मनोज गुप्ता की रिपोर्ट
सिद्धार्थनगर:-छत्रपति शिवाजी महाराज का सबसे खास हथियार 'बाघ नख' सैकड़ों सालों बाद जल्द ही देश लौटेगा। लंदन के म्यूजियम से इसे वापस भारत लाने की बात पर सहमति बन गई है। वीर शिवाजी ने इसी बाघ नख से अफजल खान की हत्या की थी। अफजल खान ने धोखे से शिवाजी पर वार किया था। जिसपर कड़ा पलटवार करते हुए छत्रपति शिवाजी महाराज ने अफजल खान को मात दे दी।
लंदन के विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय में रखे बाघ नख को भारत लाने की तैयारी महाराष्ट्र सरकार पूरी कर चुकी है। यह बाघ नख को तीन साल तक भारत में रखा जाएगा। छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रसिद्ध वाघ नख, 'बाघ का पंजा' हथियार, जिसका इस्तेमाल उन्होंने 1659 में बीजापुर सल्तनत के जनरल अफजल खान को हराने के लिए किया था। प्राप्त जानकारी के मुताबिक नवंबर में लंदन से यह धरोहर महाराष्ट्र लाया जाएगा।
न्यूज 18 इंडिया के मुताबिक महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार बाघ नख की वापसी के लिए संग्रहालय के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए मंगलवार को लंदन गए हैं। महाराष्ट्र के मंत्री ने कहा, "पहले चरण में, हम बाघ नख ला रहे हैं। इसे नवंबर में यहां लाया जाना चाहिए, और हम इसके लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। हमारा प्रयास इसे उस दिन लाना है जब छत्रपति शिवाजी महाराज ने अफजल खान को मारा था।
मुनगंटीवार ने कहा, "जब अफजल खान ने (बैठक के दौरान) शिवाजी महाराज की पीठ में छुरा घोंप दिया, तो शिवाजी महाराज ने क्रूर, राक्षसी अफजल खान को मारने के लिए 'बाघ नख' का इस्तेमाल किया।" उन्होंने कहा, "बाघ नख हमारे लिए प्रेरणा और ऊर्जा का स्रोत है। इस वर्ष शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ भी है।" महाराष्ट्र में 'बाघ नख' की प्रामाणिकता पर बहस चल रही है। इतिहास विशेषज्ञ इंद्रजीत सावंत ने बताया है कि विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय की वेबसाइट बताती है कि छत्रपति शिवाजी ने हथियार का इस्तेमाल नहीं किया था।

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