🔰 आइए जानते है दोनों महान विभूतियों के बारे में जिनका जीवन देश और किसानों के लिए हमेशा समर्पित रहा 🔰


       📝 जितेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ - औरैया 📝


            - : राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी :-

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी का नाम भला कौन नहीं जानता है राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जिनका पूरा नाम मोहनदास करमचन्द्र गाँधी था उनका जन्म २ अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबन्दर में हुआ था जिसे गाँधी जयन्ती के रूप में मनाया जाता है जयन्ती हर वर्ष 2 अक्टूबर को भारत ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व में मनाई जाती है अहिंसा के मार्ग पर चलकर गाँधी जी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाई थी महात्मा गाँधी जी आजादी के आंदोलन के एक ऐसे नेता थे जिन्होंने अंहिसा के मार्ग पर चलते हुए अंग्रेज शासकों की नाक में दम कर दिया था उन्होंने अहिंसक तरीके से ना केवल ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आवाज उठाई बल्कि कई आंदोलनों की अगुवाई भी की अपने इस अहिंसक आंदोलन के लिए गाँधी जी को अन्तरराष्ट्रीय स्तर तक ख्याति प्राप्त हुई गाँधी जी हमेशा समान अधिकारों की वकालत करते थे गाँधी जी ने अपना पूरा जीवन आजादी की लड़ाई के लिए लगा दिया था उनके अहिंसा के सिद्धांत की आज भी दुनियाभर में मिसाल दी जाती है गाँधी जी कहते थे आजादी का कोई मतलब नहीं यदि इसमें गलती करने की आजादी शामिल न हो गाँधी जी का सपना था कि समाज में रहने वाले हर शख्स को अपनी जाति, धर्म एवं रंग रूप के अलावा सामाजिक दर्जा ही नहीं बल्कि समान अधिकार भी मिलने चाहिए नस्लीय भेदभाव के शिकार गाँधी जी की सादगी और सरलता की दुनिया कायल थी अहिंसा को परम धर्म मानने वाले गाँधी जी के जन्मदिन को पूरे विश्व में अहिंसा दिवस के रूप में हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाया जाता है गाँधी जी के जीवन में कई ऐसे पड़ाव आए जब उन्हें अहम मुसीबतों का सामना करना पड़ा था अपनी दक्षिण अफ्रीका की यात्रा के दौरान उन्हें उस समय नस्लभेद टिप्पणी का सामना करना पड़ा जब एक अंग्रेज ने उन्हे सामान के साथ ट्रेन से बाहर निकाल दिया था इसके बाद उन्होंने वहीं से अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठा दी गाँधी जी सत्य के सहारे न्याय की लड़ाई के लिए हमेशा तैयार रहते थे उन्होंने गीता का ना केवल पूरा अध्ययन किया बल्कि उसकी शिक्षा को अपने जीवन में भी लागू किया 2 अक्टूबर को उनके जन्म दिन पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होते हैं और उनके पसंदीदा गीत "रघुपति राघव राजा राम" अधिकांश जगहों पर गाया जाता है राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को उनके जन्मदिन पर याद करने के लिए यह जयन्ती मनाई जाती है क्योंकि गाँधी जी ने अहिंसा के बल पर देश की आजादी में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोड़से ने गाँधी जी को उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी जब वह प्रार्थना सभा जा रहे थे उस समय महात्मा गाँधी जी की शवयात्रा करीब 8 किलोमीटर लम्बी थी। 

     - : पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री  :-

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्मदिन भी 2 अक्तूबर 1904 को मुगलसराय में हुआ था लालबहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे वह 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 को अपनी मृत्यु तक लगभग अठारह महीने भारत के प्रधानमन्त्री रहे इस महत्वपूर्ण प्रमुख पद पर उनका कार्यकाल सादगी से भरा रहा अपनी सादगी और "जय जवान जय किसान" के नारे के साथ जन-जन में लोकप्रिय हुए उनका यह नारा आज के वक्त में भी सटीक और सार्थक है लाल बहादुर शास्त्री जी ने 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध में देश का नेतृत्व किया था इन्हें गरीबों एवं किसानों का नेता कहा जाता था उनकी मृत्यु 11 जनवरी 1966 को उज्बेकिस्तान के ताशकंद में हुई थी। 

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