विद्युत वितरण खण्ड चिनहट में अधिकारियों के चहेते निविदाकर्मियो पर जांच के बाद भी नही की गई कार्यवाही
llसंवाददाता विजय शंकर दुबेll
लखनऊ। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड अन्तगर्त चिनहट खण्ड निविदा कर्मियों का मालदार खण्ड बन गया है इसका अंदाजा आप इससे लगा सकते है
कि आज से लगभग 10 से 12 वर्ष पूर्व जो निविदाकर्मी चप्पल और फटी शर्ट पहन कर साईकिल से कार्यालय आते थे वह अब लग्जरी जीवन का आनंद ले रहे है साइकिल से चलने वाले निविदा कर्मचारी, जिनके नाम बरकत अली, पवन सिंह,शिवम शुक्ला सेक्टर 04 सर्वेश वर्मा सेक्टर 01 जैसे और भी कई निविदा कर्मी निगम को लगातार लाखों रूपये की चपत लगाते हैं और खुद अधिकारियों की सरपरस्ती में मलाई काट रहे है।
गौर करने वाली बात यह है कि जब ये निविदा कर्मी निगम में कार्य करने के लिए आए थे तब इनके पास चलने के लिए साईकिल थी और रहने का ठिकाना नहीं था 10 से 12 वर्षों बाद अब इनके पास मकान, गाड़ियां लाखों का बैंक बैलेंस हो चुका है जबकि इनका मासिक वेतन महज 10 से 12 हजार ही होता है जिसको एक भी गोपनीय फाइल देखने का अधिकार नहीं है वे निविदा कर्मी विद्युत बिलों में होने वाले राजस्व निर्धारण, लोड आवंटन, ओटीएस जैसे तमाम कमाऊ कार्यों की जिम्मेदारी मिली हुई है
यहां तक कि कुछ तो अधिकारियों को अपनी बात मनवाने के लिए किसी भी हद तक चले जाते हैं और अवैध उगाही करने के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण कर राजस्व को नुकसान पहुंचाते हैं और विभाग की महत्वपूर्ण से महत्वपूर्ण फाइल इन निविदाकर्मियो से होकर ही गुजरती है बिना इनकी मर्जी कोई फाइल पास नही होती यही नहीं सूत्रों से ये भी ज्ञात हुआ है कि इन निविदा कर्मियो के आवास पर भी कार्य कराने वालों का तांता लगा रहता है। अनगिनत शिकायतों के बाद भी हर अच्छे बुरे कार्य में यही निविदा कर्मचारी हर उस गलत कार्य को अंजाम देते हैं जो विभागीय नियमों के विरुद्ध हैं और शिकायत होने पर खण्ड के अधिकारीगण इनके बचाव में उतर आते हैं । लगातार शिकायतों को प्राप्त होने के उपरान्त तत्कालीन मुख्य अभियन्ता अनिल तिवारी ने कई बार जाँच कराई लेकिन जाँच का कोई भी परिणाम नहीं निकल सका और न ही भ्रष्ट निविदाकर्मियो पर शिकायत होने का कोई असर होता है। कई उपभोक्ताओं ने तो इन निविदाकर्मियो के चलते अपनी पत्नियों के गहने तक बेच डाले लेकिन इनका पेट नही भर पाए और आज भी मामले में जांच ही चल रही है
अभी हाल में पत्र संख्या 24429 अक्टूबर 2023 के अनुसार एक बार फिर से निविदा कर्मचारी बरकत अली व सहायक अभियन्ता पवन मिश्रा के खिलाफ
जॉच का आदेश हुआ, लेकिन यह जांच भी ठण्डे बस्ते में डाल दी गई है।
हाल ही में अध्यक्ष पावर कारपोरेशन द्वारा अट्रैक्टिव निर्माण कम्पनी को संयोजन देने व एम आई विल्डर को लोड घटाने से मना करने के कारण विधुत कटौती का बहाना बनाकर विद्युत आपूर्ति बाधित होने के कारण दूसरे डिस्कॉम फेकने के उपरान्त अपने इशारों पर नचाने वाले निविदाकर्मियो को अधिशाषी अभियन्ता ने कार्यभार संभालते ही ढक्कन कर दिया पूर्व अधिशाषी अभियंता के सबसे चहेते निविदा कर्मचारी बरकत अली,पवन सिंह,शिवम शुक्ला, सर्वेश वर्मा के पास कई महत्वपूर्ण फाइलें हैं और इनके द्वारा लगातार अनैतिक कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है
देखना दिलचस्प होगा कि विभाग गले तक भ्रष्टाचार में लिप्त निविदाकर्मियो पर कोई कार्यवाही करेगा या फिर ठडे बस्ते में जांच चलती रहेंगी।
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