भाई दूज (यम द्वितीया) पौराणिक कहानीभाई दूज मनाने के पीछे यम और यमुना से जुड़ी एक पौराणिक कहानी है।

सूर्यदेव के पुत्र यमराज और पुत्री यमुना में अतीव स्नेह था।यमराज जी व्यस्तता के कारण अपनी बहन यमुना से मिलने नहीं जा पाते थे,लेकिन यमुना ने आखिरकार उन्हें वचनबद्ध करके अपने घर आने के लिए राजी कर लिया।

कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यमराज अपनी बहन के घर पधारे।यमुना ने बड़े प्रेम के साथ अपने भाई का स्वागत किया ।जिसे देखकर यमराज बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने यमुना जी से वरदान मांगने को कहा।

यमुना जी ने कहा कि आप प्रतिवर्ष आज के दिन मुझसे मिलने आयेंगे और आज के दिन जो भी भाई बहन यमुना में स्नान कर आपकी पूजा करें उन्हें आप अभय प्रदान करें।

यमराज ने सहर्ष वरदान दिया और इसी तरह भाईदूज की परंपरा प्रारंभ हुई।

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