जीएसटी काउंसिल के मंत्री समूह के संयोजक बने उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना

काउंसिल की बैठकों में दिए गए जरूरी सुझावों को देखते हुए मिली महत्वपूर्ण जिम्मेदारी 

लखनऊ, 3 नवंबर। राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश की बढ़ती साख के बीच प्रदेश को एक और उपलब्धि हासिल हुई है।  योगी सरकार में वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना को माल एवं सेवाओं पर कर की दरों में संशोधन के लिए जीएसटी काउंसिल द्वारा गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) में संयोजक नामित किया गया है। जीएसटी काउंसिल द्वारा जीओएम में आंशिक संशोधन करते हुए इसे पुनर्गठित किए जाने से संबंधित आदेश भी जारी कर दिया गया है। इसमें सुरेश खन्ना को अहम जिम्मेदारी प्रदान की गई है। काउंसिल की विभिन्न बैठकों में सुरेश खन्ना के द्वारा दिए गए जरूरी सुझावों को देखते हुए उन्हें संयोजक नामित किया गया है। इससे पहले कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई जीओएम के संयोजक थे। उल्लेखनीय है कि जीएसटी काउंसिल जनहित में समय-समय पर कर की दरों में संशोधन करता रहता है। इसके लिए मंत्री समूह का गठन किया गया है। 

पुनर्गठित जीओएम में सुरेश खन्ना संयोजक होंगे, जबकि गोवा के परिवहन मंत्री मॉविन गोडिन्हो, बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी, राजस्थान के शहरी विकास मंत्री शांति कुमार धारीवाल, पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रमा भट्टाचार्य,कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा और केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल सदस्य होंगे।

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परिवार आईडी के माध्यम से हो रही नए लाभार्थियों की पहचान

 

विभिन्न योजनाओं में लाखों नए लाभार्थियों को जोड़े जाने की प्रक्रिया पर हो रहा काम

 

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में नामांकन के लिए 28,000 सत्यापित पात्र लाभार्थी की सूची तैयार

 

नवंबर के अंत तक 2 लाख नए पेंशनभोगियों को एनएफएसए में शामिल करने का है लक्ष्य

 

22 लाख परिवारों की पहचान जहां 6-14 वर्ष की आयु का सिर्फ एक बच्चा ही जा रहा स्कूल

 

लखनऊ, 3 नवंबर। उत्तर प्रदेश में निवास करने वाले पात्र परिवारों को सरकार की योजनाओं से जोड़ने के लिए योगी सरकार ने महत्वाकांक्षी योजना 'फैमिली आईडीः एक परिवार एक पहचान'की शुरुआत की है। इस योजना के माध्यम से सरकार नए लाभार्थियों की पहचान कर पाने में सक्षम हो रही है। इसके तहत विभिन्न योजनाओं में लाखों नए लाभार्थियों को जोड़े जाने की प्रक्रिया पर कार्य किया जा रहा है। इनमें मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, विभिन्न पेंशन स्कीम के साथ ही विद्यालयों में आउट ऑफ स्कूल छात्रों को जोड़ने का कार्य प्रगति पर है। उल्लेखनीय है कि फैमिली आईडी का उद्देश्य अप्रयुक्त योजनाओं में पात्र लाभार्थियों की पहचान के माध्यम से योजनाओं का बेहतर कवरेज देना, डुप्लीकेट और फर्जी लाभार्थियों को हटाना और प्रमाण के बोझ को कम करके नागरिकों के लिए योजनाओं में आवेदन का सरलीकरण करना है।

 

अतिरिक्त लाभार्थियों को शामिल किए जाने की तैयारी

फैमिली आईडी के तहत प्राप्त डेटा के अनुसार मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में अतिरिक्त लाभार्थियों को शामिल किए जाने की तैयारी हो रही है। योजना के तहत संभावित लाभार्थियों की पहचान कर ली गई। इस योजना के तहत नामांकन के लिए 28,000 सत्यापित पात्र लाभार्थी की सूची तैयार है। वहीं 5 हजार से अधिक नए आवेदन भी प्राप्त हुए हैं। मालूम हो कि इसमें सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से लाभार्थी को कॉल किया जाता है और उसके बाद डीपीओ द्वारा जमीनी सत्यापन किया जाता है। इसी तरह एनएफएसए के तहत भी नए पेंशनभोगियों को शामिल किए जाने की योजना है। 16 लाख ऐसे लाभार्थी पाए गए हैं जो पेंशन (वृद्धावस्था/विधवा/विकलांगता) का लाभ उठा रहे हैं, लेकिन एनएफएसए से छूट गए हैं। नवंबर के अंत तक ऐसे 2 लाख पेंशनभोगियों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है।

 

आउट ऑफ स्कूल छात्रों का किया जा रहा नामांकन

यही नहीं, एनएफएसए का लाभ उठाने वाले वृद्ध नागरिकों को भी शामिल किए जाने की तैयारी है जो वृद्धावस्था पेंशन का हिस्सा नहीं है। इसके अंतर्गत 3.26 लाख एकल सदस्य परिवारों की पहचान की जा रही है जहां सदस्य वृद्धावस्था पेंशन का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से इन सभी संभावित लाभार्थियों को कॉल करने की योजना पर काम चल रहा है। इसके अतिरिक्त फैमिली आईडी के माध्यम से बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े विद्यालयों में स्कूल न जाने वाले संभावित छात्रों (6-14 वर्ष) को भी शामिल किया जाएगा। इसके तहत 22 लाख परिवारों की पहचान की गई है जहां 6-14 वर्ष की आयु के बीच का 1 बच्चा बेसिक शिक्षा में पढ़ रहा है, अन्य भाई-बहन आवश्यक सत्यापन और आउट ऑफ स्कूल के संभावित छात्रों का नामांकन नहीं है।

 

समेकित डेटाबेस के रूप में कार्य करेगा फैमिली आईडी

प्राप्त जानकारी के अनुसार 4.8 करोड़ लाभार्थियों को 13 विभागों की ओर से 42 योजनाओं और सेवाओं में फैमिली आईडी डेटाबेस में मैप किया गया है। यही नहीं, भारत सरकार की 4 योजनाओं के लाभार्थी डेटा को भी इससे जोड़ा गया। 4 अलग-अलग एनालिटिक्स उपयोग मामलों में संभावित नए लाभार्थियों की पहचान की गई है। इस योजना के लाभार्थियों में 3.61 करोड़ राशन कार्ड होल्डर परिवार पहले से ही एनएफएसए डेटाबेस का हिस्सा हैं। उनका राशन कार्ड नंबर ही उनकी फैमिली आईडी है। वहीं, नॉन राशन कार्ड होल्डर्स परिवारों के लिए फैमिली आईडी के तहत नामांकन करने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत 1.42 लाख आवेदन प्राप्त हुए,जिसमें से 55 हजार परिवार आईडी बनाई गई हैं।

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सतत ग्रामीण विकास को पारिस्थितिकी अनुकूल प्रौद्योगिकी जरूरी: मुख्यमंत्री

 

'पर्यावरण, प्रौद्योगिकी और सतत ग्रामीण विकास' विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन

 

यूरोप का विकास मॉडल यूपी के लिए भी कारगर हो, यह जरूरी नहीं

 

पर्यावरण संरक्षण के अनुकूल सतत विकास में नागरिक भागीदारी जरूरी

 

गोरखपुर, 3 नवंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के साथ सतत ग्रामीण विकास के लिए पारिस्थितिकी अनुकूल प्रौद्योगिकी को अपनाना जरूरी है। यह कोई आवश्यक नहीं यूरोप का कोई विकास मॉडल उत्तर प्रदेश के लिए भी कारगर हो। तकनीकी आज की आवश्यकता है, पर पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए प्राचीन देसी पद्धतियों से जोड़कर इसे आगे बढ़ाना होगा।

 

सीएम योगी शुक्रवार को दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 'पर्यावरण, प्रौद्योगिकी और सतत ग्रामीण विकास' विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन कर रहे थे। इसका आयोजन महाविद्यालय के भूगोल विभाग की तरफ से, भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के सहयोग से किया जा रहा है। बतौर मुख्य अतिथि उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण जल, भूमि, जीव-जंतुओं, पेड़-पौधों का समन्वित रूप है। यदि भूमि रहने लायक न रहे, जल पीने लायक न रहे, जीव-जंतुओं का अस्तित्व संकट में रहे तो प्रौद्योगिकी का क्या महत्व रहेगा। पर्यावरण से जुड़े मुद्दों को सरकार या संस्थानों के भरोसे छोड़ दिया जाता है। जैसे नगरों में कूड़ा प्रबंधन को नगरीय निकायों की जिम्मेदारी मान ली जाती है। जबकि यह नागरिक जिम्मेदारी ज्यादा है। साथ ही इसमें महत्वपूर्ण आयाम यह है कि इसमें प्रौद्योगिकी के योगदान को बेहतर कैसे बनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार और संस्थानों के साथ समाज की भी जिम्मेदारी है कि वह पर्यावरण की रक्षा के लिए आगे आए। उसके अनुकूल प्रौद्योगिकी अपनाए। इसके लिए नई प्रौद्योगिकी को देसी तकनीकी से जोड़कर जैव परिस्थिति के अनुकूल बनाकर अपनाना होगा।

 

भारतीय समाज प्राचीनकाल से ही पर्यावरण के लिए संवेदनशील

सीएम योगी ने कहा कि भारतीय समाज प्राचीनकाल से ही पर्यावरण के लिए संवेदनशील रहा है। भारतीय मनीषा ने पृथ्वी को माता की संज्ञा दी है और कोई भी पुत्र मां पर प्रहार स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने दुनिया के लिए सतत विकास लक्ष्य तय किए। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के साथ पर्यावरण को भी सम्मिलित किया गया। इन लक्ष्यों को 2030 तक प्राप्त करने को लेकर सभी देशों के प्रयास पर जोर दिया गया है।

 

महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य मॉडल को अपनाने पर जोर

मुख्यमंत्री ने आज के दौर में सतत ग्रामीण विकास के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य के मॉडल को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस मॉडल में सरकार पर निर्भर रहने की बजाय ग्रामीणों के पारस्परिक सहयोग से कूड़ा प्रबंधन से लेकर ग्रामीण जीवन के स्वावलंबन का विजन है। उन्होंने जल संचयन के लिए तालाबों के संरक्षण के प्राचीन पद्धति का उल्लेख करते हुए कहा कि गांवों में तालाब आदि का जल प्रदूषित होने से इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी सामने आई। इससे 40 वर्ष में करीब 50 हजार बच्चों की असामयिक मृत्यु हो गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के लिए नकारात्मक मॉडल से बचना होगा। सीएम ने कहा कि बैग लेकर जाने की बजाय पॉलीथिन में सामान लेकर आने की प्रवृत्ति से गंदगी, नाली जाम और गोवंश के बीमार होने की समस्या खड़ी हो रही है। पॉलीथिन वर्षों तक पर्यावरण के लिए चुनौती है।

 

नमामि गंगे परियोजना से कम हुआ नदी का प्रदूषण

मुख्यमंत्री ने जल प्रदूषण पर नियंत्रण और जल संरक्षण के लिए नमामि गंगे परियोजना और पंजाब के संत सींचेवाल मॉडल का भी विस्तार से उल्लेख किया। कहा कि 2016 में नमामि गंगे परियोजना लागू होने के बाद गंगा जल की शुद्धता, अविरलता और निर्मलता बढ़ी है। गांगेय डॉल्फिन जैसे जलीय जीव फिर से दिखाई दे रही हैं। गंगा नदी में स्नान करने से अब चकत्ते नहीं पड़ रहे हैं। कुल मिलाकर गंगा नदी का प्रदूषण काफी हद तक कम हुआ है। इसी तरह संत सींचेवाल के मॉडल से जल की शुद्धि का देसी और प्रभावी तरीका एक बार फिर सबके सामने आया है।

 

पराली संकट से गैस का चैंबर बनती जा रही है दिल्ली

पराली जलाने की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पांच-छह राज्यों को नोटिस जारी की है। पराली जलाने की समस्या से दिल्ली गैस का चैंबर बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में विकास व समय के अनुरूप तकनीकी न विकसित करने से पराली पर्यावरण और धरती की उर्वरा शक्ति के लिए खतरा बन गई। यदि कम्बाइन के साथ राइपर भी लगा दिया जाता तो पराली के छोटे-छोटे टुकड़े मिट्टी में ही सड़कर ग्रीन कम्पोस्ट बन जाते।

 

पीएम मोदी का लक्ष्य, 2070 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2070 तक भारत में जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। उनका स्वच्छ भारत मिशन भी पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता का प्रतीक है जिसमें ग्रामीणों को स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति आग्रही बनाया गया।

 

सतत विकास के लिए नवाचारों पर ध्यान देना होगा : प्रो पूनम टंडन

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो पूनम टंडन ने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों में समाज, देश दुनिया के लिए उपयोगी विषयों पर चर्चा होनी चाहिए। पर्यावरण, प्रौद्योगिकी और सतत विकास एक ऐसा ही उपयोगी विषय है। उन्होंने कहा कि रोज तेजी से बदल रही दुनिया में प्रौद्योगिकी एक दोधारी तलवार जैसी है। इसके फायदे हैं तो नुकसान भी। प्रौद्योगिकी से होने वाले नुकसान को कम करने व सतत विकास के लिए नवाचारों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। अच्छी बात यह है कि देश व प्रदेश में शासन की तरफ से नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

 

प्रौद्योगिकी और पर्यावरण के बीच अंतरसंबंध सुधारने की जरूरत : प्रो वीएन शर्मा

विशिष्ट अतिथि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रो वीएन शर्मा ने कहा कि प्रौद्योगिकी मानव निर्मित है, जबकि पर्यावरण जैव विविधता का भंडार होने के साथ स्वयं निर्मित है। प्रौद्योगिकी से पर्यावरण का संरक्षण होना चाहिए, न की इसका शोषण। प्रौद्योगिकी और पर्यावरण के सामंजस्य से होने वाला विकास सतत या टिकाऊ रहे, इसके लिए दोनों के बीच अंतरसंबंध को सुधारने पर भी लगातार ध्यान देना होगा।

 

दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ ओमप्रकाश सिंह ने स्वागत संबोधन के साथ राष्ट्रीय संगोष्ठी की प्रस्ताविकी प्रस्तुत की। इस अवसर पर सांसद रविकिशन शुक्ल, महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के पदाधिकारी एवं सदस्य, राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रतिभागी, शिक्षक व बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय संगोष्ठी की स्मारिका का विमोचन भी किया।

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चेहरा देख योजनाओं का लाभ देती थीं पूर्व की सरकारें : सीएम योगी

 

मुख्यमंत्री ने किया 271 करोड़ रुपये की लागत वाली 140 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास

 

भाजपा के क्षेत्रीय अनुसूचित वर्ग महासम्मेलन में बोले मुख्यमंत्री, मोदी सरकार में बिना भेदभाव मिल रहा योजनाओं का लाभ

 

जन कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों में अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों की बड़ी भागीदारी

 

पीएम मोदी के नेतृत्व में देश और प्रदेश में आया व्यापक परिवर्तन

 

गोरखपुर, 3 नवंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि 2014 के पूर्व की सरकारें जाति, मत, मजहब और चेहरा देखकर योजनाओं का लाभ देती थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में विकास की योजनाओं का लाभ हर गरीब, वंचित, दलित, महिला, नौजवान, अन्नदाता किसान को बिना भेदभाव के पूरी तत्परता से मिल रहा है। इन योजनाओं के लाभार्थियों में अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों की बड़ी भागीदारी है।

 

सीएम योगी शुक्रवार को 271 करोड़ रुपये की लागत वाली 140 विकास परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास समारोह व भाजपा के क्षेत्रीय अनुसूचित वर्ग महासम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। चंपा देवी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश, प्रदेश में व्यापक परिवर्तन आया है। हर व्यक्ति मत, पंथ, जाति, मजहब से ऊपर उठकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार और कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए पूरी तत्परता के साथ खड़ा है। यह अवसर बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का भी है। अभी 26 नवंबर की तिथि आएगी। इसी दिन बाबा साहब ने भारत के संविधान को लिखने का कार्य पूरा किया था। और, इस तिथि को प्रधानमंत्री ने संविधान दिवस के रूप में मनाना प्रारंभ किया। बाबा साहब के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करना हर भारतीय का दायित्व है।

 योगी ने कहा कि डॉ अंबेडकर के प्रति भावों को व्यक्त करने के लिए, उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को दुनिया के सामने लाने का सशक्त माध्यम प्रदान करने का काम पीएम मोदी ने ही किया। पीएम मोदी बाबा साहब से जुड़े पावन स्थलों को आने वाली पीढ़ी की प्रेरणा के लिए तीर्थ के रूप में स्थापित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में 15 नवंबर को जनजाति दिवस मनाने की भी बात कही।

 

गरीबों, वंचितों को योजनाओं का लाभ बाबा साहब के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन

अनुसूचित वर्ग के क्षेत्रीय महासम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की तरफ से गरीबों, वंचितों को योजनाओं का लाभ बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन के रूप में हैं। उन्होंने पीएम आवास समेत कई योजनाओं की उपलब्धियों का विस्तार से उल्लेख किया। बताया कि उत्तर प्रदेश में करीब साढ़े तीन करोड़ गरीबों को शौचालय मिले हैं जबकि देश के अंदर 10 करोड़ गरीबों को इस योजना का लाभ मिला है। इसी तरह यूपी में 15 करोड़ तथा देश मे 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है। उत्तर प्रदेश के अंदर एक करोड़ 75 लाख गरीबों को फ्री में रसोई गैस कनेक्शन मिले तो देश के अंदर यह संख्या 9 करोड़ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार  उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को दीपावली और होली में एक-एक फ्री गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने जा रही है।

 

पीएम स्वनिधि और स्वामित्व योजना से हो रहा गरीबों का उत्थान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम स्वनिधि योजना और स्वामित्व योजना को गरीबों का उत्थान करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि पीएम सम्मान निधि में सर्वाधिक लाभार्थी महिलाएं और अनुसूचित जाति के लोग हैं। यूपी में 14 लाख गरीबों को इस योजना से जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ है। इसी तरह प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना से जिसका जहां मकान है, जमीन का पट्टा उसके नाम दिया जा रहा है। योजना से 75 लाख गरीबों, जिनमें बड़ी संख्या अनुसूचित जाति के लोगों की है, को लाभ मिल चुका है। सरकार दिसंबर 2023 तक एक करोड़ 25 लाख गरीबों को योजना के साथ जोड़ने के लिए आगे बढ़ रही है।

 

परिवर्तन का माध्यम बनती हैं विकास की योजनाएं

271 करोड रुपये के विकास कार्यों की सौगात का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास की योजनाएं प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन लाने का माध्यम बनती हैं। जिन कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास हुआ है, वह पेयजल, सड़क, ड्रेनेज, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सभी बुनियादी जरूरतों से जुड़ी हैं।

 

इंसेफेलाइटिस से पीड़ितों में थी दलितों की सर्वाधिक संख्या

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस से प्रतिवर्ष 1200 से 1500 तक होने वाली मौतों का जिक्र करते हुए कहा कि पीड़ितों में सर्वाधिक संख्या अनुसूचित जाति और जनजाति के बच्चों की होती थी। आज डबल इंजन की सरकार ने इंसेफेलाइटिस को समाप्त कर बच्चों को जीने का अधिकार दिया है।

 

एससी युवाओं को विदेश तक पढ़ने को छात्रवृत्ति देगी सरकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार ने तय किया है हर जनपद में अनुसूचित जाति और जनजाति के बच्चों को अभ्युदय कोचिंग के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान किया जाएगा। कोई भी अपने आप को उपेक्षित महसूस नहीं कर पाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह निर्णय भी लिया है कि उच्च शिक्षा के लिए देश के किसी भी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय या दुनिया के किसी भी बड़े संस्थान में अनुसूचित जाति का युवा पढ़ने के लिए जाएगा तो सरकार उसे छात्रवृत्ति देगी। इसके लिए लखनऊ में बाबा साहब अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र के निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर आगे बढ़ रहा है।

 

दलित महापुरुषों को किया नमन, दिवाली व छठ की शुभकामनाएं भी दिया

अनुसूचित वर्ग के क्षेत्रीय महासम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महर्षि वाल्मीकि समेत प्राचीन, वैदिक, मध्य व आधुनिक काल के दलित महापुरुषों को नमन करने के साथ ही सभी लोगों को दीपावली व छठ पर्व की शुभकामनाएं भी दीं।

 

गरीबों का उत्थान करने वाली है मोदी-योगी सरकार : भूपेंद्र चौधरी

अनुसूचित वर्ग महासम्मेलन में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि गैर भाजपा सरकारों में भ्रष्टाचार का बोलबाला होता था। कांग्रेस गरीबी हटाओ का नारा लगाती थी लेकिन गरीबों को ही हटाने पर लग जाती थी। जबकि मोदी-योगी सरकार गरीबों का उत्थान करने वाली सरकार है। उन्होंने कहा कि 2017 के पहले उत्तर प्रदेश अराजकता की चपेट में था। दलितों के साथ शोषण, उत्पीड़न आम बात थी। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश विकास और जन कल्याण के कार्यों में अग्रणी है।

सम्मेलन को केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी, केंद्रीय आवास राज्यमंत्री कौशल किशोर, प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण, राज्यमंत्री विजयलक्ष्मी गौतम सांसद रविकिशन शुक्ल ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर सांसद बृजलाल, रमापति राम त्रिपाठी, जगदम्बिका पाल, कमलेश पासवान समेत गोरखपुर क्षेत्र के सांसदगण, विधायकगण, भाजपा अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र कनौजिया, भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय, प्रदेश, जिला इकाइयों के पदाधिकारियों व बड़ी संख्या में जनता की सहभागिता रही।

 

 भुलई भाई को सम्मानित किया मुख्यमंत्री ने

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वयोवृद्ध पूर्व विधायक भुलई भाई को सम्मानित किया। साथ ही उन्होंने आयुष्मान योजना, कृषि विभाग, पीएम आवास योजना, पीएम रोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, ओडीओपी योजना के लाभार्थियों को भी मंच पर सम्मानित किया।

 

89 विकास कार्यों का लोकार्पण व 51 का शिलान्यास किया सीएम ने

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को चंपा देवी पार्क मैदान से छह कार्यदायी संस्थाओं की 221.10 करोड़ रुपये की लागत से पूर्ण 89 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण तथा आठ कार्यदायी संस्थाओं की 49.48 करोड़ रुपये की लागत वाली 51 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया। लोकार्पित होने वाली विकास परियोजनाओं में सर्वाधिक संख्या उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) की रही। कुल 50 परियोजनाओं पर 184 करोड़ 90 लाख 36 हजार रुपये खर्च कर 50 ग्राम पंचायतों में घर-घर नल से शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। पेयजल की इन नई परियोजनाओं से पिपराइच, कैम्पियरगंज,

 गोरखपुर ग्रामीण, चिल्लूपार, खजनी, चौरीचौरा, बांसगांव विधानसभा क्षेत्रों के लोगों को नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा।

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बेटियों की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले की होगी रावण और जैसी दुर्गति: सीएम योगी

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नारी शक्ति वंदन सम्मेलन को संबोधित किया

 

बेटियों की सुरक्षा डबल इंजन की सरकार की पहली प्राथमिकता: सीएम

 

बोले सीएम- बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में ज्यादातर महिला शिक्षकों को करेंगे भर्ती

 

3 नवंबर, बलिया/लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बेटियों की सुरक्षा डबल इंजन की सरकार की पहली प्राथमिकता है। अगर बेटियों की सुरक्षा में किसी ने सेंध लगाने की कोशिश की तो उसकी दुर्गति रावण और कंस जैसी होगी। सीएम योगी ने कहा कि बेटी के प्रति अपने जवाबदही का निर्वहन करते हुए किस रूप में सरकार कार्य कर रही है मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना इसका बड़ा उदाहरण है। इस योजना के तहत अगले सत्र से हमारी सरकार 25 हजार रूपए देने जा रही है। यह पैसा छह चरणों में बेटियों के अभिभावकों को दिया जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत हमारी सरकार 51 हजार रूपये दे रही है।

 

सीएम योगी ने शुक्रवार को बांसडीह में विधानसभा क्षेत्र में आयोजित नारी शक्ति वंदन सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी सरकार दीपावली में गैस का एक सिलेंडर फ्री देगी। इससे प्रदेश की माताओं और बहनों को धुएं से मुक्ति मिलेगी और उनकी आंखों की रोशनी बनी रहेगी। सीएम योगी ने कहा कि 2026 में परिसीमन के बाद लोकसभा और विधानसभा चुनावों में देश की महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। विधानसभा और लोकसभा में महिलाओं की संख्या बढ़कर एक तिहाई हो जाएगी। इसके लिए हम सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आभारी हैं।

 

सीएम योगी ने कहा कि नारी की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन हमारी सरकार का लक्ष्य है। प्रदेश के पुलिस बल में 20 फीसदी महिला कार्मिकों की भर्ती को सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाया है। आने वाले समय में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में भी हम ज्यादातर महिला शिक्षकों को भर्ती करने की कार्रवाई को आगे बढ़ाने जा रहे हैं। उन्होंने कार्यक्रम में आई महिलाओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि आधी आबादी की सुरक्षा और सम्मान पर किसी भी प्रकार की आंच आए बगैर उन्हें आर्थिक स्वावलंबन की ओर अग्रसर करने के लिए डबल इंजन सरकार लगातार कार्य करती रहेगी।

 

सीएम योगी ने कहा कि आज हम सब एक नए भारत का दर्शन कर रहे हैं, जिसमें सुरक्षा, सम्मान और स्वाभिमान है। उन्होंने कहा कि आज हर गरीब को आवास, शौचालय, उज्ज्वला के तहत गैस कनेक्शन और पांच लाख रूपये का स्वास्थ्य बीमा का कवर दिया जा रहा है। सीएम योगी ने कहा कि विकास में अब किसी तरह की बाधा नहीं है। विकास की तमाम परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जल मार्ग का सबसे अच्छा माध्यम उत्तर प्रदेश में बलिया जिला बनने जा रहा है क्योंकि यह से एक तरफ से गंगा और दूसरी तरफ से सरयू जी से यह जनपद घिरा हुआ है। स्वाभाविक रूप से इसका लाभ आप सभी को अवश्य प्राप्त होगा।

 

सीएम योगी ने 129 करोड़ रुपये की 35 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण/ शिलान्यास किया। साथ ही विभिन्न विकास परियोजनाओं के महिला लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किया। कार्यक्रम में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण के राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी, सांसद वीरेन्द्र सिंह, रविन्द्र कुशवाहा, नीरज शेखर, शकलदीप राजभर, विधायक केतकी सिंह, पूर्व मंत्री उपेन्द्र तिवारी समेत भारी संख्या में माताएं और बहनें उपस्थित रहीं।

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एविएशन इंडस्ट्री का हब बनेगा उत्तर प्रदेश

 

यमुना क्षेत्र में लगेंगे बड़े उद्योग, पुर्जों के साथ ही जहाजों की भी होगी मैन्युफैक्चरिंग

 

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एक हजार एकड़ भूमि पर इसी माह लाई जाएगी स्कीम

 

भारतीय के साथ अमेरिका समेत कई विदेशी कंपनियां अपनी यूनिट लगाने के लिए उत्सुक

 

एविएशन इंडस्ट्री बनने से दूसरे देशों में नहीं करानी होगी विमानों की मरम्मत

 

लखनऊ, 3 नवंबर। योगी सरकार उत्तर प्रदेश को एविएशन इंडस्ट्री का हब बनाने की तैयारी कर रही है। जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नायल) के पास एक हजार एकड़ भूमि पर इसी माह स्कीम लाई जा सकती है। स्कीम के तहत यहां पर हवाई जहाज के कलपुर्जों के साथ-साथ पूरे हवाई जहाज की असेंबलिंग और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स की स्थापना की जाएगी। इसके लिए भारतीय कंपनियों के साथ-साथ अमेरिका समेत कई विदेशी कंपनियां भी अपनी यूनिट लगाने के लिए उत्सुक हैं। उल्लेखनीय है कि एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट यहां नायल बना रहा है। एविएशन मैन्युफैक्चरिंग हब बनने से यहां पर भारत ही नहीं बल्कि दूसरे देशों के विमानों की मरम्मत भी हो सकेगी। अभी तक भारत को दूसरे देशों में विमानों की मरम्मत करानी पड़ती है।

 

5-5 एकड़ की लगेंगी यूनिट्स

यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे फेज में 1365 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है। इसे मेंटीनेंस रिपेयर एंड ओवरहॉल (एमआरओ)व एविएशन हब के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लायल ने एविएशन हब बनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत एक हजार एकड़ पर इसकी स्थापना की जाएगी। इसमें 5-5 एकड़ की यूनिट्स लगेंगी, जबकि एंकर यूनिट के लिए कुछ बड़े साइज वाली लैंड भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए जल्द ही एविएशन मैन्युफैक्चरिंग स्कीम लाई जाएगी, जिसमें हवाई जहाज की असेंबलिंग, इंजन बनाने वाली कंपनियां, नोजल बनाने वाली कंपनियां और हवाई जहाज के अन्य इक्विपमेंट्स बनाने वाली कंपनियां अपनी यूनिट्स स्थापित करेंगी। उन्होंने बताया कि कई कंपनियां यहां आने को उत्सुक हैं। कई कंपनियों के साथ अमेरिकन एंबेसी के जरिए बातचीत और मीटिंग भी हो चुकी है।

 

विदेशी कंपनियों को मिलेगा एफडीआई पॉलिसी का लाभ

अरुणवीर सिंह ने बताया कि यूपी कैबिनेट ने हाल ही में एफडीआई पॉलिसी जारी की है, जिसका लाभ विदेशी कंपनियों को मिलेगा। एफडीआई पॉलिसी के तहत उन्हें 75 परसेंट लैंड सब्सिडी दी जाएगी। जबकि 100 करोड़ तक कैपिटल सब्सिडी, 10 साल तक 100 परसेंट स्टेट जीएसटी का रिइम्बर्समेंट और पेटेंटिंग, लोगों की ट्रेनिंग पर व स्किल अपग्रेडेशन पर सरकार 500 लोगों के लिए 5 हजार रुपए 7 साल तक प्रदान करेगी।  इसके अलावा बाहर के देशों से इक्विपमेंट लाने पर कस्टम में छूट दी जाएगी। उन्होंने बताया कि यह एविएशन हब और फॉरेन इन्वेस्टमेंट के लिए अनुकूल अवसर है। विदेशी कंपनियों के लिए भी रास्ता खुल गया है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट में एविएशन मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री विकसित करने के लिए लेआउट बनाने का काम पीडब्ल्यूसी को सौंप दिया गया है। इसका लेआउट बनते ही नायल बोर्ड की बैठक बुलाकर स्कीम लाने पर निर्णय लिया जाएगा। इसके आने से रोजगार के अथाह अवसर पैदा होंगे। साथ ही एविएशन मैन्युफैक्चरिंग और एमआरओ हब की जो कल्पना की गई है वो भी पूरी होगी।

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जापानी उद्योग जगत का उत्तर प्रदेश में निवेश का उत्साह भारत-जापान संबंधों को नई ऊंचाई देने वाला: मुख्यमंत्री

 

उत्तर प्रदेश में निवेश के नए प्रस्तावों को लेकर मुख्यमंत्री से जापानी व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल ने की भेंट

 

पीएम मोदी और शिंजो आबे के प्रगाढ़ संबंधों ने भारत-जापान के प्राचीन संबंधों को और मजबूती दी: मुख्यमंत्री

 

उत्तर प्रदेश की नीतियों और माहौल से प्रभावित है जापानी उद्योग जगत: जापानी राजदूत

 

कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में एस्कॉर्ट कुबोटा फार्म इंस्टिट्यूट की स्थापना का मिला प्रस्ताव

 

 

लखनऊ, 3 नवंबर: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हजारों करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिलने के बाद उत्तर प्रदेश में एक बार फिर जापानी निवेशकों ने नए औद्योगिक निवेश को लेकर रुचि दर्शायी है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी के नेतृत्व में जापानी उद्यमियों के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट कर नए प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया। विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत व जापान के संबंध सदा ही मैत्रीपूर्ण रहे हैं। दोनों देशों के बीच परस्पर सौहार्द और बढ़ते हुए द्विपक्षीय व्यापार तथा सर्वांगीण सहयोग विद्यमान हैं। दोनों देश बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं तथा समान सामाजिक-आर्थिक विकास की प्राथमिकताओं के साथ लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष एवं बहुलवादी प्रणालियों के साथ-साथ विश्व स्तरीय सामरिक दृष्टिकोण भी समान हैं।

 

भारत जापान के प्राचीन सांस्कृतिक संबंधों की चर्चा करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि बौद्ध धर्म के प्रसार के कारण भारत एवं जापान के बीच सदियों से मजबूत सांस्कृतिक संबंध रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय और जापानी लोगों के बीच एक मजबूत साझा पहचान सृजित हुई है। उत्तर प्रदेश में भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े अनेक आस्थास्थल हैं। कपिलवस्तु, सारनाथ, संकिसा, श्रावस्ती और कुशीनगर बौद्ध मतावलंबियों के लिए बड़े आस्था के केंद्र हैं। वाराणसी में जापान के सहयोग से निर्मित विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. शिंजो आबे के प्रगाढ़ संबंधों ने आधुनिक युग में भारत-जापान के राजनीतिक, आर्थिक और व्यावसायिक संबंधों की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

 

हर सेक्टर में निवेश के लिए यूपी में है अनुकूल अवसर

जापानी उद्यमियों से उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश की विस्तृत संभावनाओं पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जापानी कंपनियों के साथ सहयोग करने की इच्छुक है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कार्यरत् 07 प्रमुख कंपनियों (मित्सुई टेक्नोलॉजीज, होंडा मोटर्स, यामाहा मोटर्स, डेंसो, टोयोड्रंक, निसिन एबीसी लॉजिस्टिक्स, सेकिसुई डी.एल.जे.एम. मोल्डिंग) सहित 1,400 से अधिक जापानी कंपनियां भारत में संचालित हैं। जीआईएस-2023 के पार्टनर कंट्री के रूप में जापान का बड़ा सहयोग मिला। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार राज्य में तेजी से औद्योगिक पार्क, उत्कृष्टता केंद्र और अनुसंधान एवं विकास केंद्र विकसित कर रही है। ग्रेटर नोएडा में 750 एकड़ में विकसित जा रही इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप के अंतर्गत जापान इंडस्ट्रियल टाउनशिप सम्मिलित है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मेडिकल डिवाइस पार्क, फिल्म सिटी, टॉय पार्क, अपैरल पार्क, हैण्डीक्राफ्ट पार्क, लॉजिस्टिक हब इत्यादि यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट विकसित किए जा रहे हैं। अन्य परियोजनाओं में बरेली में मेगा फूड पार्क, उन्नाव में ट्रांस- गंगा सिटी, गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क, गोरखपुर में गारमेंट पार्क और डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर सम्मिलित हैं। इसके अतिरिक्त, हमारी सरकार 20 से अधिक सेक्टोरल नीतियों के साथ ही अपनी नई औद्योगिक नीति के अंतर्गत आकर्षक सब्सिडी प्रदान करती है। हमने अनेक सेक्टर्स के लिए विशेष नीतियां बनाई है, जैसे- इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर, बायो-फ्यूल, फूड प्रोसेसिंग, लॉजिस्टिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन, डेयरी, आदि। इन नीतियों में स्टाम्प ड्यूटी एवं इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में छूट, भूमि के मूल्य में छूट, पूंजीगत सब्सिडी, नेट एसजीएसटी का रिफंड आदि हमारे जापानी निवेशकों के लिए आकर्षक प्रोत्साहन हैं। इसके अलावा, प्रदेश सरकार ने फॉर्चून ग्लोबल 500 व फॉर्चून इण्डिया 500 कंपनियों के लिए प्रोत्साहन नीति भी घोषित की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य है और यहां बड़ा मानव संसाधन, कुशल श्रम बल और बड़ा उपभोक्ता बाजार उपलब्ध है। भारत की 'फ़ूड बास्केट के रूप में विख्यात, उत्तर प्रदेश में कृषि व खाद्य प्रसंस्करण एवं डेयरी सेक्टर्स में असीम अवसर हैं। वाराणसी सिल्क क्लस्टर सहित भारत के प्रमुख टेक्सटाइल केंद्रों का हब है। पर्यटन भी एक प्राथमिक सेक्टर है, जो उत्तर प्रदेश में निवेशकों के लिए एक अच्छा गंतव्य हो सकता है।

 

प्रभावित करता है उत्तर प्रदेश: हिरोशी सुजुकी

बैठक में जापानी दल का नेतृत्व कर रहे जापानी राजदूत हिरोशी सुज़ुकी ने उत्तर प्रदेश में उद्योग व्यापार के असीम अवसरों, इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में हो रहे कार्यों और मुख्यमंत्री के व्यक्तित्व की प्रशंसा की और कहा कि जापान के निवेशक यहां की नीतियों से उत्साहित हैं। निवेशकों का यह उत्साह भारत और जापान के मजबूत संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाना होगा। कुबोटा एग्रीकल्चरल मशीनरी इंडिया के चेयरमैन व एमडी, निखिल चंद्रा ने कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में एस्कॉर्ट कुबोटा फार्म इंस्टिट्यूट की स्थापना को लेकर अपनी रुचि जताई। विशेष बैठक में जापानी राजदूत के अतिरिक्त, जापानी दूतावास के  पॉलिटिकल काउंसलर केंतारो ओरिता, जापान इंटरनेशनल  को-ऑपरेशन एजेंसी के मुख्य प्रतिनिधि मित्सुनरी साइतो, जापान एक्सटर्नल ट्रेड संगठन के चीफ डायरेक्टर जनरल ताकाशी सुज़ुकी, जापान फाउंडेशन, नई दिल्ली के डायरेक्टर जनरल तोशीटोको कुरिहारा, जेसीसीआईआई के सेक्रेट्री जनरल केंजी सुगिनो, मित्सुबिशी  कारपोरेशन के चेयरमैन व एमडी यूजी तागुची, कुबोटा एग्रीकल्चरल मशीनरी इंडिया के चेयरमैन व एमडी, निखिल चंद्रा, ओएमसी पॉवर के सीईओ व एमडी रोहित चंद्रा, कॉगनवी इंडिया के एमडी मित्सुताका सेकिनो, होंडा कार इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट प्रेसीडेंट प्रवीण परांजपे सहित जापानी दूतावास के अनेक अधिकारी गण मौजूद रहे।

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