औरैया // अजीतमल सीएचसी क्षेत्र में एंबुलेंस के इंतजार में बुखार पीड़ित ने पांच घंटे तड़प-तड़प कर परिसर में दम तोड़ दिया। मृतक के पिता ने एसडीएम अजीतमल को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया कि वह पांच घंटों तक अस्पताल के डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों से एंबुलेंस मंगवाने के लिए गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी,एसडीएम ने मामले की जांच शुरू करवा कर जानकारी जिलाधिकारी को दी गई है,प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ व उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की ओर से स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में व्यापक सुधार को लेकर भले ही पूरी ताकत लगाई जा रही हो, लेकिन जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उनकी इस मेहनत पर पानी फेरते साफ नजर आ रहे हैं। संवेदनहीनता की इससे ज्यादा और क्या पराकाष्ठा होगी कि अस्पताल परिसर में एंबुलेंस न मिलने पर एक वृद्ध ने तड़पकर दम तोड़ दिया,अजीतमल कोतवाली क्षेत्र के शाहपुर निवासी सद्दीक अली ने एसडीएम को शिकायती पत्र देकर बताया कि पिता इकबाल अली (59) पुत्र बुड्ढे शाह दिव्यांग थे रविवार को उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें सीएचसी अजीतमल में भर्ती कराया था इस दौरान उनका हीमोग्लोबिन 13 प्वाइंट व 80 हजार प्लेटलेट्स थीं डॉक्टर ने रविवार को उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया था,रविवार सुबह इलाज कर रहे डॉक्टर ने सुबह 11 बजे पिता की हालत में सुधार न होने पर सैफई रेफर किया। परिस्थिति अच्छी न होने पर वह पिता के लिए सैफई तक प्राइवेट वाहन उपलब्ध नहीं कर सका। अस्पताल कर्मचारियों के सुझाने पर उसने 108 नंबर पर एंबुलेंस को कई बार फोन किया, लेकिन फोन नहीं लगा इस बीच उसने अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों से एंबुलेंस उपलब्ध कराने की गुहार लगाई आरोप है कि किसी ने उसकी एक न सुनी। लगभग पांच घंटे तक एंबुलेंस न मिलने और बुखार से पीड़ित पिता इकबाल ने सोमवार शाम चार बजे अस्पताल परिसर में दम तोड़ दिया मरीज को सांस की समस्या थी रविवार को इलाज के बाद परिजन उसे घर ले गए,सोमवार को हालत बिगड़ने पर दोबारा अस्पताल लेकर आए, रेफर करने के बाद तीमारदार किसी का इंतजार कर रहे थे मरीज को ले जाने में तीमारदार को किसी प्रकार की कोई समस्या थी तो उन्हें अवगत कराना चाहिए था वह स्वयं एंबुलेंस की व्यवस्था करवाते अस्पताल के पास तीन एंबुलेंस मौजूद हैं,जिसमें एक एंबुलेंस खराब है। डॉ. अवनीश कुमार, सीएचसी अधीक्षक, अजीतमल अस्पताल में एंबुलेंस की पांच घंटे तड़पकर मौत होना दुर्भाग्य की बात है मामले की जानकारी जिलाधिकारी को दी गई है, साथ ही जांच के लिए भी जिम्मेदारों को निर्देश दिए गए हैं लापरवाही करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।राकेश कुमार, एसडीएम अजीतमल मरीज को सांस की दिक्कत थी। रविवार को मरीज को अस्पताल में भर्ती करके इलाज किया गया था। आराम मिलने पर रात को परिजन उसे घर ले गए थे मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि सुबह तबीयत बिगड़ने पर फिर से परिजन उसे अस्पताल लेकर आए थे, जहां डॉक्टर ने उसे उच्च संस्थान के लिए रेफर किया। इस बीच मरीज के साथ मौजूद तीमारदार ने कई बार एंबुलेंस मंगाने को 108 पर फोन लगाया लेकिन उसकी बात पूरी न होने के चलते एंबुलेंस नहीं आ सकी।
औरैया :- पांच घंटे तक एंबुलेंस की आस में तड़पकर मरीज की गई जान।
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