उतरौला(बलरामपुर) जनपद में एक आस्था का केंद्र प्रसिद्ध है,देवी पाटन मेला जाने के लिए उतरौला क्षेत्र से कोई भी सीधी बस सेवा नहीं है। उतरौला तहसील से गौरा चौराहा व विस्कोहर होते हुए देवी पाटन मंदिर तक जाने की कोई सरकारी बस सेवा न होने से परिवहन विभाग की लापरवाही साबित हो रही है।  जिससे नवरात्रि में श्रध्दालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।जिले की सबसे पुरानी तहसील उतरौला होने के वजह से भी उतरौला 
 तुलसीपुर होते हुए भी कोई सरकारी बस सेवा देवी पाटन मंदिर तक जाने के लिए नहीं है। यहां के लोग मजबूर होकर अपने निजी बसों का सहारा लेना पड़ता है।
उतरौला तहसील की स्थापना 1875 में हुई थी, तब तुलसीपुर जाने के लिए राप्ती नदी पर पुल न होने से बसों का संचालन नहीं होता था। लगभग दस वर्ष पूर्व क्षेत्र वासियों व जन प्रतिनिधियों की निरन्तर प्रयास से शासन ने उतरौला से तुलसीपुर तहसील होते हुए देवी पाटन मंदिर तक बस से जाने के लिए राप्ती नदी के पिपरा घाट व सिंगार जोत घाट पर पक्के पुल का निर्माण कराया। इस क्षेत्र के लिए दो पुल बनने के बाद भी परिवहन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से दोनों पुलों पर सरकारी बस सेवा अभी तक नहीं शुरू हो सकी है। इधर सरकार ने ऐतिहासिक देवी पाटन मेला को देखते हुए इसे अंगीकृत करके सरकारी मेला की मान्यता दे दी गई है। इस मेले की सरकारी मान्यता मिलने पर भी परिवहन विभाग के अधिकारियों की कुम्भकरणी नींद अभी तक नहीं टूटी हुई है। उतरौला से गौरा चौराहा व विस्कोहर होते हुए तुलसीपुर वाया देवी पाटन मंदिर तक सरकारी बस सेवा चलाए जाने की मांग की जा रही है। लेकिन प्रशासन इस सेवा को चलाने के लिए ध्यान नहीं दे रहा है। आगामी 22 मार्च को शुरू होने वाले इस ऐतिहासिक मेलें को आने जाने के लिए परिवहन विभाग ने उतरौला से देवी पाटन मंदिर तक जाने के लिए कोई सरकारी बस सेवा शुरू करने की योजना नहीं बनाई है।
 बस सेवा न चलने से सादुल्लाह नगर,रेहरा बाजार,बाक भवानीपुर,बढ़नी चांफा, महुआ बाजार, गोमसरा,बिस्कोहर समेत तमाम ग्राम वासियों को मंदिर तक जाने के लिए निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ता है।
असगर अली
उतरौला 

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने