मासूम बच्चे की हत्या के 42 दिन बाद भी मोतीगंज पुलिस हत्यारों का नहीं लगा सकी सुराग l
मासूम की हत्या जिले के पुलिस के लिए चुनौती।
गोण्डा। जिले के मोतीगंज थाना क्षेत्र में 42 दिन पूर्व हुई 11 वर्षीय मासूम की हत्या मोतीगंज पुलिस के लिए पहेली बन गई है। सुलझने की बजाय गुत्थी उलझती गई। तमाम प्रयास के बाद भी इस मामले में मोतीगंज पुलिस के हाथ 42 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक कोई महत्वपूर्ण सुराग नहीं लग सका है। वही पीड़ित परिवार अब पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल के कार्यालय पर पहुंचे और हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की है।
पूरा मामला मोतीगंज थाना क्षेत्र के बेलांवा अहिरन पुरवा से जुड़ा है। यहाँ का निवासी 11 वर्षीय मासूम बालक अरुण यादव बीते 19 अक्टूबर 2023 को संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया था,जिसका शव गांव से कुछ दूरी पर पूरब में स्थित मनवर नदी के पास 20 अक्टूबर 2023 क़ो मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि होने के बाद अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था। अरुण यादव की हत्या के आरोप में पुलिस ने कई लोगों को उठाया लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली ऐसे में घटना का पर्दाफाश नहीं हो सका। मृतक मासूम अरुण यादव के परिजनों द्वारा बताया जा रहा है कि बेटे की हत्या की गई है। बताया जाता है कि परिजनों ने पुलिस को अज्ञात में हत्या की तहरीर भी दी है लेकिन पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। वहीं इस मामले की विवेचना जारी है। मोतीगंज थानाक्षेत्र के मासूम अरुण यादव 19 अक्टूबर को घर के सामने खेलते हुए गायब हो गया था।परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी। उसके अगले दिन सुबह मासूम का शव मनवर नदी के पास बरामद हुआ था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि होने के बाद भी पुलिस हत्या का मकसद आज तक नहीं समझ पाई।एसओजी,क्राइम ब्रांच की स्वाट टीम और मोतीगंज पुलिस लगातार हत्या की गुत्थी को सुलझाने में लगी हुई है,लेकिन अब तक उसे सफलता नहीं मिल पाई। मोतीगंज महिला थाना प्रभारी निरीक्षक प्रतिभा सिंह ने बताया कि मासूम अरुण की मौत की वजह की तलाश जा रही है और अभी विवेचना चल रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी।वहीं मासूम की हत्या जिले के पुलिस के लिए चुनौती बन गई है।कई टीमें लगी हैं, लेकिन
अब तक वजह ही स्पष्ट नहीं हो पाई है। हत्यारे जो भी हैं बचेंगे नहीं। वहीं मासूम बेटे का शव मिलने से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। बताया जा रहा है कि अरुण सात बहन और चार भाई थे जिसमें तीन बड़ी बहन व एक बड़ा भाई है उसके बाद अरुण था तीन बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है जबकि अभी चार बहन वा छोटे-छोटे भाइयों की शादी होनी बाकी है। अरुण की मौत की खबर सुनकर घर में मातम छा गया था। बहनों छोटे भाइयों और मां जया देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। घटनास्थल पर मां बार-बार बेहोश हो जाती थी। बताया जाता है कि अरुण के पिता जगन्नाथ यादव लुधियाना में रहकर मेहनत मजदूरी का काम करते हैं और उसी से परिवार का पालन पोषण हो रहा है। लोगों ने बताया कि गांव के एक स्कूल में कक्षा 5 का अरुण छात्र था। लोगों ने बताया कि अरुण बहुत शांत व सरल स्वभाव का लड़का था उसने किसी का क्या बिगाड़ा था जो उसके साथ ऐसी निंदनीय घटना की गई। आखिर में कब मिलेगा मासूम को न्याय? पुलिस की टीम सुबह से लेकर शाम तक हत्या की वजह और हत्यारे का पता लगा रही है लेकिन कोई ठोस सबूत हाथ नही लग रहे है। वही घटना के 42 दिन बीत जाने के बाद मोतीगंज पुलिस के हाथ खाली हैं।
ब्यूरो चीफ गोंडा_प्रशांत मिश्राl
9451037631
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