औरैया // पछेती धान की फसल भूरा फुदका कीट की चपेट में आ गई है बारिश अधिक होने के बाद खेतों में भरे पानी में इस कीट ने हमला किया तो पौधे सूखने लग गए इस बार निजी संसाधनों का इस्तेमाल कर जिन किसानों ने समय रहते धान की रोपाई कर ली है, उन्हें फसल में कीट का सामना नहीं करना पड़ा, लेकिन पछेती धान में पौधों के बढ़वार के दिनों में ही बारिश ज्यादा होने लगी थी सितंबर में ही दो-तीन बार झमाझम बारिश से इस कीट का प्रकोप तेजी से बढ़ गया,फसल में कीड़ा लगने की वजह से फसल का उत्पादन कम हो जाता है, क्योंकि यह सीधे तौर पर धान के तने के ऊपर रहकर रस चूसते रहते हैं। तने का रस चूसकर पौधे को सुखाकर फसल को नष्ट कर देते हैं वहीं जिला कृषि अधिकारी शैलेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि जिले में करीब 55 हजार हेक्टेयर में धान की फसल है। जैसे ही किसानों को इस रोग के बारे में जानकारी हो, वे तुरंत ही दवाईयों का उपयोग करें हालांकि, दवा का उपयोग किस प्रकार करना है, इसके बारे में विभाग में आकर वैज्ञानिकों से बात जरूर कर लें।

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