जौनपुर। जिले भर में मिलावटी सामानों से पटा बाजार, नहीं होती कार्यवाही,जिम्मेदार उदासीन
जौनपुर। जिले में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक मिलावटी सामान की बिक्री धड़ल्ले से बिक रही है। विशेषकर पर्व व त्योहार के मौसम में मिलावटी सामान से बाजार पटा रहता है, लेकिन मिलावटी सामान और शुद्ध सामान में अंतर जानना ग्राहकों के लिए एक बड़ी समस्या है। ग्राहक भी अब मिलावटी सामान पर ध्यान देना छोड़ चुके हैं। बाजार में लगभग सभी खाद्य सामग्री में मिलावट है।
इधर खाद्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी धन वसूली में मशगूल बताए जा रहे हैं। इसके कारण विभिन्न स्तरों पर नमूना कलेक्शन व जांच में विलंब और परेशानी हो रही है, वहीं कार्रवाई में भी समय लग रहा है। इसके कारण मिलावट करने वालों निश्चित रहते हैं। मिलावटी वस्तु के सेवन से आम लोगों का जीवन संकट में है। कई तरह की बीमारियां केवल मिलावटी सामानों के सेवन से हो रही है। बाजार में मिलावटी सामान खुलेआम बिक रहा है। दुकानों पर किसी प्रकार की कोई भी प्रशासनिक शिकंजा नजर नहीं आ रहा है। बाजार में विभिन्न प्रकार के पैकों तथा खुदरा में सरसों तेल, डालडा, रिफाइन, घी, बेसन, सत्तू, मसाला के साथ ही चावल, आटा, दाल भी अब मिलावट करने वाले दुकानदारों के गिरफ्त में है। इधर सब्जी के आइटम में भी लोग पुराना आलू और प्याज में भी गड़बड़ी करने लगे हैं। पुराने आलू को नई बनाने के लिए विशेष प्रकार की मिट्टी से ट्रीट किया जा रहा है तो पुराने प्याज पर केमिकल का छिड़काव कर उसे ताजा बनाया जा रहा है। जो स्वास्थ्य के लिए घातक है। यही स्थिति कई हरी सब्जियों की भी है। सरसों तेल, डालडा, रिफाइन में पाम ऑयल व उसके एसेंस का उपयोग हो रहा है तो बेसन व सत्तू में भी मिलावट जारी है। घी में डालडा और पॉम ऑयल के साथ ही एसेंस मिलाया जा रहा है। मशाला में भूसी, बेंसन, चूर्ण, मिट्टी आदि का मिलावट के साथ ही उसके टेस्ट के अनुसार ही एसेंस मिलाया जा रहा है। जिससे ग्राहक को असली और नकली में अंतर पता ही नहीं चलता है। इधर, पर्व त्योहार के सीजन में मिठाई में भी मिलावट जारी है। बाजार में सिथेटिक बुंदिया के साथ ही खोआ और दूध में भी मिलावट जारी है।
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