संस्कृति विभाग के अधीन अकादमियों एवं संस्थानों के वेतन एवं अन्य देयो के भुगतान हेतु वित्तीय स्वीकृतियॉ समय से जारी करे

निर्माणाधीन परियोजनाओं को निर्धारित समय में पूरा किया जाए

पर्यटन मंत्री ने संस्कृति विभाग की की समीक्षा

लखनऊ: 31 अक्टूबर, 2023
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने संस्कृति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि संस्कृति विभाग के अधीन आने वाले समस्त संस्थानों/अकादमियों के कर्मचारियों के वेतन आदि देयकों के भुगतान हेतु समय से वित्तीय स्वीकृतियॉ जारी करें। जिससे कोई कार्य धन के अभाव में बाधित न हो। उन्होंने वित्तीय पत्रावलियों का निस्तारण तीन दिन के अंदर करने को कहा है अन्यथा संबंधित अधिकारी/कर्मचारी का जवाबदेही तय करते हुए कठोर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने भुगतान से संबंधित वित्तीय स्वीकृति के एक प्रकरण में विलम्ब होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए संबंधित के खिलाफ जॉच करके अनुशासनिक कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
पर्यटन मंत्री आज यहां पर्यटन भवन में संस्कृति विभाग तथा उसके अधीन आने वाले समस्त अकादमियों एवं संस्थानों के कार्यकलापों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी संस्थान अपनी गतिविधियों से युवाओं तथा छात्रों को जोड़कर देश की गौरवशाली इतिहास एवं सांस्कृतिक विरासत से परिचित करायें ताकि युवा पीढ़ी अपनी विरासत पर गर्व कर सके। उन्होंने ललितकला अकादमी को महापुरूषों आदि की प्रतिमाओं को समय से तैयार कराने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी धन का समुचित उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने समसामयिक उपयोगिता के कार्यक्रमों से युवाओं को जोड़ने पर जोर दिया।
श्री जयवीर सिंह ने यह भी निर्देश दिये कि विभाग में पंजीकृत कलाकारों को कम से कम साल में तीन कार्यक्रम अवश्य आवंटित किया जाए। साथ ही विभाग की वेबसाइट पर पंजीकृत कलाकारों को ही कार्यक्रम आवंटित किया जाए। साथ ही कार्यक्रम से पूर्व 50 प्रतिशत मानदेय का भुगतान सुनिश्चित किया जाए। कार्यक्रम की समाप्ति पर शत-प्रतिशत समय से भुगतान किया जाए। उन्होंने कहा कि कलाकारों एवं लोक संगीत को संरक्षित एवं संवर्धित करने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि कलाकारों के पंजीकरण हेतु वेबसाइट को सालभर खुली रखी जाए।
पर्यटन मंत्री ने संस्कृति निदेशालय द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यों की गहन समीक्षा की। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्वीकृत परियोजनाओं को आगामी नवम्बर, दिसम्बर, 2023 तथा 31 मार्च, 2024 तक पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने जनपद गोरखपुर, फिरोजाबाद, मैनपुरी, बांदा, रायबरेली, चित्रकूट, आजमगढ़ की निर्माणाधीन योजनाओं को समय से पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जायेगा। कार्यदायी संस्थायंे स्पष्ट रूप से जान लें कि कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
श्री जयवीर सिंह ने लखनऊ में निर्माणाधीन डा0 भीमराव आम्बेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र के विकास कार्यों तथा सांस्कृतिक केन्द्र के संग्रहालय के अतिरिक्त कार्यों को अगले महीने तक पूरा करने को कहा। इसी प्रकार जनपद लखनऊ मंे लोक एवं जनजाति संग्रहालय का निर्माण कार्य अगले 31 अक्टूबर, 2024 तक पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अयोध्या शोध संस्थान अयोध्या में तुलसी स्मारक का नव निर्माण किये जाने को कहा। उन्हांेने पिछली बैठक में दिये गये निर्देशों के अनुपालन की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन तथा धर्मार्थ कार्य श्री मुकेश मेश्राम ने कार्यदायी संस्थाओं के परियोजना निदेशकों को चेतावनी देते हुए कहा कि निर्माण कार्यों को गुणवत्ता एवं समयबद्धता के साथ पूरा करें। अधोमानक सामग्री का उपयोग पाये जाने पर संबंधित कार्यदायी संस्था की जिम्मेदारी तय होगी। उन्होंने अकादमियों एवं संस्थानों के निदेशकों एवं प्रभारियों को भी निर्देश दिये कि अपनी गतिविधियों से युवाओं को जोड़े। साथ ही कैलेण्डर के अनुसार गतिविधियों का संचालन सुनिश्चित करंे।
इस अवसर पर विशेष सचिव संस्कृति श्री आर0के0 मिश्रा, लोक एवं जनजाति कला शोध संस्थान के निदेशक श्री अतुल द्विवेदी, निदेशक ललित अकादमी डा0 श्रद्धा शुक्ला के अलावा रेनू द्विवेदी पुरातत्व, रीनू रंग भारती तथा अमित अग्निहोत्री सहायक निदेशक संस्कृति विभाग व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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