मुख्यमंत्री ने महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केन्द्र,
गोरखपुर में निर्मित भवनों एवं इकाइयों का लोकार्पण किया

किसान मेला व कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन
किया, लाभार्थियों को टै्रक्टर की चाभी सौंपी

देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान : मुख्यमंत्री

कृषि विज्ञान केन्द्र से किसानों को उन्नत बीज, मृदा व अन्य तकनीकी
जानकारी मिल रही, कृषि क्षेत्र की विभिन्न विधाओं का प्रशिक्षण प्राप्त हो रहा

प्रदेश सरकार केन्द्र सरकार के साथ मिलकर
कृषि तथा किसानों की समृद्धि के लिए लगातार कार्य कर रही

कुशीनगर में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना के कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा

प्रधानमंत्री जी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य को उपज की लागत का
डेढ़ गुना दाम सुनिश्चित किया, जिससे किसानां की आय में वृद्धि हुई

प्रदेश में 02 करोड़ 62 लाख किसानों को
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्राप्त हो रही

निजी निवेशक मिनी प्रयोगशाला का निर्माण
करके किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने का माध्यम बनें

लखनऊ : 03 अक्टूबर, 2023
 
     मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केन्द्र, गोरखपुर में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत निर्मित भवनों एवं  इकाइयों का लोर्कापण किया। उन्होंने एक दिवसीय किसान मेला व कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री जी ने कृषि प्रदर्शनी का अवलोकन किया और विभिन्न विकास योजनाओं के लाभार्थियों को किट प्रदान कीं तथा टै्रक्टर की चाभी सौंपी।
मुख्यमंत्री जी ने लोगों को कृषि विज्ञान केन्द्र की विभिन्न इकाइयों एवं अन्य लोकार्पण कार्यों की बधाई देते हुए कहा कि महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केन्द्र वर्ष 2016 में किसानों को तकनीकी जानकारी देने एवं वैज्ञानिक पद्धति से किसानी करने के लिए शुरू किया गया था। इससे इस क्षेत्र की कृषि में काफी परिवर्तन आया है। यहां सब्जी का उत्पादन पर्याप्त होता है। इसकी आपूर्ति गोरखपुर शहर को की जाती है जो इस क्षेत्र के लिए गर्व की बात है। किसानों को उन्नत बीज, मृदा एवं अन्य तकनीकी जानकारी एक ही जगह प्राप्त हो इसके लिए कृषि विज्ञान केन्द्र को माध्यम बनाया गया है। यहां से किसान सब्जी व फल उत्पादन, मत्स्य पालन के साथ कृषि क्षेत्र की विभिन्न विधाओं का प्रशिक्षण भी ले रहे हैं। यह कृषि विज्ञान केन्द्र भारत सरकार की सहायता से शुरू किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश की सर्वाधिक आबादी कृषि कार्य करती है। देश की अर्थव्यवस्था में भी कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है। इसलिए केन्द्र सरकार के साथ मिलकर कृषि तथा किसानों की समृद्धि के लिए प्रदेश सरकार लगातार कार्य कर रही है। पूर्वान्चल में भी विभिन्न प्रयासों द्वारा कृषि को उन्नत किया जा रहा है। इसी क्रम में कुशीनगर में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना के कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है। किसानों के लिए अनेक योजनाएं प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं। कृषि में मिट्टी की व्यापक महत्ता है। यही उर्वरता प्रदान करती है। इसीलिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2014 में मिट्टी की उर्वरता की माप के लिए मृदा हेल्थ कार्ड योजना लांच की थी। इस योजना के तहत किसानों को उनकी मिट्टी की मुफ्त जांच करके मृदा हेल्थ कार्ड प्रदान किया जाता है, ताकि किसान अपने खेत की मिट्टी की उर्वरता एवं प्रकृति को जानकर उसके अनुसार कृषि कार्य कर सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने किसानों को उनकी उपज का सही लाभ प्रदान किया। न्यूनतम समर्थन मूल्य को उपज की लागत का डेढ़ गुना दाम सुनिश्चित किया, जिससे किसानां की आय में वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री जी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि द्वारा प्रत्येक वर्ष 6 हजार रुपये की धनराशि उपलब्ध कराकर कृषि एवं किसानों दोनों की समिद्ध के लिए कार्य किया। प्रदेश में 02 करोड़ 62 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्राप्त हो रही है। कृषि से किसानों का पलायन भी रुका है। खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से उनकी आय को बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज कम लागत वाली कृषि पद्धति को अपनाने की जरूरत है। इसके लिए प्राकृतिक खेती पर जोर दिया जाये। जीरो बजट कृषि को आगे बढ़ाया जाये। इसमें रासायनिक उर्वरकों की जरूरत नहीं पड़ती जिससे किसान का पैसा बचेगा और उनकी समृद्धि का मार्ग बनेगा। प्राकृतिक खाद के इस्तेमाल से मृदा का स्वास्थ्य भी उत्तम होगा। इससे यह कृषि विज्ञान केन्द्र इस क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों को प्रशिक्षण देकर उन्हें कृषि के लिए प्रेरित करेगा। सरकार द्वारा प्रत्येक नागरिक को विभिन्न विकास योजनाओं से आच्छादित कर उनके विकास के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। डबल इंजन सरकार सबको जोड़ने का कार्य कर रही है। निजी निवेशक मिनी प्रयोगशाला का निर्माण करके किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने का माध्यम बनें।
कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि यह कृषि विज्ञान केन्द्र अच्छी फसल, सब्जी, फल आदि का उच्च उत्पादकता के सम्बन्ध में अनुसंधान करके तथा किसानों को प्रशिक्षण देकर उनकी आय वृद्धि का माध्यम बनेगा। प्रधानमंत्री जी ने किसानों को अच्छे किस्म के बीज, मिट्टी का ज्ञान एवं उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता कराकर किसानों के विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाया है। आज गन्ना किसानों को समय पर मूल्य का भुगतान किया जा रहा है। कृषि उत्पादां के मूल्य संवर्धन के लिए विभिन्न शोध कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। कृषक उत्पादक संगठनो को अनुदान प्रदान कर पराली से बायोगैस तथा ग्रीन उर्वरक के निर्माण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। पराली को बेचने से किसानां की आय में भी वृद्धि होगी।
कार्यक्रम को सांसद श्री रवि किशन, विधायक श्री फतेह बहादुर सिंह व अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ0 देवेश चतुर्वेदी ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, कृषि वैज्ञानिक तथा कृषकगण उपस्थित थे।
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