वृन्दावन। गोविन्द घाट स्थित अखिल भारतीय निर्मोही बड़ा अखाड़ा (श्रीहित रासमंडल) में प्रख्यात राधावल्लभीय संत बाबा गोपाल दास महाराज "लघुसखी" का पंच दिवसीय पावन स्मृति महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ प्रारम्भ हो गया है।महोत्सव का शुभारंभ श्रीमहंत लाड़िली शरण महाराज के पावन सानिध्य में यमुना तट से बड़ा रासमण्डल आश्रम तक गाजे-बाजे के मध्य निकाली गई भव्य शोभायात्रा के साथ हुआ।जिसमें अनेकों महिलाऐं पीत वस्त्र धारण किए एवं सिर पर मंगल कलश लिए साथ चल रहीं थीं।इसके अलावा असंख्य भक्त-श्रृद्धालु हरिनाम संकीर्तन करते हुए शोभायात्रा में शामिल हुए।तत्पश्चात संतप्रवर बाबा गोपाल दास महाराज "लघुसखी" के चित्रपट का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन-अर्चन किया गया।
महोत्सव के अंतर्गत व्यासपीठ से प्रख्यात संत जगद्गुरु द्वाराचार्य मलूक पीठाधीश्वर स्वामी राजेंद्रदास देवाचार्य महाराज ने सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को श्रीमद्भक्तमाल की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि श्रीनाभा दास महाराज द्वारा रचित ग्रंथ श्रीमद्भक्तमाल की कथायें अमृतमयी व कल्याणदायी हैं।इसका श्रवण करने वाले व्यक्ति के सभी संताप नष्ट हो जाते हैं।साथ ही उसके हृदय में प्रभु की भक्ति का उदय होता है।
इससे पूर्व प्रख्यात रासाचार्य स्वामी देवेन्द्र वशिष्ठ महाराज के निर्देशन में दिव्य रासलीला का अत्यन्त नयनाभिराम व चित्ताकर्षक मंचन किया गया।
इस अवसर पर पीपाद्वाराचार्य जगद्गुरु बाबा बलरामदास देवाचार्य महाराज, महंत सुंदरी शरण महाराज (सोनू भैया), महन्त दंपत्ति शरण महाराज (काकाजी), वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, मुख्य यजमान पुरुषोत्तम शर्मा व श्रीमती सुषमा शर्मा (रोपड), प्रवीण कुमार मेहता, मोना मेहता, ध्रुव भगत, रेखा भगत, अर्पिता, महंत रसिक माधव दास महाराज, महन्त ब्रजबिहारी दास महाराज, भागवताचार्य रामप्रकाश भारद्वाज "मधुर", राधावल्लभ वशिष्ठ, डॉ. रधाकांत शर्मा, प्रियाशरण वशिष्ठ, इन्द्र कुमार शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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