संवाददाता रणजीत जीनगर

चित्तौड़गढ़:-पिछले 45 वर्षों से लगातार गंगरार में गुजरात से आकर बसे हुए गुजराती मोची समाज द्वारा शारदीय नवरात्रि गरबा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिसे भारतीय संस्कृति में एकता के रूप में मनाते हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि भक्त सिर्फ इस त्यौहार को मां की पूजा करके ही नहीं मनाते बल्कि, साथ ही पारंपरिक और रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर लोकगीत गाकर गरबा और डांडिया भी खेलते हैं। नवरात्रि में माताजी को रोजाना अलग-अलग प्रकार के मिष्ठान और प्रसाद के द्वारा भोग लगाया जाता हैं और विश्व में शांति की कामना की जाती है। इस शुभ अवसर पर समाज के अध्यक्ष मिश्री लाल जी उमेतिया ने बताया कि उपाध्यक्ष मांगीलाल जी, कोषाध्यक्ष भवानी शंकर, सदस्य गण गोपाल जी, यमन जी, मनोहर जी, राहुल जी, दिलीप जी, देवदत्त जी, शम्भू जी, राजेश जी और गरबा नवयुवक मंडल सदस्य इस व्यवस्था को अच्छी तरह से संभाल रहे हैं नवरात्रि के अंतिम दिवस रात्रि जागरण के बाद सुबह दशहरा को शोभा यात्रा के रूप में मूर्ति और गरबा को स्थानीय नाहरसिंह माता जी के वहां ले जाकर विसर्जन किया जाता हैं।

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