भूकंप से बचाव के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जारी की एडवाइजरी*

जिलाधिकारी श्री अरविन्द सिंह ने भूकम्प से बचाव को लेकर जनपदवासियों के लिए एडवाइजरी जारी किया है। उन्होंने कहा कि भूकंप के दौरान जितना संभव हो उतना सुरक्षित रहें। उन्हांेने बताया कि जनपद बलरामपुर भूकम्प की दृष्टि से संवेदनशील है और जोन-4 में आता है। इसलिए जनसामान्य का भूकम्प से बचाव के प्रति जागरूक होना आवश्यक है।
    जिलाधिकारी ने कहा कि भूकम्प के दौरान यदि आप घर के अन्दर हैं तो जमीन पर झुक जाएं। किसी मजबूत मेज अथवा फर्नीचर के किसी हिस्से के नीचे शरण लें अथवा तब तक मजबूती से पकड़कर बैठे रहें जब तक कि भूकम्प के झटके न रूक जाएं। यदि आपके पास कोई मेज या डेस्क हो तो अपने चेहरे तथा सिर को अपने बाजुओं से ढक लें और बिल्डिंग के किसी कोने में झुककर बैठ जाएं। किसी आंतरिक दरवाजे के कोने में किसी मेज अथवा यहां तक कि किसी पलंग के नीचे रूककर अपने आपको बचाएं। शीशे, खिड़कियों, दवाजों तथा दीवारों से दूर रहें अथवा ऐसी चीजें जो गिर सकती हों, से दूर रहें। भूकम्प के शुरू होने पर यदि आप एस समय पलंग पर हो तो पलंग पर ही रहें। 
     जिलाधिकारी श्री सिंह ने बताया कि भूकम्प के दौरान अपने सिर पर किसी तकिए को ढककर बचाएं। किसी भारी लाइट फिक्सचर जो गिर सकती हो, के नीचे न आएं। यदि ऐसी स्थिति हो तो पास के किसी सुरक्षित स्थान की ओर खिसक जाएं। उन्होनंे बताया कि सबसे बड़ा खतरा बिल्डिंग के बाहर, निकास द्वारों तथा इसकी बाहरी दीवारों के पास होता है। उन्होंने बताया की अनुसंधान से यह पता चला है कि ज्यादातर चोटें तब लगती है जब भवन के अंदर मौजूद लोग किसी दूसरी जगह अथवा बाहर जाने का प्रयास करते हैं। यदि आप घर के बाहर हों तो आप घर के बाहर हों तो, जहां हों वहां से आप न हिलें। बिल्डिंग, पेड़ों, स्ट्रीट लाइटों तथा बिजली/टेलीफोन आदि की तारों आदि से दूर रहें। यदि आप किसी खुली जगह पर हों तो वहां तब तक रुके रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। भूकंप से संबंधित अधिकांश दुर्घटनाएं दीवारों के गिरने, टूटकर गिरने वाले कांच तथा गिरने वाली वस्तुओं के कारण होती हैं। यदि किसी चलते वाहन में हों, जितनी जल्दी संभव हो सुरक्षा के साथ गाड़ी रोकें तथा गाड़ी में रुके रहें। यदि मलबे के नीचे फंसे हों। उन्होंने बताया कि आप माचिस की तीली को न जलाएं। धूल न उड़ाए अथवा हिले-डुले नहीं। अपने मुंह को किसी रुमाल अथवा कपड़े से ढकें। किसी पाइप अथवा दीवार को थपथपाएं ताकि बचाने वाले आपको ढूंढ सकें। यदि उपलब्ध हो तो सीटी का उपयोग करें। अगर और कोई उपाय न हो तो तेजी से चिल्लाएं।                            *  बलरामपुर से वी. संघर्ष की रिपोर्ट*

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