मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय


लखनऊ : 31 अक्टूबर, 2023


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए :-

प्रदेश के प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 02 निःशुल्क एल0पी0जी0 सिलेण्डर रिफिल प्रदान किये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत


मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 02 निःशुल्क एल0पी0जी0 सिलेण्डर रिफिल प्रदान किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 के त्रैमास अक्टूबर-दिसम्बर, 2023 तथा जनवरी-मार्च, 2024 में लाभार्थियों को पूर्णतया निःशुल्क सिलेण्डर रिफिल का वितरण कराया जाएगा। योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा 2,312 करोड़ रुपये की धनराशि वर्ष में व्यय की जाएगी।
प्रदेश में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत 1.75 करोड़ परिवारों को इस योजना के तहत आच्छादित किया जाएगा। इनमें से प्रथम चरण में आधार प्रमाणित लाभार्थियों को निःशुल्क एल0पी0जी0 सिलेण्डर रिफिल का वितरण किया जाएगा। तदोपरान्त जैसे-जैसे लाभार्थियों के आधार प्रमाणित होते जाएंगे, उसी क्रम में उन्हें उक्त योजनान्तर्गत आच्छादित करते हुए निःशुल्क सिलेण्डर का वितरण किया जाएगा।
योजना के तहत सर्वप्रथम लाभार्थी अपने स्तर से प्रचलित उपभोक्ता दर के अनुसार भुगतान कर 14.2 कि0ग्रा0 का सिलेण्डर रिफिल प्राप्त करेगा, जिसके 05 दिन के उपरान्त योजनान्तर्गत दी जाने वाली सब्सिडी उसके आधार प्रमाणित खाते में ऑयल कम्पनियों द्वारा अन्तरित की जाएगी।
यह योजना प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत निर्गत होने वाले केवल 01 कनेक्शन पर लागू होगी। राज्य सरकार के उपरोक्त जनकल्याणकारी कदम से लाभार्थियों में स्वच्छ ईंधन के प्रयोग करने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। साथ ही, आर्थिक रूप से कमजोर लाभार्थियों को महंगाई से राहत मिलेगी एवं उन्हें आर्थिक सम्बल प्राप्त होगा।

---------
 
जनपद मिर्जापुर, सोनभद्र व महराजगंज में जनजातीय संग्रहालय की स्थापना के सम्बन्ध में


मंत्रिपरिषद ने जनजातीय संग्रहालय की स्थापना हेतु जनपद मिर्जापुर में ग्राम अतरैला पाण्डेय, तहसील मड़िहान में 4.046 हेक्टेयर भूमि, जनपद सोनभद्र में ग्राम मारकुण्डी, तहसील राबर्ट्सगंज में 2.828 हेक्टेयर भूमि तथा जनपद महराजगंज में ग्राम कुन्सेरवा, तहसील-नौतनवां में 0.506 हेक्टेयर भूमि जो अद्यतन संस्कृति विभाग, लखनऊ के पक्ष में आवंटित है को समाज कल्याण विभाग के अधीन संचालित ‘अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, उत्तर प्रदेश लखनऊ (टी0आर0आई0)’ के पक्ष में आवंटित किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश में 15 अनुसूचित जनजातियां सूचीबद्ध हैं, जो प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में निवासरत हैं। इनमें भौगोलिक असमानता के साथ-साथ रीति-रिवाज, रहन-सहन, खान-पान, कला इत्यादि क्षेत्रों में पर्याप्त विविधता पायी जाती है, जिसे संरक्षित किया जाना आवश्यक है। इसके दृष्टिगत जनजाति बाहुल्य जनपदों मिर्जापुर, सोनभद्र व महराजगंज में जनजातीय संग्रहालय स्थापित किया जाना है। प्रश्नगत जनजातीय संग्रहालयों की स्थापना हेतु सम्बन्धित जिलाधिकारियों द्वारा भूमि संस्कृति विभाग लखनऊ को आवंटित की गयी है।
जनजातीय मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिनांक 11 जुलाई, 2023 को सम्पन्न बैठक में म्यूजियम हेतु प्रस्तावित भूमि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, उत्तर प्रदेश लखनऊ (टी0आर0आई0) के पक्ष में हस्तान्तरित करने की कार्यवाही पूर्ण कर लिये जाने का निर्णय लिया गया है।
संस्कृति विभाग, लखनऊ द्वारा प्रश्नगत जनजातीय संग्रहालय की स्थापना हेतु संस्कृति विभाग के पक्ष में आवंटित भूमि को मंत्रिपरिषद के अनुमोदन से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, उत्तर प्रदेश लखनऊ के पक्ष में आवंटित कराये जाने हेतु अपनी अनापत्ति प्रदान की गयी है। प्रत्येक जनजातीय संग्रहालय की स्थापना हेतु जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा सामान्यतः 15 करोड़ रुपये तक की केन्द्रीय सहायता प्रदान की जाती है। जनजातीय संग्रहालय के निर्माण हेतु राज्य सरकार पर कोई व्ययभार नहीं पड़ेगा।
जनजातीय संग्रहालय में जनजातीय जीवन से जुड़ी हुई जानकारियों, सूचनाओं, फिल्मों, चित्रों आदि के प्रदर्शन हेतु एक आधुनिक डिजिटल थियेटर व प्रदर्शनी कक्ष का निर्माण किया जायेगा। जनजातीय संग्रहालय की स्थापना से जनजातियों के जीवन परिवेश व कला का संरक्षण, पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ ट्राइबल आउटलेट्स के माध्यम से जनजातियों द्वारा उत्पादित एवं निर्मित उत्पादों के विक्रय से उन्हें आर्थिक लाभ भी होगा एवं उनके आत्मसम्मान में वृद्धि होगी।

---------
 
प्रदेश की उचित दर दुकानां में इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन सहित ई-पॉस मशीनों की स्थापना व संचालन सम्बन्धी प्रस्ताव स्वीकृत


मंत्रिपरिषद ने प्रदेश की उचित दर दुकानां में इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन सहित ई-पॉस मशीनों की स्थापना व संचालन सम्बन्धी प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की व्यवस्था को नया आयाम प्रदान करते हुए प्रदेश की समस्त 79 हजार उचित दर दुकानों में नवीन एवं उन्नत ई-पॉस मशीनें जो ई-काँटें से लिंक रहेंगी की स्थापना व संचालन किये जाने हेतु सिस्टम इन्टीग्रेटर संस्थाओं का चयन खुली निविदा के माध्यम से किया गया है।
नवीन ई-पॉस मशीनें अद्यतन तकनीकी विशिष्टीकरण से युक्त हैं, जो 4-जी सिम से चलेंगी। यह मशीनें फिंगरप्रिन्ट एवं आईरिस स्कैनर से युक्त हैं। इन मशीनों से उचित दर विक्रेताओं को उनकी आमदनी बढ़ाने वाली अन्य कम्प्यूटरीकृत सेवाएं भी उपलब्ध करायी जा सकेंगी। इससे आमजनमानस स्थानीय स्तर पर लाभान्वित हो सकेगा।
भारत सरकार द्वारा इस व्यवस्था हेतु निर्धारित दर 21 रुपये प्रति कुन्तल के सापेक्ष प्रदेश में यह व्यवस्था अत्यधिक प्रतिस्पर्धी रेट 14.10 रुपये प्रति कुन्तल की दर से लागू की जाएगी, जो देशभर में भी न्यूनतम रेट हैं।
इस व्यवस्था से उन्नत ई-पॉस मशीनों के साथ-साथ ई-काँटें के लिंकेज से लाभार्थियों को पूर्ण मात्रा में खाद्यान्न का वितरण सुनिश्चित किया जा सकेगा एवं वितरण की मात्रा तत्काल ऑनलाइन विभागीय वेबसाइट पर प्रदर्शित भी होगी।
 वितरण के समय लाभार्थियों को प्राप्त होने वाले खाद्यान्न की पावती भी व्यवस्था में सुनिश्चित की गयी है। इससे प्राप्त होने वाले खाद्यान्न का एस0एम0एस0 राशन कार्डधारक के पंजीकृत मोबाइल पर सम्प्रेषित किया जाएगा। इस प्रकार वितरण प्रणाली अत्यन्त प्रभावी, लाभार्थीपरक एवं पारदर्शी हो सकेगी।

---------
 
फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट एवं फॉर्च्यून-500 कम्पनियों के निवेश हेतु प्रोत्साहन नीति-2023 स्वीकृत


मंत्रिपरिषद ने फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफ0डी0आई0) एवं फॉर्च्यून-500 कम्पनियों के निवेश हेतु प्रोत्साहन नीति-2023 को स्वीकृति प्रदान कर दी है। नीति का प्रमुख उद्देश्य प्रदेश में अधिकाधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ0डी0आई0) तथा विश्वस्तरीय कम्पनियों का निवेश आकर्षित करना है।
नीति के अंतर्गत फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट एवं फॉर्च्यून-500 कम्पनियों को कुछ विशिष्ट सुविधाएं/रियायतें/वित्तीय प्रोत्साहन प्रस्तावित किया गया है, जो इस प्रकार हैः-
1ण् पात्र परियोजनाओं को औद्योगिक विकास प्राधिकरणों की वर्तमान आवंटन दरों में रियायत करते हुए भूमि आवंटन किया जाएगा।
2ण् पात्र परियोजनाओं को भूमि की लागत को छोड़कर पात्र पूंजी निवेश (ई0सी0आई0) पर, गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद में पूंजी निवेश का 25 प्रतिशत, पश्चिमांचल (गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद को छोड़कर) एवं मध्यांचल में पात्र पूंजी निवेश का 30 प्रतिशत तथा बुन्देलखण्ड एवं पूर्वांचल में पात्र पूंजी निवेश का 35 प्रतिशत, पूंजीगत सब्सिडी 100 करोड़ रुपये की वार्षिक सीमा के अधीन 07 समान वार्षिक किस्तों में प्रदान की जाएगी।
3ण् इस योजना के अन्तर्गत पात्र परियोजनाओं को 100 प्रतिशत की दर से शुद्ध एस0जी0एस0टी0 प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी, जो (भूमि की लागत को छोड़ कर) पात्र पूंजी निवेश (ई0सी0आई0) की अधिकतम सीमा के बराबर होगी।
4ण् यदि कम्पनी को परिवर्तनीय कर ढांचे (इन्वर्टेड टैक्स स्ट्रक्चर) का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण वह आउटपुट टैक्स के भुगतान के लिए कैपिटल गुड्स पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आई0टी0सी0) का उपयोग करने में सक्षम नहीं है और न ही उसका रिफंड प्राप्त करने में सक्षम है, तो राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश जी0एस0टी0 अधिनियम, 2017 के अन्तर्गत इनपुट टैक्स क्रेडिट की स्वीकार्य सीमा तक, मानक निवेश अवधि के भीतर कैपिटल गुड्स पर भुगतान किए गए एस0जी0एस0टी0 इनपुट को वापस कर दिया जाएगा। कम्पनी को रिफण्ड की सीमा तक एस0जी0एस0टी0 क्रेडिट लेजर से इनपुट टैक्स क्रेडिट को रिवर्स करना होगा। यह रिफण्ड वाणिज्यिक उत्पादन की तिथि से 05 समान वार्षिक किश्तों में प्रदान किया जाएगा। इस प्रकरण में कम्पनी को शुद्ध एस0जी0एस0टी0 प्रतिपूर्ति देय नहीं होगी अर्थात् कम्पनी को शुद्ध एस0जी0एस0टी0 प्रतिपूर्ति अथवा कैपिटल गुड्स पर एस0जी0एस0टी0 रिफण्ड में से एक ही विकल्प पर विचार करना होगा।
5ण् उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 में प्राविधानित स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीकरण शुल्क में क्षेत्रवार छूट अनुमन्य होगी।
6ण् इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में 05 वर्षों के लिए 100 प्रतिशत छूट अनुमन्य होगी।
7ण् इस योजना के अनुसार प्रत्येक पात्र परियोजना हेतु उत्तर प्रदेश सरकार 05 वर्ष की अवधि में प्रति व्यक्ति प्रतिमाह 5,000 रुपये की सीमा तक अधिकतम 500 व्यक्तियों को प्रशिक्षित करने की लागत की प्रतिपूर्ति करेगी।
8ण् इकाई के परिसर में उत्प्रवाह उपचार संयंत्र (एफ्लुएण्ट ट्रीटमेण्ट प्लाण्ट) एवं कॉमन एफ्लुएण्ट ट्रीटमेण्ट प्लाण्ट स्थापित करने के लिए ऐसी सुविधा स्थापित करने की लागत का 50 प्रतिशत या 2.5 करोड़ रुपये, जो भी कम होगा, की पूंजीगत सब्सिडी एकमुश्त प्रदान की जाएगी। यह सब्सिडी इकाई के परिसर में उत्प्रवाह उपचार संयंत्र के संचालन के प्रारंभ होने पर एकमुश्त प्रदान की जाएगी।
9ण् पात्र परियोजना के परिसर की 10 कि0मी0 की परिधि में श्रमिकों के आवास/डॉरमिटरी एवं सम्बन्धित सामूहिक सुविधा के विकास की लागत का 10 प्रतिशत या 10 करोड़ रुपये, जो भी कम होगा, 07 समान वार्षिक किश्तों में प्रदान किया जाएगा।
10ण् अपने विद्यमान संयंत्रों को अपने अन्तरराष्ट्रीय अथवा डोमेस्टिक कार्यस्थलों से उत्तर प्रदेश में स्थानान्तरित करने वाली फर्मों को विनिर्माण उपकरणों के आयात पर अधिकतम 02 करोड़ रुपये प्रति इकाई तक की परिवहन लागत की 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी। यह प्रोत्साहन धनराशि वाणिज्यिक संचालन प्रारम्भ होने के उपरान्त एकमुश्त प्रदान की जाएगी।
11ण् पेटेण्ट पंजीकरण हेतु किए गए शुल्क-व्यय के 75 प्रतिशत की दर से एकमुश्त प्रतिपूर्ति एक किश्त में की जाएगी, जो घरेलू पेटेण्ट प्राप्त करने के लिए अधिकतम 10 लाख रुपये तथा अन्तरराष्ट्रीय पेटेण्ट प्राप्त करने के लिए अधिकतम 20 लाख रुपये की सीमा के अधीन होगी।

---------

जनपद रामपुर के पुराने मुर्तजा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (क्षेत्रफल 41,181 वर्गफुट) जिसमें जिला विद्यालय निरीक्षक रामपुर एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी रामपुर का कार्यालय अवस्थित था, को मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट रामपुर को 30 वर्ष की अवधि के लिए पट्टे पर आवंटित भवन/भूमि को वापस लेते हुए भवन/भूमि का स्वामित्व राज्य सरकार (माध्यमिक शिक्षा विभाग) में निहित किए जाने विषयक


मंत्रिपरिषद ने जनपद रामपुर के पुराने मुर्तजा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (क्षेत्रफल 41,181 वर्गफुट) जिसमें जिला विद्यालय निरीक्षक रामपुर एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी रामपुर का कार्यालय अवस्थित था, को मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट रामपुर को 30 वर्ष की अवधि के लिए 100 रुपये वार्षिक रेण्ट की दर से पट्टे पर आवंटित भवन/भूमि को वापस लेते हुए इस भवन/भूमि का स्वामित्व राज्य सरकार (माध्यमिक शिक्षा विभाग) में निहित किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि मंत्रिपरिषद के आदेश दिनांक 21 फरवरी, 2007 के अनुपालन में जनपद रामपुर के पुराने मुर्तजा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के जिस भाग में जिला विद्यालय निरीक्षक तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामपुर का कार्यालय स्थापित था, जिसका क्षेत्रफल 41,181 वर्ग फिट है, को शासनादेश दिनांक 17 सितम्बर, 2006 सपठित दिनांक 21 फरवरी, 2007 द्वारा मौलाना ‘मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट, रामपुर को 30 वर्ष की अवधि के लिए रुपया 100/-वार्षिक प्रीमियम की दर से पट्टे पर दिये जाने हेतु प्रस्ताव’ के स्थान पर ‘गर्वनमेंट ग्रान्ट एक्ट के प्राविधानानुसार मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट, रामपुर को 30 वर्ष की अवधि के लिए रुपया 100/-वार्षिक रेण्ट (किराया) की दर से पट्टे पर दिये जाने हेतु प्रस्ताव’ पर मंजूरी दी गयी थी।
मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को दी गयी भूमि/भवन से सम्बन्धित किये गये पट्टा विलेख की शर्तों का उल्लंघन के सम्बन्ध में जिलाधिकारी, रामपुर द्वारा गठित 04 सदस्यीय जाँच समिति की आख्या पर सम्यक विचारोपरान्त जनपद रामपुर के पुराने मुर्तजा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (क्षेत्रफल 41,181 वर्ग फुट) जिसमें जिला विद्यालय निरीक्षक, रामपुर एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी, रामपुर का कार्यालय अवस्थित था, को मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट रामपुर को 30 वर्ष की अवधि के लिए 100 रुपये वार्षिक रेण्ट (किराया) की दर से पट्टे पर आवंटित भवन/भूमि को वापस लेते हुए इस भवन/भूमि का स्वामित्व राज्य सरकार (माध्यमिक शिक्षा विभाग) में निहित किया गया है।

---------
 
प्रदेश स्तरीय इमरजेन्सी रिस्पॉन्स सिस्टम यू0पी0-112 परियोजना के द्वितीय चरण के क्रियान्वयन हेतु कॉन्ट्रेक्ट सेण्टर सर्विस प्रोवाइडर हेतु मेसर्स वी विन लि0 को तथा तकनीकी आर0एफ0पी0 हेतु मेसर्स भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि0 को एजेन्सी चयनित किये जाने का प्रस्ताव अनुमोदित


मंत्रिपरिषद ने प्रदेश स्तरीय इमरजेन्सी रिस्पॉन्स सिस्टम यू0पी0-112 परियोजना के द्वितीय चरण के क्रियान्वयन हेतु कॉन्ट्रेक्ट सेण्टर सर्विस प्रोवाइडर हेतु मेसर्स वी विन लि0 को तथा तकनीकी आर0एफ0पी0 हेतु मेसर्स भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि0 (बी0ई0एल0) को एजेन्सी चयनित किये जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश स्तरीय इमरजेन्सी रिस्पॉन्स सिस्टम (ई0आर0एस0एस0) यू0पी0-112 परियोजना के द्वितीय चरण के क्रियान्वयन हेतु टेक्नोलॉजी एण्ड कॉल सेण्टर मैनपावर के लिए एजेन्सी के चयन की कार्यवाही की जा रही है।
शासनादेश दिनांक 21 दिसम्बर, 2022 द्वारा यू0पी0-112 परियोजना के द्वितीय चरण के क्रियान्वयन सम्बन्धी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डी0पी0आर0) पर अनुमोदन प्रदान करते हुए पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया गया कि यू0पी0-112 के द्वितीय चरण के क्रियान्वयन हेतु गठित क्रय समिति द्वारा समस्त सुसंगत नियमों/शासनादेशां/विनियमों आदि के प्राविधानों का संज्ञान लेते हुए कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।
शासनादेश दिनांक 12 मई, 2023 द्वारा यू0पी0-112 परियोजना के द्वितीय चरण हेतु सेलेक्शन ऑफ मास्टर सिस्टम इण्टीग्रेटर (एम0एस0आई0) की आर0एफ0पी0 को तीन भागों (टेक्नोलॉजी आर0एफ0पी0, काल सेण्टर मैनपावर आर0एफ0पी0, ट्रेनिंग आर0एफ0पी0) में विकेन्द्रीकृत कर अलग-अलग बिड कराये जाने के आदेश निर्गत किये गये।
निगोसिएशन के उपरान्त भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड ने अपने पत्र दिनांक 29 सितम्बर, 2023 द्वारा अन्तिम बिड मूल्य 5,25,00,00,000 रुपये का ऑफर किया गया, इस हेतु जेम पोर्टल पर अतिरिक्त निगोसिएशन विण्डो उपलब्ध करायी गयी। भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड का कोटेड बिड मूल्य सबसे कम होने के कारण क्रय समिति द्वारा एल-1 का अनुमोदन किया गया। कॉन्ट्रेक्ट सेण्टर सर्विस प्रोवाइडर (सी0सी0एस0पी0) के सम्बन्ध में तीन बिड (वी विन लिमिटेड, जिकित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड एवं टेक महिन्द्रा लिमिटेड) प्राप्त हुई, जिसमें वित्तीय भाव पत्र खोलने पर वी विन लिमिटेड का कोटेड कॉन्ट्रेक्ट मूल्य 72,42,00,000 रुपये सबसे कम होने के कारण क्रय समिति द्वारा एल-1 का अनुमोदन किया गया।
यूपी-112 परियोजना के द्वितीय चरण के क्रियान्वयन हेतु प्राप्त एल-1 विण्डों के अनुमोदन के सम्बन्ध में मुख्य सचिव, उ0प्र0 की अध्यक्षता में सम्पन्न प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग ग्रुप की बैठक दिनांक 30 अक्टूबर, 2023 में कॉन्ट्रेक्ट सर्विस प्रोवाइडर हेतु एल-1 पायी गयी, एम0/एस0 वी0 विन लिमिटेड को तथा सिस्टम इण्टीग्रेटर के चयन के लिए अन्तिम बिड मूल्य के आधार पर मेसर्स भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बी0ई0एल0) की स्वीकृति प्रदान करने हेतु तथा ट्रेनिंग के सम्बन्ध में एल-1 पायी गयी मेसर्स वी इन्सपायर फैसेलिटी मैनेजमेण्ट प्रा0लि0 कम्पनी का चयन न करते हुए बल्कि मुख्यालय यू0पी0-112 के स्तर से ट्रेनिंग की कार्यवाही सम्पन्न कराये जाने की संस्तुति की गई।

---------

जनपद वाराणसी के थाना शिवपुर, जनपद गाजियाबाद के थाना टीलामोड़, जनपद फिरोजाबाद के थाना दक्षिण, जनपद आगरा के थाना शाहगंज, जनपद गोरखपुर के कैम्पियरगंज में अग्निशमन केन्द्र, जनपद मथुरा के थाना वृन्दावन में नवीन थाना जैत एवं जनपद लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर-4 में माडर्न थाने के प्रशासनिक/आवासीय भवनों के निर्माण हेतु भूमि कम होने के कारण अतिरिक्त मंजिल बढ़ाये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत


मंत्रिपरिषद ने जनपद वाराणसी के थाना शिवपुर, जनपद गाजियाबाद के थाना टीलामोड़, जनपद फिरोजाबाद के थाना दक्षिण, जनपद आगरा के थाना शाहगंज, जनपद गोरखपुर के कैम्पियरगंज में अग्निशमन केन्द्र, जनपद मथुरा के थाना वृन्दावन में नवीन थाना जैत एवं जनपद लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर-4 में माडर्न थाने के प्रशासनिक/आवासीय भवनों के निर्माण हेतु भूमि कम होने के कारण अतिरिक्त मंजिल बढ़ाये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। साथ ही, मंत्रिपरिषद ने पुलिस विभाग की आवश्यकता के दृष्टिगत भविष्य में निर्मित होने वाले थानों तथा जनपदीय/परिक्षेत्रीय साइबर थानों एवं पुलिस विभाग के अन्य भवनों हेतु उपलब्ध भूमि कम होने की स्थिति में मानकीकृत क्षेत्रफल के अनुसार अतिरिक्त मंजिल बढ़ाये जाने तथा ले-आउट प्लान एवं फ्लोर प्लान अनुमोदित किये जाने का अधिकार विभागीय मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री जी को प्रतिनिधानित किये जाने के प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया है।
इस निर्णय से भूमि कम होने की दशा में वर्टिकल निर्माण कराकर पुलिस विभाग की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है, जिससे पुलिसकर्मियों की समस्याओं का समाधान करते हुए वर्तमान चुनौतियों का बेहतर तरीके से सामना करने हेतु एक मजबूत आधारभूत संरचना उपलब्ध करायी जा सकेगी।

---------
 
माँ पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय गोण्डा, माँ विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय मिर्जापुर तथा उ0प्र0 राज्य विश्वविद्यालय मुरादाबाद की स्थापना हेतु उ0प्र0 राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 में संशोधन के सम्बन्ध में


मंत्रिपरिषद ने माँ पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय गोण्डा, माँ विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय मिर्जापुर तथा उ0प्र0 राज्य विश्वविद्यालय मुरादाबाद स्थापित किये जाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा-4, धारा-50 एवं धारा-52 तथा अधिनियम की अनुसूची-5 में संशोधन किये जाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश-2023 के प्रख्यापन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।

---------
 
नये शहरों का समग्र एवं समुचित विकास योजना के तहत 06 प्राधिकरणों/उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद को भूमि अर्जन पर सीड कैपिटल के रूप में वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रथम किस्त की 1,580 करोड़ रु0 की धनराशि की स्वीकृति एवं व्यय का प्रस्ताव अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/नये शहर प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत नये शहरों का समग्र एवं समुचित विकास योजना के तहत 06 प्राधिकरणों/उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद को भूमि अर्जन पर सीड कैपिटल के रूप में वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रथम किस्त की 1,580 करोड़ रुपये की धनराशि की स्वीकृति एवं व्यय के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
इसके तहत अयोध्या विकास प्राधिकरण को 30 करोड़ रुपये, मेरठ विकास प्राधिकरण को 200 करोड़ रुपये, आगरा विकास प्राधिकरण को 150 करोड़ रुपये, मुरादाबाद विकास प्राधिकरण को 200 करोड़ रुपये, उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद को 400 करोड़ रुपये, वाराणसी विकास प्राधिकरण को 400 करोड़ रुपये तथा कानपुर विकास प्राधिकरण को न्यू कानपुर सिटी योजना के लिए 150 करोड़ रुपये तथा विनगवां आवासीय योजना के लिए 50 करोड़ रुपये प्रथम किस्त की धनराशि सीड कैपिटल के रूप में आवंटित किया जाना प्रस्तावित है।
प्राधिकरणों/उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद द्वारा भूमि क्रय के सम्बन्ध में शासन द्वारा समय-समय पर निर्गत किये गये शासनादेशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। प्राधिकरणों/उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद को अवमुक्त सीड कैपिटल की द्वितीय किस्त की धनराशि तभी अवमुक्त की जाएगी, जब सम्बन्धित अभिकरणों द्वारा इस आशय का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा कि उनके द्वारा सीड कैपिटल की प्रथम किस्त की धनराशि के समतुल्य मैचिंग धनराशि की व्यवस्था करते हुए भूमि क्रय में व्यय कर ली गयी है। धनराशि के आवंटन में भविष्य में किसी संशोधन/परिमार्जन की आवश्यकता होने की स्थिति में मंत्रिपरिषद द्वारा इसके लिए मुख्यमंत्री जी को अधिकृत कर दिया गया है।
ज्ञातव्य है कि नगरीय क्षेत्रों में सुनियोजित व सुव्यवस्थित विकास के साथ-साथ नगरीय जनसंख्या को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने हेतु मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/नये शहर प्रोत्साहन योजना लागू है। इस योजना के अन्तर्गत नये शहरों के समग्र एवं समुचित विकास के लिए 06 अप्रैल, 2023 के शासनादेश द्वारा दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं।
योजना के अन्तर्गत भूमि अर्जन में आने वाले व्यय का 50 प्रतिशत तक राज्य सरकार द्वारा सीड कैपिटल के रूप में अधिकतम 20 वर्ष की अवधि के लिए दिये जाने का प्राविधान है। नये शहरों का समग्र एवं समुचित विकास मद में वित्तीय वर्ष 2023-24 में 03 हजार करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था उपलब्ध है। इस प्राविधानित धनराशि के सापेक्ष 1,580 करोड़ रुपये 06 प्राधिकरणों/उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद को आवंटित किया जाना प्रस्तावित है।

---------
 
उ0प्र0 में निजी क्षेत्र के अन्तर्गत एस0के0एस0 इण्टरनेशनल विश्वविद्यालय, मथुरा, उ0प्र0 की स्थापना के सम्बन्ध में


मंत्रिपरिषद ने एस0के0एस0 इण्टरनेशनल विश्वविद्यालय, मथुरा, उत्तर प्रदेश की स्थापना के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (सातवां संशोधन) अध्यादेश, 2023 को प्रख्यापित किये जाने तथा उसके प्रतिस्थानीय विधेयक के आलेख्य पर विभागीय मंत्री का अनुमोदन प्राप्त कर उसे राज्य विधान मण्डल में पुरःस्थापित/पारित कराये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा प्रदान करने हेतु नये निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना करने और विद्यमान निजी विश्वविद्यालयों को निगमित करने तथा उनके कृत्यों को विनियमित करने और उससे सम्बन्धित या आनुषंगिक विषयों की व्यवस्था करने के लिए ‘उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019’ (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या-12 सन् 2019) विधायी अनुभाग-01 की अधिसूचना दिनांक 06 अगस्त, 2019 द्वारा प्रख्यापित किया गया है। उच्च शिक्षा विभाग की दिनांक 30 अगस्त, 2019 की अधिसूचना द्वारा इस अधिनियम को दिनांक 01 सितम्बर, 2019 से प्रवर्तित किया गया है।
प्रायोजक संस्था को निर्गत किये गये आशय-पत्र के सम्बन्ध में धारा-6 की उप धारा-2 में धारा-3 में विनिर्दिष्ट अपेक्षाओं और शर्तों को पूर्ण करने और राज्य सरकार को उसकी अनुपालन आख्या शपथ पत्र के साथ आशय पत्र जारी किए जाने के दिनांक से अधिकतम 02 वर्ष की अवधि के भीतर प्रस्तुत किये जाने तथा उप धारा (3) में धारा-3 के उपबन्धों का अनुपालन करने में विफल रहने पर जारी किये गये आशय पत्र को वापस लेने की शक्ति राज्य सरकार में निहित है।
उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 की धारा-7 की उप धारा-(1) में नये विश्वविद्यालय की स्थापना अथवा निगमन के प्राविधान के अन्तर्गत गजट में प्रकाशित अधिसूचना द्वारा विश्वविद्यालय के संचालन की अनुज्ञा दिये जाने तथा उप धारा-2 में अधिनियम के अधीन स्थापित किये जाने वाले नये विश्वविद्यालयों के नाम इस अधिनियम में संशोधन करके अनुसूची में सम्मिलित किये जाने का उल्लेख है। उप धारा-3 में अधिनियम के साथ संलग्न अनुसूची-2 में अंतिम विश्वविद्यालय के नीचे अगले क्रमांक पर नये विश्वविद्यालय का नाम रखे जाने का प्राविधान है।
प्रस्तावित एस0के0एस0 इण्टरनेशनल विश्वविद्यालय, मथुरा, उत्तर प्रदेश की स्थापना किये जाने के सम्बन्ध में ‘उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019’ में संशोधन किये जाने हेतु ‘उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (सातवां संशोधन) अध्यादेश, 2023’ को प्रख्यापित कराये जाने एवं तत्पश्चात संचालन प्राधिकार पत्र निर्गत किय जाने का प्रस्ताव है।

---------

जनपद कुशीनगर में नवीन जिला कारागार की सम्पूर्ण प्रायोजना लागत 22831.52 लाख रु0 अनुमोदित


मंत्रिपरिषद ने जनपद कुशीनगर में नवीन जिला कारागार के निर्माण कार्य की सम्पूर्ण प्रायोजना की व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदित लागत 22831.52 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति को अनुमोदित कर दिया है।
---------

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने