सेमिनार में उच्च शिक्षा के गुणात्मक विकास में यू जी सी की भूमिका विषय पर छात्र-छात्राओं ने अपने विचार व्यक्त किए जिसमें छात्रा मंगलिका गोपाल पाण्डेय ने पहला स्थान प्राप्त किया।
सेमिनार का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्राचार्य प्रोफेसर जे पी पाण्डेय ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके किया। सेमिनार में उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए प्राचार्य प्रो0 पाण्डेय ने कहा कि ऐसे सेमिनार छात्र-चैत्र के शैक्षिक उन्नयन के लिए आवश्यक है। इससे उनके व्यक्तित्व के विकास में सहायता मिलती है। सेमिनार के विषय पर विचार व्यक्त करते हुए प्राचार्य ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और शोध को बढ़ावा देने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।शैक्षणिक संस्थानों में मानवीय मूल्यों की संस्कृति को बढ़ावा देने के मकसद से यूजीसी ने मूल्य प्रवाह नाम से दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं. इसके अलावा कॉलेज और विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के लिए गुरु दक्षता की शुरुआत भी की गई है, जिसके तहत शिक्षकों के लिये शिक्षक प्रेरणा कार्यक्रम यानि इंडक्शन प्रोग्राम अनिवार्य किया जाएगा. इसका मकसद शिक्षकों को छात्रों के समक्ष रोल मॉडल यानि आदर्श के तौर पर पेश करना करना है। विभागाध्यक्ष व सेमिनार के संयोजक डॉ दिनेश कुमार मौर्य ने मुख्यअतिथि का स्वागत करते हुए सेमिनार के उद्देश्य पर चर्चा की। सेमिनार के सहसंयोजक व असिस्टेंट प्रोफेसर शिक्षाशास्त्र लेफ्टिनेंट डॉ देवेन्द्र कुमार चौहान ने सेमिनार के विषय पर विस्तृत जानकारी देते हुए सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। सेमिनार का संचालन सीमा श्रीवास्तव ने किया। निर्णायक व विभागीय शिक्षक श्रीनारायण सिंह व आनंद त्रिपाठी ने मंगलिका गोपाल पाण्डेय को प्रथम,सुषमा चौरसिया को द्वितीय व रेशू चौहान को तीसरे स्थान के लिए चुना। प्राचार्य,विभागाध्यक्ष व सहसंयोजक के द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र व पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर परास्नातक कक्षा के सभी छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
*हिंदी संवाद न्यूज़ से*
*वी. संघर्ष*
*बलरामपुर*
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