वृन्दावन।गांधी मार्ग स्थित श्रीगीता आश्रम में प्रख्यात संत स्वामी गीतानंद महाराज "भिक्षु:" का 19 वां पुण्यतिथि महोत्सव अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम एवं विभिन्न धार्मिक आयोजनों के साथ मनाया गया।जिसका शुभारंभ महाराजश्री के चित्रपट के समक्ष वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण करके किया गया।तत्पश्चात संतों-महंतों व धर्माचार्यों ने अध्यात्म चिंतन के साथ महाराजश्री को नमन कर भावांजलि अर्पित की।साथ ही प्रमुख समाजसेवियों ने भी समाज और राष्ट्र हित में स्वामी गीतानंद महाराज "भिक्षु:" द्वारा किये गये कार्यों को याद कर उनसे प्रेरणा लेने पर जोर दिया।
इस अवसर पर आयोजित विराट श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. अवशेषानंद महाराज ने कहा कि हमारे सद्गुरुदेव स्वामी गीतानंद महाराज ने जीवन पर्यंत श्रीमद्भगवत गीता का प्रचार-प्रसार कर भक्तों को सद्मार्ग पर चलने का संदेश दिया।
महामंडलेश्वर गोविंदानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि महाराजश्री की भक्ति के साथ-साथ सेवा में विशेष रूचि थी।उन्होंने देश में किसी तरह की आपदा आयी हो या फिर सीमा पर युद्ध हो, हर समय अपने सरल ह्दय का दर्शन कराते हुए पीडित मानवता की सेवा में कोई कसर नहीं छोडी।
एनयूजेआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व ब्रज प्रेस क्लब के अध्यक्ष डॉ. कमलकांत उपमन्यु (एडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट) एवं ब्रज साहित्य सेवा मंडल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि गीतानंद महाराज ने गीता, वाणी और प्रवचन के माध्यम से लोगों में जनजाग्रति उत्पन्न की।साथ ही आध्यात्म के माध्यम से लोगों को जोडने का जो काम किया वो हमेशा स्मरणीय रहेगा।
श्रद्धांजलि सभा में पीपाद्वाराचार्य जगद्गुरु बाबा बलरामदास देवाचार्य महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी नवलगिरि महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी सुरेशानंद महाराज, महंत हरिबोल बाबा महाराज, प्रमुख समाजसेवी पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ, राधेलाल पाठक, डॉ. विनोद बनर्जी, पार्षद राधाकृष्ण पाठक, वरिष्ठ पत्रकार अनंत स्वरूप वाजपेयी "देशभक्त", डॉ. अनूप शर्मा, डॉ. राधाकांत शर्मा, महेश चंद्र शर्मा (गीता वाले), पण्डित छैलबिहारी शर्मा, पं. सुनील (अमेरिका), शांति, शांता, अनीता, कामिनी, राधाकृष्णा, देविका, राजकुमार तोमर, डॉ. विवेक प्रिय आर्य आदि ने भी अपने विचार व्यक्त कर पूज्य महाराजश्री को अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।संचालन रामजीवन शर्मा ने किया।महोत्सव का समापन संत-ब्रजवासी-वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।
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