प्रदेश की गरीब व वंचित जनता तक सर्वाधिक लाभ पहुंचाने का कार्य प्रदेश सरकार ने किया है। फिर बात चाहें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की हो, प्रधानमंत्री जनधन योजना में गरीबों के अकाउंट खुलवाने की हो या प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी व ग्रामीण) के जरिए लाभार्थियों तक समुचित लाभ पहुंचाने की हो, इन सभी मामलों में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। इसके अतिरिक्त स्वच्छ भारत योजना, सौभाग्य योजना, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के क्रियान्वयन में भी उत्तर प्रदेश ने देश के अन्य राज्यों के समक्ष नजीर पेश की है।

 

किसानों को लाभ देने के मामले में भी उत्तर प्रदेश बना उदाहरण

सीएम योगी ने कहा कि किसानों के हित की रक्षा करने में भी उत्तर प्रदेश की डबल इंजन की सरकार ने उदाहरण पेश किया है। एक ओर, सर्वाधिक चीनी व एथेनॉल उत्पादन से उत्तर प्रदेश के साख में वृद्धि हुई है, वहीं प्रदेश डीबीट के माध्यम से किसानों को लाभ देने में उम्दा प्रदर्शन कर रहा है।

 

इस लिहाज से भी उत्तर प्रदेश है अव्वल...

-ई-प्रॉस्क्यूशन प्रणाली लागू करने में

-अटल पेंशन योजना के क्रियान्वयन

-वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज की स्थापना में

-आयुष्मान योजना के जरिए लाभ पहुंचाने में

 

यूपी की इन उप्लब्धियों ने बढ़ाया देश का गौरव....

देश का पहला इनलैंड वाटर वे, रैपिड रेल संचालित करने वाला राज्य, फ्रेट विलेज वाराणसी में बन रहा है। सर्वाधिक एक्सप्रेस वे वाला राज्य, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में एचीवर स्टेट, सर्वाधिक वृक्षारोपण, जैम पोर्टल से टॉप बायर यूपी है। ई प्रिक्योरमेंट में, ई टेंडरिंग में, सर्वाधिक कृषि क्षेत्र में नेचुरल फॉर्मिंग, सर्वाधिक निवेश प्रस्ताव प्राप्त करने के मामले में भी यूपी अव्वल है।

 

ओडीओपी, मुख्यमंत्री विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना ने बढ़ाया उत्तर प्रदेश का मान

सीएम योगी ने कहा कि यूपी की बहुत सी स्कीम दुनिया के अंदर एक ब्रांड बन चुकी है। जैसे वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट। वहीं, ग्राम सचिवालय का कार्यक्रम, आकांक्षात्मक विकास खंड, जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना देश के अंदर काफी हाईलाइट हुई हैं। सभी इसके मॉडल को समझना चाहते हैं। साथ ही महिला अपराधों में सजा दिलाने के मामले में भी यूपी अव्वल है।

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[8:05 pm, 01/12/2023] Hod new: सपा सरकार में स्वास्थ्य सेवाओं में थी अराजकता, न डॉक्टर थे न दवा: सीएम योगी

 

- आज प्रदेश वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज की ओर बढ़ रहा 

 

- 2017 से पहले हर योजना चढ़ती थी भ्रष्टाचार की भेंट

 

लखनऊ, 1 दिसंबर: सीएम योगी ने नेता प्रतिपक्ष पर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर करारा हमला करते हुए कहा कि यूपी आज वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज की तरफ जा रहा है। पहले की तुलना में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने का कार्य किया गया है। 2017 से पहले स्वास्थ्य सेवाओं में अराजकता की स्थिति थी। उस दौरान न दवा थी और ना डॉक्टर थे। आज उसे काफी हद तक लाइनअप करने का कार्य हुआ है। सभी रिफॉर्म के परिणाम तेजी से सामने आएंगे। स्वास्थ्य से संबंधित हर योजना का लाभ प्रत्येक लाभार्थी को प्रदान करने का कार्य कर रहे है। इसी का परिणाम है कि भारत सरकार के आयुष्मान भव अभियान में यूपी को पहला स्थान मि…

[8:06 pm, 01/12/2023] Hod new: 2017 से पहले उत्तर प्रदेश के शहर गंदगी के पर्याय थे:सीएम योगी

 

बोले सीएम,रैपिड रेल के लिए समाजवादी सरकार ने एनओसी नहीं जारी की

 

1 दिसंबर, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में बोलते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष स्मार्ट सिटी की चर्चा कर रहे थे। अपने समय में इन्होंने कुछ नहीं किया। 2017 से पहले उत्तर प्रदेश के शहर गंदगी के पर्याय थे। कोई दीर्घकालीन नगरीय योजना इनके पास नहीं थी। मेट्रो और आरआरटीएस एक सपना था। यूपी में रैपिड रेल के लिए समाजवादी सरकार ने एनओसी नहीं जारी की। सेफ सिटी इनके लिए एक सपना था। उन्होंने कहा कि आज स्मार्ट सिटी में यूपी के शहर देश की रैंकिंग में स्थान बनाते हैं। स्वच्छता में रैंकिंग बनाते हैं। बहुत जल्द यूपी के 18 शहर सेफ सिटी घोषित होने वाले हैं। इसमें गृह विभाग, नगर विकास, प्राधिकरण और निजी क्षेत्र के सहयोग से कार्य हो रहा है।

 

सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, शाहजहांपुर नये नगर निगम इस सरकार में बने हैं। 113 नये नगर निकायों का गठन हुआ है। 10 स्मार्ट सिटी में आईसीसी क्रियाशील हो चुके हैं। शेष 8 में तेजी के साथ कार्य आगे बढ़ रहा है। 100 नगर निकायों और विकास खंडों को एस्प्रेशनल नगरीय योजना के तहत कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मेट्रो संचालन में काफी तेज गति से कार्य आगे बढ़ा है। कानपुर में सेकेंड फेज का कार्य तेज गति से चल रहा है। फरवरी में प्रायर्टी सेक्टर पर आगरा मेट्रो का संचालन करने में सफल हो जाएंगे।

 

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में आरआरटीएस प्रायर्टी सेक्टर का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने किया है। देश की पहली रैपिड रेल की शुरुआत होने जा रही है। 14 शहरों में ई-बस सेवा संचालित है। अन्य शहरों में भी इसकी डिमांड है। इस मॉडल को अन्य शहरों में विकसित करने जा रहे हैं। एयर क्वालिटी इंडेक्स को लेकर पूरी दुनिया में चिंता है। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने ई-व्हीकल पॉलिसी बनाई। इसमें एक लाख बसों को चिह्नित किया है। उन्हें ई-व्हीकल में बदलने की परियोजना पर कार्य हो रहा है।

 

विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत दो करोड़ युवाओं को देंगे टैबलेट और स्मार्टफोन

 

सीएम योगी ने साढ़े छः वर्ष में युवाओं के लिए उनकी सरकार ने क्या किया है इसकी भी जानकारी विधानसभा में दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अंदर स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत अबतक 20 लाख टैबलेट और स्मार्टफोन दे चुके हैं। दो करोड़ युवाओं को इस लक्ष्य की ओर ले जाने के लिए बजट की व्यवस्था कर रखी है। 50 इन्क्यूबेटर और 7200 स्टार्टअप प्रदेश में संचालित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सीएम इंटर्नशिप स्कीम के अंतर्गत 1 लाख युवाओं को विभिन्न उद्योगों में अपरेंटिसशिप में जोड़ा गया है। इसमें मानदेय के रूप में सरकार और उद्यम मिलकर योगदान देते हैं। इसके अलावा 150 राजकीय आईटीआई को टाटा के साथ जुड़कर प्रशिक्षण देने का कार्य हो रहा है।

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