जौनपुर। बच्चे अपनी विरासत को भी बचाने की कोशिश करें: नीरजा माधव
जौनपुर। कायस्थ कल्याण समिति द्वारा अपने 33 वें चित्रगुप्त पूजनोत्सव व प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन मंगलम लान में किया गया। मुख्य अतिथि महामहिम राष्ट्रपति से सम्मानित डॉक्टर नीरजा माधव वरिष्ठ साहित्यकार एवं पूर्व निदेशकआकाशवाणी वाराणसी, विशिष्ट अतिथि डॉक्टर सुशील सिन्हा व डॉ विवेक श्रीवास्तव रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कायस्थ कल्याण समिति के अध्यक्ष दयाल सरन श्रीवास्तव द्वारा किया गया। अतिथियों का स्वागत समिति की महिला शाखा की अध्यक्ष डॉ मधुलिका अस्थाना, उपाध्यक्ष रोली श्रीवास्तव द्वारा स्वागत गीत से किया गया। कार्यक्रम में भगवान चित्रगुप्त एवं उनके पुत्रों की झांकी और छोट छोटे बच्चों द्वारा गायन एवं नृत्य आकर्षण का केंद्र रहे । मुख्य अतिथि डॉक्टर नीरजा माधव ने अपील किया कि बच्चों को आई ए० एस० पी० सी० एस० बनने की प्रेरणा दे। वह साफ्टवेयर इंजीनियर बन अपने जड़ों से दूर जा रहे हैं आज हमारे परिवार के बच्चे बाहर जाकर बस जा रहे हैं एवं माता-पिता को भी भूल जा रहे हैं, उनमें ऐसे संस्कार डाले जाए जो उन्हें अपने जड़ों से जुड़े रखें। बच्चे अपनी विरासत को भी बचाने की कोशिश करें। डॉक्टर सुशील सिन्हा विशिष्ट अतिथि ने अपने संबोधन में चित्रांश बन्धुओं से आपस में एकता का आह्वान किया।
कार्यक्रम में सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में चयनित छात्रों को प्रथम द्वितीय तृतीय एवं सांत्वना पुरस्कार वितरितत किया गया। कार्यक्रम के मध्य शिक्षक दिवस पर सम्मानित किए गए विशिष्ट शिक्षकों को यथा आरती श्रीवास्तव, उर्मिला श्रीवास्तव एवं सुजीत कुमार श्रीवास्तव को शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य के उपलक्ष में चित्रगुप्त सम्मान से सम्मानित किया गया। प्रीति श्रीवास्तव को राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित होने, चित्रांश परिवार की गरिमा बढ़ाने पर राज्य सरकार द्वारा विभिन्न पुरस्कार दिए जाने के कारण कायस्थ रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया गया।सम्मान के क्रम में जनपद में कार्यरत विभिन्न चित्रांश पत्रकारों को, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों राजेश कुमार श्रीवास्तव, विश्व प्रकाश श्रीवास्तव आदि को समिति द्वारा सम्मानित किया गया। आर० डी०श्रीवास्तव सुनील अस्थाना, प्रदीप अस्थाना, संरक्षक द्वय प्रदीप श्रीवास्तव डी० ओ०एव प्रदीप श्रीवास्तव द्वारा मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि को स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्रम देकर सम्मानित किया गया। वक्ताओं ने चित्रांश बंधुओ से एकता एवं आपसी समरसता बनाने का आह्वान किया ।
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