भारत //आज विजया दशमी का पावन पर्व है ।इस पर्व पर तीन प्रमुख कृत्य किए जाते हैं अपराजिता पूजन,शमी पूजन और सीमोल्लंघन ।
इस पर्व पर अपने निवास के उत्तर पूर्व दिशा में जाकर एक स्वच्छ स्थान पर गोबर से लीप कर चन्दन से अष्टकोणीय आकृति बनानी चाहिए ।उसके बाद मम सकुटुम्बस्य क्षेमसिद्ध्यर्थम् अपराजिता पूजनं करिष्ये इस संकल्प के साथ उस अष्टकोणीय आकृति के मध्य अपराजिता का आवाहन करना चाहिए और उनके दांए बांए जया और विजया का आवाहन करना चाहिए । इसके बाद धूप दीप और नैवेद्य से तीनों का षोडशोपचार पूजन करना चाहिए ।
ॐ अपराजितायै नमः,जयायै नमः,विजयाये नमः इन मन्त्रों के साथ पूजन करके प्रार्थना करनी चाहिए हे देवी मैंने जो पूजन अपनी रक्षा और कल्याण के लिए की है उसे स्वीकार कीजिए । इसके बाद उत्तर पूर्व दिशा में जाकर शमी वृक्ष की पूजा करनी चाहिए । अपनी विजय की कामना से इस प्रकार प्रार्थना करनी चाहिए
शमी शमयते पापं शमी लोहितकण्टका । धारिण्यर्जुनवाणानां रामस्य प्रियवादिनी ।।करिष्यमाण यात्रायां यथासुखकृतं मया । तत्र निर्विघ्न कर्त्री त्वं भव श्रीरामपूजिते ।। शमी पूजन के पश्चात् अपने ग्राम या नगर की सीमा से बाहर जाकर सीमोल्लंघन सम्पन्न करना चाहिए । यह पर्व नवान्न पूजन और विजयार्थ प्रयाण के उत्सव के रूप में मनाया जाता रहा है ।कुछ विद्वान् नवरात्र के पश्चात् दशवें दिन के इस पर्व को दुर्गोत्सव से जोड़कर इसे दशहरा कहते हैं ।
इस दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन शुभ माना जाता है । तिथितत्व में किसी पवित्र गोशाला के समीप खंजन पक्षी का दर्शन शुभ बताया गया है ।उसे देखकर यह प्रार्थना करनी चाहिए
नीलग्रीव शुभग्रीव सर्वकामफलप्रद । पृथिव्यामवतीर्णोsसि खंजरीट नमोस्तुते ।।
इस पर्व पर रावण के पुतले को जलाने की भी प्रथा है ।यह कार्य प्रतिवर्ष होने से यह संकेत मिलता है कि रावण भिन्न-भिन्न रूपों में आज भी विद्यमान है ।चाहे वह अपने अनेक मुखों से पर्यावरण को प्रदूषित करने वाला रावण हो अथवा काम,क्रोध,मद,मोह,लोभ, ईर्ष्या,मत्सर,असूया, द्रोह और पिशुनता के रूप में दस विकार रूपी मुखों को धारण करने वाला रावण हो , संसृति के लिए खतरा है । अतः हमें ऐसे रावणों और समाज में विघटन की कोशिश करने वाले रावणों से सावधान रहना चाहिए और इनके शमन की दिशा में सकारात्मक प्रयत्न करना चाहिए ।
अनृत पर ऋत विजय रूप विजया दशमी के इस पुनीत पर्व पर सभी आत्मीय जनों, मित्रों और देशवासियों को हार्दिक बधाई एवं अनन्त शुभकामनाएं ।
उमेश चन्द्र तिवारी
9129813351
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