सनातन पंचाग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। अबकी बार यह गोपाष्टमी का पर्व 20 नवंबर 2023 सोमवार को मनाया जाएगा।
*🔹गोपाष्टमी पूजा विधि-:*
गोपाष्टमी के दिन गायों को नहला धूलाकर अच्छी तरह से श्रृंगार करें और उन्हें साफ-सूथरे तरीक से सजाएं. इसके साथ ही इस दिन घर पर तरह-तरह के पकवान बनाएं. इसके बाद गौ माता की पंचोपचार विधि से पूजन करते हुए उन्हें घर पर बने हुए पकवान को खिलाएं. अब गौ माता के पैरों की मिट्टी अपने मस्तक पर लगाएं. इसके बाद भगवान बांके बिहारी की पूजा करें. ऐसी मान्यता है कि इस दिन गौ माता की पूजा करने से जीवन में सुख शांति का आगमन होता है।
भवानी शंकर शास्त्री मुन्सरी भादरा
*🔹गोपाष्टमी का महत्व-:*
सनातन धर्म में गौ माता की पूजा की जाती है. गौ माता के इस पर्व को गोपाष्टमी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि गाय के अंदर सभी देवी, देवताओं का निवास होता है. इसलिए इन्हें गौ माता कहा जाता है. गोाष्टमी के दिन लोग गौ माता की पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो लोग गोपाष्टमी के दिन गौ माता और भगवान श्रीकृष्ण की विधि विधान से पूजा करते हैं, उनके जीवन में सभी प्रकार की सुख शांति समृद्धि बनी रहती है।
🔹 यदि आपके क्षेत्र में गोपाष्टमी पर्व मनाने की परंपरा नहीं है तो भी आप गोपाष्टमी के दिन गौशालाओं में जाकर गायों को अपने हाथ से चारा, गुड़, हरा चारा इत्यादि जरूर खिलाएं और भगवान श्री कृष्ण के मंत्र का जप करें-:
"ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने,
प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः"
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