दुर्गा पूजा महोत्सव का शुभारम्भ देवी आब्हान से हुआ
मथुरा। शारदीय दुर्गा पूजा महोत्सव के प्रथम दिन दुर्गा देवी की षष्ठी पूजा से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर षष्ठयादि कल्पारम्भ की पूजा प्रातः काल से शुरू की गई, सांय के समय देवी को बोधन एवं आमंत्रण किया गया इसके उपरान्त अधिवास का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
महोत्सव की शुरूआत कालिन्दी धाम, निकट मसानी चौराहा पर हुई, यहां विषाल एवं भव्य माँ भगवती दुर्गा की 12 फुट उंची प्रतिमा स्थापित की गयी है, जिसमें माँ भगवती दुर्गा से युद्ध करते शुंभ, निषुंभ को दर्षाया गया है, साथ में गणेष जी लक्ष्मी जी, कार्तिक जी तथा माँ सरस्वती जी को भी सजाया गया है। महिषासुर मर्दनी के स्वरूप की पूजा पूरे विष्व में जहां जहां बंग समाज के लोग रहते हैं की जाती है, वह इस शारदीय नवरात्र के अवसर पर माँ दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं। इन प्रतिमाओं को बंगाल के कलाकारों के द्वारा तैयार किया जाता है। इस पूजा को सम्पन्न कराने के लिए बंगाल से ही तन्त्रसाधक पुजारियों पंडित मोहितोष चौधुरी एवं पंडित श्यामल मुखर्जी को विषेष रूप से बुलाया जाता है। सुबह से ही माँ भगवती के आगमन की पूजा तथा आरती के उपरान्त बंगाल से बुलाये गये परम्परागत विषेष ढाक (ढोल) जिसे बजाने की परम्परा का निर्वहन मथुरा जनपद में भी किया जाता है, जिसमें यहां निवास करने वाले बंग समाज के लोगों द्वारा प्रतिवर्ष माँ भगवती के समक्ष लय ताल पर महिलाएं, पुरूष एवं बच्चे आरती के समय नृत्य करते हैं। सप्तमी के दिन सुबह से सप्तमी की पूजा के पष्चात सभी भक्तों के द्वारा सामुहिक पुष्पांजलि की गई, भोग प्रसाद का वितरण किया गया, दोपहर को चित्रकला एवं फैंसी ड्रेस शो की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। सायं के समय आरती के पष्चात सांस्कृतिक श्रंखला में रात्रि में बच्चों के द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये जिसमें निषा शर्मा, चंचल मण्डल, भूमि राजपूत, दीपिका के ग्रुपों ने अपनी-अपनी प्रस्तुतियां दीं इसी के साथ नीतू और नेहा ने भी सांस्कृतिक कार्यक्रम में समा बांध दिया।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में बंग समाज के प्रतिष्ठित लोग भक्ति भाव से पूजा में सम्मलित हुए जिसमें ब्रजगोपाल साहा, गिर्राज पाल, सपन साहा, विपिन कुमार दत्त, कन्हैया दास, अचिन्त कुमार पाल, श्रीमती सपना साहा, श्रीमती चन्द्रा पाल, नूपूर घोष, श्रीमती सुषमा साहा, विष्वनाथ देवनाथ, रमन घोष, विष्वजीत दत्ता, डॉ0 एस. सी. सरकार, आनन्द हालदार, परेष अधिकारी, सुभाष साहा, डॉ0 टी. के. सरकार, दीपक दत्ता, सुभाष घोष, आषीष घोष, प्रताप विष्वास, श्याम सुन्दर देवनाथ, कन्हैया पाल, मोहन दास बैंक वाले आदि की उपस्थित प्रमुख रूप से रही।
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